आगरा के इतिहास में सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री का ट्यूजडे को आखिरकार खुलासा हो गया। इस मर्डर मिस्ट्री ने पुलिस को चकरघिन्नी बना दिया था। करीब डेढ़ महीने की सघन जांच के बाद पुलिस आरोपियों के गले तक पहुंची है। आरोपियों को ट्यूजडे को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

बन गया था सवाल

नेहा मर्डर केस में जुटी आगरा की पुलिस पिछले कई दिनों से उलझी पड़ी थी। शक की सूई के आधार पर की जा रही कार्रवाई में उसे फॉरेंसिक जांच में सफलता मिली। जांच में बार-बार आ रहे दो नामों पर पुलिस की कार्रवाई जारी रही। ये नाम थे लैब टेक्नीशियन यशवीर संधु और उदय। जिनके खिलाफ पुलिस को काफी सबूत मिले। सबूतों की बिनाह पर पुलिस ने इनको अरेस्ट किया गया।

हर कदम उठाया

जांच में जुटी पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने घटना को लेकर हर संभव कदम उठाया। सख्त रवैया अपनाते हुए डीईआई कैंपस के स्टूडेंट्स से पूछताछ की गई। इसमें डीईआई का स्टाफ भी था। इसके अलावा पुलिस जिन दो लोगों से पूछताछ कर रही थी उनके बयान बार-बार बदल रहे थे। घटना की जांच में जुटी पुलिस टीम को पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था, पुलिस महानिरीक्षक आगरा जोन व उप महानिरीक्षक ने प्रशस्ति पत्र और नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

Jail से देगा एग्जाम

सीजेएम ने आरोपी उदय स्वरूप को एग्जाम देने के लिए अनुमति दे दी। आरोपी के एडवोकेट अचल शर्मा ने उसे स्टूडेंट होने का हवाला देते हुए यह अनुमति ले ली। जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए जिला कारागार के अधीक्षक को डीईआई एग्जाम प्रोग्राम के अनुसार प्रॉपर सुरक्षा व्यवस्था में एग्जाम दिलाए जाने के आदेश दिए। इसके साथ ही उसके बाद पुन: जेल में निरुद्ध करने और छह मई तक आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए।

ईवनिंग टाइम में लाए

न्यू आगरा पुलिस ने मंडे दोपहर में दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की लैब में हुए नेहा शर्मा मर्डर केस के आरोपी उदय स्वरूप पुत्र राजेंद्र प्रसाद निवासी प्रेम नगर, दयालबाग और यशवीर सिंह पुत्र गुरुदत्ता निवासी अदनबाग, दयालबाग को कोर्ट उठने से कुछ देर पहले ही पेश किया। पुलिस की रणनीति थी कि लास्ट मूमेंट टाइमिंग में कोर्ट पेशी करने से आरोपियों को हमले से बचाया जा सकता है। लेकिन, फिर भी गुस्साई भीड़ ने दीवानी कचहरी में जमकर नारेबाजी की। वहीं एक सीनियर एडवोकेट ने कोर्ट के अंदर दोनों आरोपियों के चेहरे नकाब नोंच लिया। उधर बाहर निकलते ही एक बार फिर से यंग एडवोकेट्स ने मुंह ढकने के लिए यूज किए गए कपड़े आरोपियों से छीन कर आग के हवाले कर दिए।

दौड़ा लिया भीड़ ने

आरोपियों को न्यू आगरा इंस्पेक्टर बीएस त्यागी मय फोर्स लेकर आए। सीओ पहले से ही सीजेएम कोर्ट के बाहर मुस्तैद थे। भीड़ ने जैसे ही आरोपियों को देखा, वह उनकी ओर लपकी। लेकिन, पुलिस ने उन्हें बचाते हुए कोर्ट के अंदर पेश कर दिया। कोर्ट में पेशी के दौरान भीड़ कोर्ट के बाहर जमा रही। भीड़ 'दोषियों को फांसी दो नारे लगा रहे थे। मौके को देखते हुए पुलिस ने पेशी के बाद आरोपियों को कोर्ट के पीछे स्थित जजेज चैम्बर साइड से निकालते हुए प्राइवेट कार में बैठा तेजी से दौड़ दी। हालांकि भीड़ ने इस कार पर हमले के लिए गेट नम्बर एक तक दौड़ लगाई।