- सड़क डालने से पहले ही हो गया भुगतान

- शिकायत पर एसडीएम और बीडीओ पहुंचे जांच करने

आगरा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) बनी तो मजदूरों के लिए है, लेकिन यह योजना अधिकारी व कर्मचारियों के लिए आय की गारंटी बन कर रह गई है। इस योजना में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। जांच के नाम पर मामले को दबा दिया जाता है। ऐसा ही प्रकरण अछनेरा विकास खंड की ग्राम पंचायत अर्रुआ खास में सामने आया है। इस ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना के तहत कागजों में सड़क डाल दी गई, यहीं नहीं इसका भुगतान भी कर दिया गया है।

नौ सौ मीटर की है सड़क

मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत अरुआ खास में महेशचंद्र के खेत से नेमीचंद के खेत तक करीब नौ सौ मीटर की सड़क करीब दो माह पूर्व केवल मनरेगा के कागजों में डाल दी गई। यहीं नहीं इसका तीन लाख 72 हजार रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। जिन मजदूरों के नाम पर पैसा ट्रांसफर किया गया, उन्हें पता ही नहीं है कि उनके खाते में किस बात के पैसे आ गए हैं।

गलती से आ गए हैं पैसे

मजदूर खूबचंद पुत्र कैलाशीराम का कहना है कि उसने कोई मजदूरी ही नहीं की। उसने बताया कि कुछ गांव के दबंग उसके पास आए और उन्होंने कहा कि गलती से उसके खातें में पैसे ट्रांसफर हो गए हैं, जिन्हें निकाल दे, उसने पैसे निकालकर उन्हें दे दिए। मजदूर खूबचंद का साफ साफ कहना है कि उसने मनरेगा के तहत कोई मजदूरी नहीं की है।

शिकायत पर दौड़े अधिकारी

इस सड़क को कागजों में डाले जाने की सूचना ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने शिकायत दर्ज कराई, इसके जानकारी ग्राम प्रधान सहित उसके सहयोगियों को हुई तो आनन फानन में उस चक रोड पर टै्रक्टर चलवा दिया। इसकी जांच करने के लिए एसडीएम किरावली अजित सिंह से लेकर बीडीओ सहित अन्य अधिकारी मौके पर दौड़े और जांच पड़ताल की।