स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए नगर निगम ने कसी कमर
डोर-टू-डोर कूड़ा कलैक्शन को लेकर नगर निगम तैयार
हाउस टैक्स की रसीद दिखाओ और डस्टबिन ले जाओ
चार महीने के विशेष सफाई अभियान के लिए बन रही प्लानिंग
आगरा। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणामों में नेशनल स्तर पर 16वीं और प्रदेश स्तर पर दूसरी रैंक मिलने पर उत्साहित नगम के अफसरों ने अभी से अगले साल के परिणामों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर नगर निगम ने देश में टॉप-10 की पंक्ति में शामिल होने के प्लानिंग शुरू कर दी है। इसमें डोर-टृ-डोर कूड़ा कलैक्शन के लिए सभी वार्डो में तीन रंग के डस्टबिन बांटे जा रहे हैं। इसके लिए कोई भी व्यक्ति हाउस टैक्स की रसीद दिखाकर डस्टबिन ले सकता है। हर वार्ड को रिक्शा मुहैया कराए जा रहे हैं। आज सदन में चार महीने के विशेष सफाई अभियान की घोषणा हो सकती है। इसको लेकर प्लानिंग को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
अभी तक बंट चुके हैं 30-40 हजार डस्टबिन
शहर के 100 वार्डो में सुपरवाइजर सेनेटरी इंस्पेक्टर और स्थानीय पार्षद के सहयोग से तीन रंग के लाल, हरा और नीले कलर का डस्टबिन मुहैया कराया जा रहा है। इस बारे में नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे़ ने बताया कि कोई भी हाउस टैक्स पेयर ये डस्टबिन ले सकता है। उन्होंने बताया कि हमारा फोकस डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ सेरीगेशन पर भी है। इसके लिए 15 अक्टूबर से जनवरी 2021 तक के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है।
ये किया जा रहा काम
डस्टबिन वितरण के साथ सभी वार्डो की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। किस वार्ड में किस सेनेटरी इंस्पेक्टर को कितने रिक्शे व कर्मचारी चाहिए। अब तक का क्या रेशियो है, इसका होमवर्क किया जा रहा है। इसके अलावा डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) से टैग की स्कैनिंग करने की भी व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि पहले 5 कंपनियां डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाईं गई थी। बाद में घोटाले का खुलासा होने पर उनको नगर निगम ने करार खत्म कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। शुरुआत में 5 वार्डो में स्कैन करने की व्यवस्था शुरू की गई थी। अब इसको बढ़ाया जा रहा है।
इनको दी गई थी जिम्मेदारी
शहर के 100 वार्डो में कूड़ा कलेक्शन और उठान की स्थिति की मॉनीटरिंग करने के लिए जेएडएसओ, सेनेटरी सुपरवाइजर, सेनेटरी इंस्पेक्टर, जोनल सेनेटरी ऑफिसर को जिम्मेदारी दी गई है।
डलाबघर
जोन डलाबघर
हरीपर्वत 39
ताजगंज 25
लोहामंडी 50
छत्ता 52
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20 लाख शहर की जनसंख्या
-100 वार्ड शहर में
-268 वाहन कचरा उठाने वाले
-टेम्पो की संख्या 102
- कुल हाइवा 16
- कुल चेन मशीन 25
- कुल ट्रक 17
-कुल जेसीबी 12
- कुल लोडर 8
- कुल हुक लोडर 9
- कुल ट्रैक्टर 50
- कुल कांपेक्टर 25
- कुल ट्रिपर की संख्या 25
- कुल सीवर जेटिंग मशीन 4
- कुल टेम्पो बाथरुरूम सफाई
- कुल कूड़ा उठाने वाले बड़े वाहन 122
- कुल बड़े डंफर वाले डस्टबिन 280
- कुल मशीनें खत्ताघर पर 4
शहर की स्थिति
388 क्लीनिक नगर निगम की सीमा में
805 नìसग होम्स, हॉस्पिटल नगर निगम में
527 होटल और रेस्टोरेंट निगम की सीमा में
612 इकाइयों को किया गया चिह्नित जो कूड़े का स्वंय निस्तारण नहीं कर रही हैं
785 से 800 मीट्रिक टन कूड़ा शहर में रोज निकलता है
- कूड़े को प्रोसेसिंग प्लांट कुबेरपुर भेजा जाता है
- 3.5 एमटीडी गीले कूड़े से कंपोस्ट तैयार किया जाता है
- 0.3 एमटीडी फूलों से कंपोस्ट तैयार किया जाता है।
सभी वार्डो में डस्टबिन बांटे जा रहे हैं। इसमें जो हाउस टैक्स पेयर हैं, वे रसीद दिखाकर डस्टबिन ले सकते हैं। शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन व विशेष सफाई अभियान के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी वार्डो की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हमारा फोकस सॉलिड वेस्ट के सेरीगेशन पर है। इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है।
निखिल टीकाराम फुंडे नगर आयुक्त आगरा
ऑर्गेनिक वेस्ट प्लांट पर जो भी सब्जियों का कचरा आता है, प्लांट पर उसका ऑर्गेनिक खाद बनाया जाता है। इसमें मशीन द्वारा खाद तैयार किया जा रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के समय कूड़े को अलग-अलग कर लाया जाता है। उसके बाद यहां खाद बनाई जाती है।
प्रदीप कुमार प्लांट कर्मचारी
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए तीन तरह के डस्टबिन दिए जा रहे है। अब कुछ रिक्शा भी आना शुरू हुए है,। लेकिन ये सड़क तक ही सीमित रह जाते है। डोर तक नहीं आते हैं। इस ओर भी ध्यान देने की जरुरत है।
सौरभ शर्मा दयालबाग
पहले तो कूड़ा लेने गाड़ी आती थी, लेकिन अब कोई गाड़ी नहीं आती है। हालांकि हम तो अपना कूड़ा डस्टबिन में ही डालते है। अब गाड़ी नहीं तो रिक्शे वाले ही शुरू कर दिए जाएं।
प्रिया
पहले कुछ दिन गाड़ी आती थी, उसके बाद कई महीने हो गए बंद हुए। वे पर्ची देते थे, जिस पर नंबर भी लिखा होता था। इसके अलावा घरों पर स्टीकर जैसे भी लगाए गए थे, उनको क्या होगा। अभी तक कुछ हुआ नहीं।
गुंजन
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