लेट्स गो टू मॉल्स

अपने प्लेग्रुप में पढ़ रहे बच्चों को 'स्मार्टÓ बनाने के लिए स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन उन्हें प्रिमाइसिस से बाहर भी ले जा रहा है। इसमें बच्चों को पिज्जा के मल्टीनेशनल ब्रांड्स के आउटलेट्स के साथ शॉपिंग मॉल्स तक ले जा रहे हैं। यही नहीं, बड़े काम की एटीएम मशीन के पास ले जाकर नन्हीं जान को बताया जा रहा है।  

घर पर पेरेंट्स पढ़ा रहे पाठ

प्ले ग्रुप के साथ ही स्टूडेंट्स को घर पर पेरेंट्स भी पाठ पढ़ा रहे हैं। उन्हें बुक्स में दिखाकर व मार्केट ले जाकर हर चीज से अवगत करा रहे हैं, ताकि वह अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। पेरेंट्स द्वारा बच्चों को जागरूक किया जा रहा है।

शॉपिंग मॉल में कर रहे परचेज

स्टूडेंट्स को सभी के बारे में जानकारी हो सके, इसलिए पेरेंट्स बच्चों को शॉपिंग मॉल में ले जाकर परचेजिंग करा रहे हैं। साथ ही साथ उन्हें यह भी बता रहे हैं कि शापिंग मॉल में क्या-क्या सामान मिलता है।

मनीष अरोड़ा बचपन, प्ले वे ग्रुप शास्त्री पुरम

छोटे-छोटे बच्चों को अवेयर करने के लिए सबसे पहले उन्हें विश करना सिखाया जाता है, जिससे वह किसी के सामने खड़े होकर उनका आदर कर सकें। स्टूडेंट्स बनने से पहले बच्चे को मेनर्स आना बहुत जरूरी है। इसके अलावा स्टूडेंट्स को कलर्स, अल्फाबेट, व्हाइट बोर्ड सहित अन्य जानकारी भी दी जा रही हैं।

अंजली श्रीवास्तव, नर्सरी टीचर

प्ले ग्रुप में आने वाले स्टूडेंट्स को इस काबिल बना दिया जाता है कि वह नर्सरी के लिए जिस भी स्कूल में जाएंगे, उन्हें हर आवश्यक वस्तु के बारे में जानकारी हो। स्टूडेंट्स को रोड्स पर ट्रेफिक लाइट फोलो करना सिखाया जाता है। प्लांट्स लगाने पर जोर दिया जाता है, यही नहीं उससे होने वाले बैनीफिट भी बताए जाते हैं। नीट एंड क्लीन एरिया रखने के लिए भी स्टूडेंट्स को अवेयर किया जाता है.

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