- सैन्य कर्मी के अकाउंट से निकले 2.57 लाख रुपये

- बेटे ने एक गेम एप के लिए किया था ट्रांजेक्शन

आगरा। ऑनलाइन गेम की शॉपिंग करना एक यूजर को भारी पड़ गया। गेम का एप डाउनलोड करने के लिए यूजर ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया। 1200 रुपये के इस ट्रांजेक्शन में यूजर्स के एकाउंट से ढाई लाख रुपये से अधिक निकल गए। जानकारी होने पर पीडि़त साइबर सेल पहुंचा। मामले की शिकायत की।

एकाउंट से कटते रहे रुपये

सदर निवासी सैन्य अधिकारी के बेटे ने डेढ़ महीने पहले मोबाइल से एक गेम पर्चेज किया। गेम का रेट 1200 रुपये था। बेटे ने गेम का एप डाउनलोड करने को पेमेंट कर दिया। कुछ दिन पहले ही सैन्य कर्मी ने जब अपना मोबाइल देखा तो उनके होश उड़ गए। 1200 रुपये कटने के कई मैसेज उनके मोबाइल में थे। उन्होंने चेक किया, तो एकाउंट से 2.57 लाख रुपये पार हो चुके थे। इसके बाद पीडि़त ने साइबर सेल में मामले की शिकायत की।

एचटीटीपीएस देखकर ही करें साइट ओपन

आगरा साइबर सेल के साइबर एक्सपर्ट विजय तोमर की मानें तो किसी भी वेबसाइट पर आंख बंद कर भरोसा नहीं करें। पहले साइट पर जाते ही यह देख लेना चाहिए कि वह वेरीफाई है या नहीं। पहले इसकी जांच कर लें इसके बाद ही कोई कदम उठाएं। किसी साइट को खोलते ही ऊपर एड्रेस आता है। उसमें देख लें कि एचटीटीपीएस (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर) है या नहीं। यदि नहीं है तो उस साइट को ओपन न करें। इस प्रोटोकॉल के होने से साइट सेफ रहती है।

हैक टूल्स से होता है डाटा चोरी

आईटी एक्सपर्ट राजीव यादव की मानें तो हैक टूल्स एक एप्लीकेशन है, जो आपके काम पर नजर रखती है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से काम करती है। यदि किसी बैंक की साइट खोलने के दौरान दूसरी साइट पहले खुलती है और वह आपकी डिटेल मांगती है, डिटैल भरने के बाद बैंक की साइट खुलती है, तो समझ लें कि हैक टूल्स का यूज किया जा रहा है। हैकर्स इस तरह के टूल्स का यूज करते हैं। यदि यह टूल्स सिस्टम में होता है, तो डिटेल डालते ही इमेज बन जाती है। सीधी हैकर्स के पास चली जाती है। इसके बाद वह एकाउंट आदि को निशाना बना लेता है।

रिव्यू हमेशा करें चेक

साइबर सेल के विजय कुमार के मुताबिक मोबाइल में कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू पर जरूर निगाह डालें। रिव्यू से आपको उस एप और वेबसाइट की जानकारी हो जाएगी। जो लोग उसका यूज कर चुके हैं वह अपने कमेंट उसमें डालते हैं। इससे पता पड़ जाएगा कि साइट सेफ है या नहीं। इसके बाद कंपनी पर परर्चेजिंग करें।

अधिक समय लगे तो न करें ट्रांजेक्शन

किसी भी साइट पर पेमेंट आदि करने का समय पांच से 10 मिनट करीब होता है। यदि डिटेल भरने के बाद प्रोसेसिंग इतने समय को पार कर दे तो तुरंत उस साइट को बंद करें और फिर से उससे पेमेंट न करें।

अच्छे एंटी वायरस का करें यूज

सिस्टम में हमेशा एंटी वायरस अपडेट रखें। ऑनलाइन प्रोटेक्शन देने वाले एंटी वायरस आपके सिस्टम पर मेलवेयर साइट व अनवांटेड साइट को ओपन नहीं होने देंगे। वह पहले ही आपको सचेत कर देगा।