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सर्किल रेट अब पहले
महात्मा गांधी मार्ग 61,400 58,485
नवाब युसुफ रोड 61,400 58,485
स्ट्रेची रोड 61,400 58,805
क्लाइव रोड 59,600 55,805
चिंतामणि रोड 61,400 58,485
म्योर रोड 53,600 51,135
जीटी रोड 61,400 58,485
तिलक रोड 53,600 51,135
मोतीलाल नेहरू रोड 42,800 40,845
सम्मेलन मार्ग 49,100 46,830
टैगोर टाउन 45,700 43,575
मम्फोर्डगंज 43,100 41,055
अमरनाथ झा रोड 43,100 41,055
पीसी बनर्जी रोड 45,700 43,575
रामप्रिया रोड 30,300 28,875
पीडी टंडन रोड 53,600 51,135
म्यो रोड 42,800 40,845
मुट्ठीगंज 49,100 46,830
तेलियरगंज 45,700 43,575
चौक 61,400 58,485
अशोकनगर 48,900 46,620
ओमगायत्री नगर 22,900 21,840
एनलगंज 29,200 28140
गऊघाट 40,700 38,850
जीरो रोड 40,700 38,850
धूमनगंज 26,660 25,410
बदरी आवास योजना 28,000 26,670
लोकनाथ नखास कोहना चौराहा से भारती भवन तक 70,000 66,675
खुशरूबाग 50,400 44,500
गोविंदपुर 22,000 21,000
शिवकुटी 23,100 22,050
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कछार का सर्किल रेट सबसे कम
चांदपुर सलोरी 18,500 17,640
बेली उपरहार 31,800 30,345
बेली कछार 32,490 30,870
मऊ कछार 10,400 9,975
अहमदपुर असरौली कछार 5,700 4,830
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-70,000 रुपया लोकनाथ चौराहे तो सिविल लाइंस का रेट 61,400 रुपया
-दो से पांच परसेंट महंगी पड़ेगी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री
balaji.kesharwani@inext.co.in
PRAYAGRAJ: डेवलपमेंट और ब्यूटीफिकेशन के मामले में सिविल लाइंस एरिया भले ही सबसे ज्यादा डिमांडेड है। लेकिन गवर्नमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन की नजर में पुराने शहर के लोकनाथ चौराहे से भारती भवन वाली रोड की कीमत सिविल लाइंस से कम नहीं। यही वजह है कि डीएम द्वारा सर्किल रेट में दो से पांच फीसदी इजाफे के बाद लोकनाथ का सर्किल रेट 70 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर तो सिविल लाइंस का सर्किल रेट 61,400 रुपए हो गया है। यहां आवासीय और कॉमर्शियल भवनों व जमीनों की रजिस्ट्री कराना अब लोगों को काफी महंगा पड़ेगा।
नए और पुराने शहर में रजिस्ट्री महंगी
एडमिनिस्ट्रेशन ने सिविल लाइंस, जॉर्ज टाउन, अशोक नगर, चौक, मम्फोर्डगंज एरिया का सर्किल रेट पांच परसेंट बढ़ा दिया है। वहीं अल्लापुर, दारागंज, बम्हरौली, कर्नलगंज, राजापुर, रामबाग, कीडगंज, मुट्ठीगंज, करेली, कालिंदीपुरम और झलवा के सर्किल रेट में दो से चार फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई है। नैनी, फाफामऊ, झूंसी, हंडिया और कोरांव कस्बे में सर्किल रेट पांच परसेंट बढ़ाया गया है।
बॉक्स-
कछार का नहीं बढ़ा सर्किल रेट
हाईकोर्ट ने गंगा और यमुना के कछार में भवन निर्माण पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। इसके बाद भी पिछले कई साल से लगातार कछार में भवन निर्माण हो रहे हैं। इसका परिणाम है कि आज पूरा कछार बाढ़ में डूबा हुआ है। इसके बाद भी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को कछार क्षेत्र से रेवेन्यू बढ़ाने की चिंता है। तभी तो जिन आवासीय इलाकों में रजिस्ट्री हो रही है, वहां सर्किल रेट बढ़ा दिया गया है। लेकिन कछार में, जहां रजिस्ट्री होनी ही नहीं चाहिए वहां सर्किल रेट जस का तस रखा गया है। इसके पीछे प्रशासन का मकसद राजस्व वसूली का टारगेट पूरा करना है।
वर्जन-
सर्किल रेट को आपत्तियों का निस्तारण करते हुए लागू किया गया है। कछार इलाके में जो जमीनें लोगों के नाम हैं, उनकी रजिस्ट्री हो सकती है। लेकिन नए भवन के निर्माण की स्वीकृति किसी को नहीं दी जा रही है।
-एमपी सिंह
एडीएम फाइनेंस