छह से 15 किलो का बस्ता

आई नेक्स्ट की अलग-अलग टीम मंडे को सुबह से निकल पड़ीं। स्कूलों की मनमानी और कमीशन का खेल आपके बच्चे पर किस कदर भारी पड़ रहा है इस हकीकत को सामने लाने के लिए। स्कूल्स के गेट और आसपास मौजूद आई नेक्स्ट टीम ने पीठ पर बस्ते का बोझ लादकर स्कूल पहुंच रहे बच्चों को जब वजन किया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। वेइंग मशीन पर बैग के साथ तोलने के बाद जब बच्चे को इस बोझ से आजाद कर वजन लिया गया तो पैरेंट्स भी दंग रह गए। सिटी के प्रॉमिनेंट स्कूल्स के बच्चों के बैग का वजन छह से 15 किलो तक था। कई बच्चों का खुद का वजन इस बैग के भार से कुछ किलो ही ज्यादा था। यानी अपने से आधे से ज्यादा वजन का बैग ढोकर वे स्कूल की मुश्किल राह तय करने को मजबूर हैं।

सबसे भारी बैग

आई नेक्स्ट की इस एक्टिविटी में जब वेइंग मशीन पर लोगों की नजर गई तो कुछ पैरेंट्स भी इस तकलीफ को छिपा नहीं सके। बहरहाल, बच्चों को सबसे भारी बस्ते की 'सौगातÓ देने वाले स्कूल्स में आगरा पब्लिक स्कूल ने बाजी मारी। तमाम स्कूल पर हुई इस एक्टिविटी के जब रिजल्ट पर नजर गई तो इस स्कूल की आठवीं क्लास के सार्थक के बैग का वजन 15 किलो था। जबकि सार्थक का खुद का वजन 35 किलो निकला। आगरा पब्लिक स्कूल के बाद बच्चों को भारी बस्ता देने के मामले में सेंट पेट्रिक्स दूसरी पोजिशन पर रहा। यहां की थर्ड क्लास की स्टूडेंट जपनीत की पीठ पर लदे बैग का वजन 11.9 केजी निकला। उसके बैग के बोझ का अहसास उसे स्कूल ड्रॉप करने आए उनके फादर के चेहरे पर साफ झलक रहा था। जपनीत का खुद का वजन 38 केजी था। इसके बाद सेंट क्लेयर्स ने सिटी के तमाम स्कूल्स के भारी-भरकम बैग की रेस में तीसरी पोजीशन दर्ज कराई। इस स्कूल की क्लास 4 में पढऩे वाले तरंगदीप सिंह का वजन महज 17 केजी था, जबकि उसके बैग का भार 11 केजी था। इसी स्कूल की क्लास वन में पढऩे वाली आन्या का वजन 15 किलो था और उसके बैग का 10 किलो। उसके और उसके बैग के वजन में महज पांच किलो का फर्क था। डीपीएस, गायत्री पब्लिक स्कूल, सेंट एंथोनी, सेंट फ्रांसिस, आगरा पब्लिक स्कूल भी पीछे नहीं रहे। उनका भी वजन स्कूल बैग एक्ट 2006 के तहत तय मानक से कई गुना भारी साबित हुआ.के

How to reduce the weight of school bag?

- क्लास वर्क के लिए सिंगल नोटबुक कैरी करवाएं

- नोटबुक 100 पेज से ज्यादा की न हो

- टीचर्स डेली टेक्स्टबुक से स्टडी करवाना अवॉइड करें जिससे स्टूडेंट्स को टेक्स्टबुक कैरी नहीं करनी पड़े।

- हर दिन दो से तीन सब्जेक्ट से ज्यादा में होमवर्क न दें और होमवर्क टाइम टेबिल क्लास में डिस्पले करें

- एक सेशन में टेक्स्टबुक्स को तीन पाट्र्स में डिवाइड करें

- बुक्स को रखने के लिए स्कूल में लॉकर सिस्टम लागू करें

- टेक्स्टबुक्स को स्टडी करने के बाद लाइब्रेरियन उनको क्लासरूम से कलेक्ट करें और बाद में क्लास होने पर उसको डिस्ट्रीब्यूट करें

- मिनरल वाटर की स्कूल में व्यवस्था करें क्योंकि वाटर बोतल से बैग का वेट बढ़ता है

- पेरेंट्स हर दिन बच्चे का बैग चेक करें कि कहीं बच्चा टाइम टेबिल से ज्यादा बुक्स तो नहीं लेकर जा रहा

- जो बच्चे बैग का ज्यादा वेट लोड करते हैं उनकी स्कूल में काउंसलिंग होनी चाहिए

- स्कूल में स्कूल बैग अवेयरनेस डे सेलीब्रेट होना चाहिए

प्लीज, अंकल मेरा बस्ता भी देखिए। यह बहुत भारी है। इसका भी तो वजन करके देखिए। जिस टाइम वजीरपुरा रोड स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल के बाहर आई नेक्स्ट की टीम छोटे-छोटे स्टूडेंट्स और उनके बस्ते का वजन कर रही थी, तब बच्चे अपने-अपने बस्ते का वजन कराने को लेकर खासे उत्सुक नजर आए।

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