- मंगलवार को पांचवी बार एसआरएन हॉस्पिटल में अधिकारियों ने किया निरीक्षण

- इमरजेंसी के हालात मिले खराब, टायलेट देखकर उड़ गए होश

<- मंगलवार को पांचवी बार एसआरएन हॉस्पिटल में अधिकारियों ने किया निरीक्षण

- इमरजेंसी के हालात मिले खराब, टायलेट देखकर उड़ गए होश

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: एसआरएन हॉस्पिटल की इमरजेंसी वार्ड के हालात ठीक नहीं हैं। यहां पर मरीजों को भर्ती तो कर दिया जाता है लेकिन उन्हें अटेंड करने के लिए डॉक्टर्स मौजूद नहीं रहते। मरीज दर्द से कराहते रहते हैं। मंगलवार को हॉस्पिटल के निरीक्षण पर पहुंचे अधिकारियों से मरीजों ने यही शिकायत की। उनका कहना था कि सीनियर डॉक्टर्स बस राउंड पर आते हैं, उसके बाद मरीज को उनके हालात पर छोड़ दिया जाता है। यह सुनकर एडिशनल कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी और एसीएमओ डॉ। जवाहर कुशवाहा ने नाराजगी जाहिर की।

आठ दिन में पांचवीं बार निरीक्षण

इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर कमिश्नर बादल चटर्जी द्वारा एसआरएन हॉस्पिटल के हालात सुधारने के लिए लगातार कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले आठ दिनों में पांचवी बार हॉस्पिटल का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया गया। मंगलवार को एक बार फिर मरीजों ने डॉक्टरों द्वारा बाहर से दवाएं मंगाए जाने की शिकायत की। आर्थोपेडिक और गायनी डिपार्टमेंट के मरीजों ने बताया कि महंगी दवाएं खरीदने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। ऑपरेशन का खर्च भी बढ़ जाता है। डॉक्टर तो पैसे नहीं लेते लेकिन सर्जरी का सामान बाहर से मंगवाया जाता है।

उफ ये टायलेट, बगल से गुजरना भी मुश्किल

निरीक्षण पर पहुंचे अधिकारियों ने सर्जरी, मेडिसिन सहित लगभग सभी वार्डो के टायलेट का जायजा लिया तो यहां काफी गंदगी मिली। बदबू के चलते बगल से गुजरना भी मुश्किल हो रहा था। इस बारे में हॉस्पिटल स्टाफ ने बताया कि पानी की प्रॉपर सप्लाई नहीं होने की वजह से सफाई नहीं हो पाती। ओपीडी में कुछ सीनियर डॉक्टर बिना एप्रिन के मौजूद थे, तो उन्हें प्रॉपर ड्रेस में रहने की नसीहत दी गई। ब्लड बैंक का एक कर्मचारी बिना अप्लीकेशन अनुपस्थित पाया गया। हॉस्पिटल कैंपस में प्रॉपर पार्किंग नहीं होने से जाम की स्थिति पाई गई।

कब बनेगी मशीन

आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट की सी आर्म मशीन खराब होने की बात सामने आई। बताया गया कि इसके बगैर ऑपरेशन करने में दिक्कत पेश आती है। अधिकारियों द्वारा पूछताछ करने पर हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि नई मशीन क्ख् लाख रुपए की आती है, जबकि इसकी मरम्मत में दो लाख खर्च होंगे। इस संबंध में लिखापढ़ी चल रही है। जल्द ही इसका सॉल्यूशन निकाल लिया जाएगा। बता दें कि मंगलवार को निरीक्षण के दौरान हॉस्पिटल एसआईसी डॉ। मंगल सिंह व एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉॅ एसपी सिंह मौजूद नहीं थे।

सेल्स और परचेजिंग के नहीं दिखा पाए रिकार्ड

शनिवार को हॉस्पिटल कैंपस स्थित चार दवा की दुकानों पर ड्रग इंस्पेक्टर एसके चौरसिया ने छापामार कार्रवाई की थी। जांच में ये सभी दवाओं की सेल और परचेजिंग के रिकार्ड नहीं दिखा पाए हैं। रिकार्ड पेश करने के लिए इनको निर्धारित समय दिया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर के मुताबिक लेखाजोखा नहीं दिखा पाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।