- एक पखवाड़े पूर्व कराया था अधिकारियों को अवगत

- गढ़ी चांदनी प्राथमिक विद्यालय की बनी जर्जर स्थिति

आगरा। पहले हुए हादसों से सबक न लेने के कारण शनिवार को एक बार फिर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में बच्चों की जान जोखिम में आ गई। खौफ का ये मंजर उस वक्त देखने को मिला जब रसोईघर में महिला रसोइया खाना बना रही थी और उसी दौरान छत का प्लास्टर भरभराकर नीचे गिर गया। रसोइया की जिंदगी बाल-बाल बच गई। घटना के तत्काल बाद आनन-फानन में बच्चों को स्कूल से बाहर निकाला गया। अब छात्र और अभिभावकों में दहशत बनी हुई है।

दहशत में आए छात्र-छात्राएं

शहर और देहात क्षेत्र मेंसरकारी विद्यालयों में भवन की जर्जर स्थिति से जनपद के सभी अधिकारी वाकिफ हैं। आए दिनों जर्जर भवनों हादसे हो रहे हैं। शनिवार को यमुनापार स्थित गढ़ी चांदनी के प्राथमिक विद्यालय के कमरा नंबर दो का प्लास्टर भरभरा कर नीचे आ गिरा। हादसे की आवाज इतनी तेज थी कि आस-पास के सभी लोग विद्यालय की ओर दौड़ पड़े। हादसे के बाद दहशत मे आए बच्चों को शिक्षकों द्वारा बाहर खुले में बैठाना पड़ा।

बच गई रसोइया की जान

प्रधानाध्यापक हरिशंकर के मुताबिक कहना है कि परिसर में भवन के कमरा नम्बर दो में रसोइया द्वारा एमडीएम बनाने का कार्य किया जाता है। शनिवार को करीब साढ़े दस बजे रोजाना की तरह रसोइया खाना बनाने का कार्य कर रही थी, एक मिनट पहले ही रसोई कमरे से बाहर आई थीं। इसी दौरान छत से प्लास्टर नीचे गिर गया। यदि एक मिनट भी वह लेट हो जातीं तो जान की हानि हो सकती थी।

मोबाइल पर दी सूचना

प्रधानाध्यापक हरिशंकर का कहना है कि विद्यालय की जर्जर स्थिति से खंड शिक्षाधिकारियों को व्हाट्स-एप पर स्थिति से अवगत कराया गया था। करीब 15 दिन पूर्व यह कार्रवाई की गई थी, लेकिन जानकारी के बाद भी किसी अधिकारी समस्या निस्तारण हो दूर मौका मुआयना भी किया। इससे शिक्षक संघ के पदाधिकारियों में रोष है।

जा चुकी है बच्ची की जान

नगर और देहात क्षेत्र में जर्जर स्कूल भवनों पर अधिकारी पूरी तरह से निष्क्रिय हैं। बाह क्षेत्र में चार दिन पूर्व दीवार गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। लेकिन इस हादसे से अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया।