AGRA (25 April): तेंदुआ को पकड़ने के लिए पुलिस, प्रशासन और संबंधित विभाग लाचार दिखाई दिया। उसे पकड़ने में हद दरजे की लापरवाही बरती गई। सुरक्षा उपकरण और संसाधनों के अभाव में वाइल्ड लाइफ की टीम तेंदुए को पकड़ने पहुंची। यदि इस दौरान तेंदुआ बेकाबू हो जाता तो बड़ा हादसा होने की संभावना से इनकार नहंी किया जा सकता।

मौके पर पांच घंटे देरी से

पहुंची वाइल्ड लाइफ टीम

घटनाक्रम करीब साढे़ 11 बजे शुरू हो गया था। तभी तत्काल वन विभाग और संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया, लेकिन आनन-फानन में रेस्क्यू संचालित करने के कोई उपाय नहीं तलाशे गए। बल्कि सूचना के मिलने के पांच घंटे की देरी से वाइल्ड लाइफ की टीम मौके पर पहुंची। सुरेश नगर निवासी नीतेश शिवहरे, राहुल सिसौदिया, खुर्शीद एडवोकेट ने बताया कि जैसे ही चौकीदार चन्द्रभान ने उन्हें सूचना दी। तो उन्होंने सबसे पहले न्यू आगरा पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। राहुल सिसौदिया ने बताया कि उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देने के अलावा डीएम और वाइल्ड लाइफ की टीम को सूचना दी। तब वाइल्ड लाइफ की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया गया।

ट्रेंकुलाइजर गन के बावजूद भी कबीलाई पद्धति से मारा इंजेक्शन

जिस प्लाट के कमरे तेंदुआ छिपकर बैठा हुआ था, वाइल्ड लाइफ टीम के सीनियर वेटनरी ऑफिसर इलिया राजा के नेतृत्व छह सदस्यीय टीम ने नेट लगाकर घेराबंदी का प्रयास किया। इसके बाद ट्रेंकुलाइजर गन से नशे का इंजेक्शन दिया जाना था, लेकिन कमरे में जगह करने के लिए कोई ड्रिल मशीन नहीं थी। स्थानीय लोगों की मदद से ड्रिल मशीन से छेद किया। गन से इंजेक्शन इंजेक्ट किया गया, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। बाद में डॉ। इलिया राजा ने पाइप से फूंक मारकर दुबारा आठ बजे इंजेक्शन दिया गया। इस दौरान खास बात ये रही कि अंधेरे में मोबाइल का की लाइट से काम चलाया जा रहा था। पुलिस की ड्रैगन लाइट नजर नहीं आयी।

होश आने पर दिया मीट

रात को तेंदुए को दूसरे पिंजरे में शिफ्ट किया गया। रात को पौने ग्यारह बजे उसे होश आने पर मांस खिलाया गया। इधर, वाइल्ड लाइफ की टीम जिस जानवर को पकड़ती है। उसके बाद उसे डीएम की अनुमति से जंगल में छोड़ा जाता है। फिलहाल उसे वाइल्ड लाइफ टीम ने अपनी कस्टडी में भालू संरक्षण केंद्र कीठम में रखा है। गौरतलब है कि फीरोजाबाद से पकड़े गए तेंदुए को शामली के जंगलों में छोड़ा गया था। वहीं, टीम के देरी से पहुंचने का कारण वाहन का एक्सल टूटना रहा है।