- गणित-विज्ञान अभ्यर्थी के स्थान पर बीएससीएजी को दी नियुक्ति

- सत्यापन के नाम पर प्रत्येक अभ्यर्थी से वसूली गई मोटी रकम

आगरा। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। शासनादेश ताक पर रख दर्जनों शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। बीएससीएजी को गणित-विज्ञान के बराबर कंसीडर नहीं किया जा सकता, बावजूद इसके शिक्षकों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया गया। इससे शिक्षा विभाग के कर्मचारी सवालों के घेरे में हैं।

29 हजार शिक्षकों की हुई भर्ती

बेसिक शिक्षा विभाग में 29 हजार गणित-विज्ञान शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे। आदेश में स्पष्ट है कि नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हीं अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए, जो गणित व विज्ञान के छात्र रह चुके हैं। इस प्रक्रिया में बैचलर ऑफ साइंस अग्रीकल्चर को कंसीडर नहीं किया गया। लेकिन, शिक्षा विभाग में तैनात बाबू ने बीएससीएजी अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल कर लिया। डॉक्युमेंट सत्यापन के नाम पर हजारों रुपये वसूल नियुक्ति पत्र थमा दिए।

प्रदेश के दूसरे जिलों में भी तैनात

बीएससीएजी डिग्री धारक गणित-विज्ञान के शिक्षकों की जगह आगरा के अतरिक्त दूसरे जिलों में भी नियुक्ति पा चुके हैं। आगरा जनपद में ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या आधा दर्जन तक है, जो गणित-विज्ञान शिक्षक पद के लिए शासनोदश अनुसार अपात्र हैं। इसमें आगरा, गौंडा, मथुरा, फीरोजाबाद, बहराइज, बस्ती, अलीगढ़ आदि जनपद शामिल हैं।

नियुक्ति पर उठे सवाल

बेसिक शिक्षा कार्यालय में तैनात बाबू भ्रष्टाचार के कई मामलों चर्चा में रहा है। जनपद में 29 हजार भर्ती प्रक्रिया में से 586 शिक्षक नियुक्ति आगरा में प्रस्तिावित थीं, जिसमें से नियमों की अनदेखी कर पूर्व माध्यमिक विद्यालय भाकर ब्लॉक खेरागढ़ में एक अभ्यर्थी को नियुक्तिपत्र दे दिया गया। इस नियुक्ति में कार्यालय में तैनात बाबू पर लाखों रुपये लेकर नियुक्ति का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि जनपद में

ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या आधा दर्जन तक है।