शादियों की डेट बढ़ने से कैंसिल हो गई ब्यूटी पार्लर की बुकिंग

कोरेाना महामारी के बीच शादियों का सीजन इस बार काफी बेरंग रहा। महामारी के कारण शादी समारोह को लेकर सरकार की ओर से गाइड लाइन जारी होने और समारेाह में सीमित लोगों के शामिल होने के निर्देश जारी होने के बाद ज्यादातर लोगों ने शादियों को अगले सीजन के लिए टाल दिया। ऐसे में शादियों के सीजन से जुड़े व्यवसाय के लोगों का भी बिजनेस अचानक सड़क पर आ गया। शादियों के सीजन में ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय भी काफी बड़ा है। दुल्हन से लेकर परिवार के अन्य मेबर्स पार्लर में तैयार होते हैं, यहीं कारण है कि पिछले कुछ सालों में इस व्यवसाय के क्षेत्र में लगातार तरक्की हुई है। लेकिन इस बार इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी लंबा नुकसान उठाना पड़ा है। क्योकि कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में शादियां पोस्टपोन हो गई। जिससे व्यवसाय से जुड़े लोगों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

लास्ट इयर भी काफी प्रोडक्ट हो गए थे एक्सपायर

- ब्यूटी पार्लर चलाने वाली संचालिकाओं का कहना है कि शादियों के सीजन का लास्ट इयर ही ऐसा ही हाल बना हुआ है।

- लास्ट इयर भी मार्च से लॉकडाउन लग गया था। जबकि पार्लर का संचालन करने वाले अपनी तैयारी काफी पहले से शुरू कर देते है। लास्ट इयर लॉक डाउन लगने के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा।

- दुल्हन को तैयार करने के लिए काफी महंगे प्रोडक्ट यूज होते हैं। उनका स्टाक रखे-रखे ही एक्सपायर हो गया।

- उम्मीद थी कि ठंड में कुछ कवर करेंगे। लेकिन इस बार ठंड के सीजन की लगन कोई खास नहीं थी। उसके बाद जनवरी से मार्च तक सन्नाटा ही रहा।

- अप्रैल से जून तक की लगन को देखते हुए काफी उम्मीद बनी थी। यहीं कारण था कि लाखों रुपए इनवेस्ट करके प्रोडक्ट की पूरी रेंज पहले से तैयार की गई थी।

- बुकिंग भी मार्च से ही मिलने लगी थी। लेकिन अचानक से कोरोना महामारी के कारण इस बार भी पूरी मेहनत और इनवेस्टमेंट डूब गया।

सीजन में ही मिलता है अच्छा काम

पार्लर बिजनेस वैसे तो पूरे साल चलता है। लेकिन लास्ट इयर बिजनेस काफी फीका है। वैसे भी पूरे साल लगन जैसा काम नहीं आता है। लगन के सीजन में शादियों में दुल्हन को सजाने और संवारने के लिए कई तरह के ऑर्डर मिलते है। साथ ही दूल्हन के साथ उनकी सहेलियां और फैमली मेंबर्स को भी सजाने का काम मिलता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो लगन में काम सबसे अच्छा रहता है। दूल्हन को डेकोरेट करने की रेंज बेहद लंबी होती है। यहीं कारण है कि लगन के पहले काफी पैसे इनवेस्ट करने पड़ते है। जिससे डिमांड के हिसाब से रेंज मौजूद हो। लेकिन इस बार ज्यादातर लोगों ने शादियों की डेट नवम्बर तक टाल दी। जिनके यहां शादी हुई भी, उनके यहां भी कोई खास काम नहीं रहा। ऐसे में काफी नुकसान इस बार फिर से उठाना पड़ा।

इम्लाइज की सैलरी भी पड़ रही भारी

शादियों के लगन को देखते हुए कई मेकअप आíटस्ट को पहले से बुक करना पड़ता है। उसके अलावा पार्लर की परमानेंट इम्लाइज की सेलरी का खर्च भी बना हुआ है। आखिर वो भी हमारे भरोसे ही रहती है। ऐसे में मेकअप आíटस्ट की बुकिंग का पैसा भी फिलहाल फंस गया। वहीं इम्लाइज की सैलरी देना भी अब भारी पड़ रहा है। क्योकि पहले से ही काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में अब ये खर्च भी परेशान कर रहे है। तीन लगन पूरी बीत गई, लेकिन कोई खास इनकम नहीं हुई है। ऐसे में लग रहा है कि पार्लर बंद करने की नौबत आ जाएगी।

सीजन से मैनेज होता है पूरा साल

चार महीने के वेडिंग सीजन में होने वाली कमाई से ही पूरा साल होता है मैनेज

आफ सीजन में कस्टमर की लिमिटेड होती है डिमांड

वेडिंग सीजन में दुल्हन की डिमांड की होती है लंबी रेंज

स्टाफ की सैलरी का खर्च भी उठाना दे रहा टेंशन

लास्ट इयर भी प्रोडक्ट में जो पैसे लगे थे। सब डूब गए। इस बार लगन में काफी उम्मीद थी, लेकिन इस बार भी पूरा इनवेस्टमेंट डूब गया। समझ नहीं आ रहा है कि आगे कैसे मैनेज होगा।

ममता

दिव्य स्पर्श ब्यूटी पार्लर एंड बुटिक

पार्लर भी कई तरह के खर्च होते है। इसमें शॉप को रेंट से लेकर इम्लाइज की सैलरी आदि का खर्च होता है। आफ सीजन के बाद लगन ही सारी चीजों को मैनेज करता है। लेकिन इस बार भी लगन सीजन में कुछ नहीं हुआ।

आशा केसरवानी

ब्राइड्स मेकअप मंत्रा एण्ड सैलून