शूटिंग की नेशनल प्लेयर हैं, पहला नेशनल आगरा में ही खेला था

आगरा: आईएएस की टॉप टेन में अपना नाम शुमार कराने वाली मेधा रूपम का फंडा है, मेहनत करो और मुकाम पाओ। वेडनसडे को सिटी में अपने नाना के घर आई तो उन्होंने अपनी फ्यूचर प्लानिंग के बारे में बताया।

फ्रेंड ने बताया था रिजल्ट

मेधा ने बताया मैने और मां ने पहले से ही प्लानिंग बना रखी थी। रिजल्ट लास्ट से देखेंगे। इससे पहले एक दोस्त का फोन आया। उसने बताया तुम्हारी 10वीं रैंक आई हैं। मैने दोस्त से कहा मजाक मत कर सही बता। उसने कहा खुद ही देख लो। मैंने वेबसाइट पर रिजल्ट देखा। एक पल के लिए मुझे और मेरी मां को विश्वास नहीं हुआ।

बस नंबर का गेम है

मेधा ने बताया कि रिजल्ट दो-तीन बार देखने पर मां को गले लगाते हुए कहा कि सब भगवान की कृपा हैं क्योंकि मेहनत तो सभी करते हैं। यह तो बस नम्बर्स का गेम है। 10 या 13 रैंक में फर्क तो कोई ज्यादा नहीं होता हैं। शुक्रिया अदा किया और जोर से मां को गले से लगाया।

कभी चीफ जस्टिस इंडिया का सपना देखा

बचपन में ही फ्यूचर की प्लानिंग बनाने पर मेधा ने बताया कि बचपन में बहुत अलग-2 सपने देखे। कभी चीफ जस्टिस इंडिया बनने का सपना था तो कभी कुछ, लेकिन सभी में एक बात कॉमन थी, कि देश के लिये कुछ करना हैं। हम और आप लोग मिलकर देश के लिए कुछ करें तो देश बहुत आगे तक ले जा सकते हैं।

सोचा तक नहीं था टॉप टेन में आने का

मेधा का कहना था कि इसका तो मैंने कभी अंदाज भी नहीं किया था कि टॉप टेन में जगह बना पाएंगे। ना तो कभी सपने में सोचा था, इनफेक्ट मैंने तो दोबारा से एग्जाम की तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन बस भगवान की कृपा रही।

आईएएस एसप्रिंटस सिर्फ मेहनत करें

आईएएस एसप्रिंटस के लिए मेधा का सुझाव है कि लाइफ में जमकर मेहनत करो, मन लगाकर पढ़ो और साथ-2 प्लानिंग करें। स्पोटर्स से भी जुड़े रहें। क्योंकि मैं भी उस तरह की इंसान नहीं कि जो 15 से 18 घण्टों तक पढ़कर 10 रैंक लाई हूं।

फादर से हुई इंस्पायर

फैमिली के रोल के बारे में मेधा कहती हैं कि मेरे फॉदर ज्ञानेश गुप्ता भी एक आईएएस हैं। वह वर्तमान में केरल कैडर से दिल्ली में पोस्टेड हैं। फॉदर से मुझे इसकी प्रेरणा मिली। मेरी पूरी फैमिली ने मुझे हर समय फुल सपोर्ट किया। इसको मैंने पिछले तीन सालों में देखा है। मेरे पैरेंटस, ग्रांड पेरेंट्स, मेरे नाना और नानी सभी ने मेरे ऊपर विश्वास रखा। इस विश्वास को कायम मुझे अपने अंदर रखना पड़ा।

शूटिंग है मेरा फेवरेट गेम

मेधा ने बताया कि एअर राइफल शूटिंग बहुत पसंद हैं। वह इसकी नेशनल प्लेयर भी रह चुकी है। पहली बार शूटिंग का नेशनल आगरा में खेला था और दूसरी बार अहमदाबाद में खेला था।

नाना के घर बिखरी रौनक

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित सिविल सेवा परीक्षा, 2013 में 10 वां स्थान पाने वाली मेधा रूपम वेडनसडे को सिटी के मशहूर फिजीशियन डा। ओमप्रकाश आर्या के यहां आई। डॉ। आर्या मेधा के नाना हैं। इस दौरान मेधा के नाना, नानी उर्मिला आर्या, मां अनुराधा कुमार, मामा अनुराग आर्या और छोटी बहन अभिश्री भी मौजूद थी।