- नन ऑफ दी अबॉव विकल्प पर भी दे सकेंगे अपना मत

- शिक्षण संस्थानों के छात्रसंघ चुनावों के वोटर्स को दी सुविधा

आगरा। अब देश की यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थानों के छात्र संघ चुनावों में भी वोटर्स के पास नोटा का विकल्प होगा। स्टूडेंट्स किसी सक्षम उम्मीदवार के न होने की स्थिति में इस अधिकार का उपयोग कर सकेंगे। खास बात यह कि यह नियम इसी सेशन से लागू होगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने इसे लेकर देशभर के संस्थानों को सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

यूजीसी ने जारी किए निर्देश

यूजीसी द्वारा समय-समय पर शिक्षण संस्थानों को छात्र संघ चुनावों के दौरान लिंगदोह समिति की सिफारिशों का संख्ती से पालन करने के निर्देश दिए जाते रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी संस्थानों द्वारा चुनाव के दौरान नियम ताक पर रखकर धड़ल्ले से प्रचार और मनमानी की जाती है। इसी के कारण स्टूडेंट्स या तो अपने मत के अधिकार का उपयोग ही नहीं करते, और जो करते हैं वे भी कई मामलों में बेमन किसी एक उम्मीदवार को अपना वोट दे देते हैं। लेकिन अब यूजीसी ने इसका भी समाधान निकाल लिया है। आयोग ने अब यूनिवर्सिटी और कॉलेज यूनियन इलेक्शंस में नोटा का अधिकार दिया है।

वोट बन जाती है मुसीबत

हर साल बड़ी मात्रा में फ‌र्स्ट ईयर स्टूडेंट्स कॉलेज में कदम रखते हैं। ऐसे में यह संख्या वोट बैंक के मामले में काफी अहमियत रखती है। कैंडिडेट्स इसी मकसद से नए स्टूडेंट्स को घेरने में शुरू से ही लग जाते हैं। लेकिन इन सब के बीच कॉलेज राजनीति से परे नार्मल स्टूडेंट्स काफी फजीहत भी झेलते हैं। नए स्टूडेंट्स के लिए मुश्किल ये कि कौन सा उम्मीदवार बेहतर है। और पुरानों के लिए किसी से सपोर्ट करें? यह सवाल सिर दर्द बन जाता है। लेकिन अब इसका भी विकल्प मौजूद है। अगर किसी स्टूडेंट को उम्मीदवार को पंसद नहीं आता है तो वो नन ऑफ दी अबॉव (नोटा) का ऑप्शन चुन सकते हैं।

कॉलेज बैलेट में होगा विकल्प

यूजीसी ने इस बार यूनिवर्सिटी व कॉलेजों के यूनियन इलेक्शन में नॉन ऑफ द अबॉव (नोटा) के बटन या बैलेट में इसका चिन्ह प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। यह चिन्ह बाकी छात्र संगठनों के चिन्हों के समान ही अलग से चिन्ह होगा। जिससे वोटर्स को नोटा को पहचानने में आसानी होगी। यह पहली बार है जब शिक्षण संस्थानों में यूनियन इलेक्शन के दौरान नोटा का उपयोग होगा।