- चिटफंड का नाम लेकर साधा निशाना

- इशारे-इशारे पर मायावती पर भी बोल गए

आगरा। जनता भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए हर कदम पर साथ है। लेकिन चिटफंड से जुड़े और चुनाव टिकट के बदले नोट लेने वाले परेशान हैं। ये बातें माया और मुलायम के गढ़ में पीएम मोदी ने कहीं। कोठी मीना बाजार स्थल पर भाजपा की परिवर्तन रैली में बिना नाम लिए बसपा सुप्रीमो मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। इस बीच वे 70 साल के शासन पर बात करते हुए भावुक भी हो उठे।

हम 70 साल तक चुप रहे

पीएम मोदी ने कहा कि चिटफंड में किसका पैसा लगा हुआ है? इस काले धंधे ने कई परिवारों की कमाई खा ली। इसके चलते ही कई परिवार उजड़ गए हैं। वहीं एमएलए बनाने के लिए नोट लिया जाता है। ये नोट किसके हैं। ये नोटबंदी के बाद अब क्या करेंगे? ये ही अब षड़यंत्र कर रहे हैं। मेरे पीछे कैसे-कैसे लोग लगे हैं। ये जनता जानती है। कांगे्रस कार्यकाल में अर्थव्यवस्था पर हमला बोलते हुए कहा कि हम 70 साल तक चुप रहे। अब कब चुप रहेंगे। मैंने ये निर्णय भलाई के लिए लिया है। ये कहते हुए मोदी भावुक भी हो गए। इसके बाद उन्होंने कालेधन पर जमकर वार किए और जनता के सहयोग से इसे खत्म करने का वादा किया।

गरीब नहीं हो गुमराह

जनधन अकाउंट पर बोलते हुए ताली बजाकर कालेधन कुबेरों की चुटकी ली और गरीबों को सावधान भी किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को जनधन अकाउंट में 2.50 लाख रुपए डालने का प्रलोभन दिया जा रहा है। वे छह महीने बाद 50 हजार रुपए देकर अपने पास 2 लाख रुपए रख लेंगे। इस प्रलोभन में नहीं आए, क्योंकि कानून बहुत सख्त है। पूछताछ अकाउंट धारक से होगा। इस दौरान रुपए देने वाला किसी भी लेन-देन से इंकार कर देगा।

यूरिया को नोटबंदी से जोड़ा

इस मौके पर उन्होंने भ्रष्टाचार के हर बिंदु पर हमला बोला। उन्होंने बताया कि पहले यूरिया के लिए किसान लाइन पर लगे रहते थे। किसान सुबह से रात तक लाइन में लगा रहता था और पुलिस की लाठियां तक खाईं। इसके बाद भी यूरिया मिलती नहीं थी। इसकी पड़ताल में खुलासा हुआ कि यूरिया केमिकल कारखानों में जाता है। इसे रोकने के लिए नीम कोटिंग यूरिया सौ फीसदी बनाई गई। इसमें पूरी सफलता मिली। किसानों को यूरिया आसानी से मिलने लगी है। मेरी सरकार में हर काम सौ प्रतिशत किया जाता है। इसी तरह 500-1000 की नोट पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगेगी।

30 लाख केरोसिन की बचत

उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में चौबीस घंटे लाइट मिलती है। घर-घर गैस की लाइन बिछी है। इसके बाद भी 30 लाख लीटर केरोसिन लगता था। इसकी पड़ताल से खुलासा हुआ कि डीजल बनाने में केरोसिन का इस्तेमाल किया जाता है। हमने घर-घर सर्वे कराया। जिन घरों में गैस नहीं थी। वहां उज्जवला योजना से गैस दी और 30 लाख लीटर केरोसिन की बचत की।