आगरा। थाना न्यू आगरा क्षेत्र के एक निजी हॉस्पिटल में उपचार करा रहे युवक के संदिग्ध होने की सूचना पर पुलिस महकमे में खलबली मच गई। बीती रात एसपी सिटी समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने युवक के परिजनों से बातचीत की, उनसे आईडी प्रूफ मांगा, जांचने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।

हॉस्पिटल संचालक ने किया गुमराह

श्रीरामपुर अहमदनगर महाराष्ट्र का रहने वाला हैदर पुत्र मिस्कीन इराणी घर से भोपाल जाने को निकला था। वह भोपाल न जाकर आगरा की ओर आ रहा था, इसी दौरान उसका एक्सीडेंट धौलपुर में हो गया। एम्बुलेंस चालक ने हैदर से परिजनों का मोबाइल नंबर पूछकर परिजनों को सूचना दे दी। उसे यहां केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पास हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया। उपचार सही नहीं होने के बाद डिस्चार्ज करने को कहा, हॉस्पिटल संचालक ने भुगतान पूरा करने के बाद डिस्चार्ज करने की बात कही, इसी को लेकर विवाद हो गया। हॉस्पिटल संचालक द्वारा पुलिस को युवक के संदिग्ध होने की सूचना पुलिस को दे दी। इस बारे में हैदर की मां नोबार ने बताया कि उसके दो बेटे हैं। हैदर चश्मा बेचता है, जबकि बड़ा बेटा शब्बीर जेल में बंद है। वह नशाखोरी करता है। पुणे में चोरी करते पकड़ा गया था। उसकी जमानत भी नहीं कराई है। उसने अपने आईडी प्रूफ भी दिखाए। इस बारे में एसओ न्यू आगरा धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि संदिग्ध होने की सूचना गलत पाई गई।