सुबह आंख खुली तो बंद था सोशल मीडिया पर कोई भी कम्युनिकेशन

नेटवर्क प्रोवाइडर का मैसेज हो रहा था फ्लैश, मैनेज करना था मुश्किल

PRAYAGRAJ: इंटरनेट बंद क्या हुआ, जिंदगी की रफ्तार जैसे थम सी गयी। आनलाइन बुकिंग, पेमेंट के हैबिचुअल हो चुकी पब्लिक को कदम-कदम पर चैंलेंज फेस करना पड़ गया। सफर करने वालों को 'सफर' करना पड़ गया। टिकटों की बुकिंग कम हुई तो बसों का संचालन कम कर दिया गया। मूवी लवर्स के साथ दबंग-3 के प्रोडयूसर डायरेक्टर्स को भी तगड़ा झटका लगा। ज्यादातर शो में सीटें खाली रह गयीं। स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों के चलते किसी भी रेस्टोरेंस से मंगाकर खाना खाने की आजादी भी आज छिन गयी थी। डिलीवरी ब्वॉय पहुंचे तो जरूर लेकिन कोई बुकिंग नहीं मिली। इससे उनका पूरा दिन बर्बाद हो गया। रेस्टोरेंट ओनर्स को झटका लगा क्योंकि ठंड के चलते पब्लिक घरों से कम निकली और आनलाइन बुकिंग आयी नहीं। आनलाइन प्राइवेट वाहन बुक करके ट्रेवल करने वालों को झटका लगा। वे पैदल हो गये और ईरिक्शा से मैनेज करना पड़ा।

व्यापारियों को हुआ नुकसान

हर माह जीएसटी थ्री बी फाइल करने की लास्ट डेट 20 तारीख होती है। इस बार भी शुक्रवार को हजारों व्यापारियों को अपना जीएसटी थ्रीबी रिटर्न भरना था। लेकिन एक दिन पहले ही इंटरनेट सेवा बंद हो जाने से सभी सीए ने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था कि बिना नेट सेवा चालू हुए रिटर्न नहीं भरा जा सकता। अब प्रतिदिन 50 रुपए की लेट फीस देनी पड़ सकती है। कपड़ा व्यापारी जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार को रिटर्न जमा कराने की डेट बढ़ानी चाहिए।

पैसे हैं लेकिन पेमेंट नहीं हो सका

ई-पेमेंट और ई-शॉपिंग पर भी शुक्रवार को बे्रक लगा रहा। दुकानों पर पेटीएम, भीम ऐप, फोन पे आदि नहीं चलने से ऑनलाइन पेमेंट नहीं किया जा सका। इसी तरह मोबाइल पर ई-बैंकिंग भी पूरी तरह ठप रही। जिन्हें ऑनलाइन मनी ट्रांसफर, बैलेंस चेकिंग सहित दूसरी सुविधाएं लेनी थी वह भी परेशान रहे। राजेश, प्रीती, सीतेश और इमरान का कहना था कि मोबाइल पर नेट बंद होने से काफी मुश्किल हुई।

बहुत दिनों बाद हुई आपस में बातचीत

स्कूल बंद थे और बच्चे घर पर। दवा कंपनी में काम करने वाले राजुल वर्मा ने बताया कि मार्निग टी पर पूरा परिवार इकट्ठा हुआ तो पूरे परिवार ने कई चीजों पर बात की। आमतौर पर पत्‍‌नी और दोनो बच्चे चाय टेबिल पर भी मोबाइल पर बिजी नजर आते थे। शायद कई सालों बाद यह पहला दिन था जब परिवार ने ऐसे मामलों पर बात की जिस पर हम कभी सोच भी नही पाते थे। ऐसा लगा कि रोजाना सुबह-शाम इंटरनेट सेवा को हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए।

लाइफ पर लग गया ब्रेक

मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगने के कारण लोगों की रूटीन लाइफ पर भी इसका सीधा असर देखने को मिला। सुबह होते ही वाट्सअप व सोसल मीडिया पर एक्टिव होने वाले लोगों की सुबह अधूरी रही। आर्य कन्या इंटर कालेज की टीचर सलोनी अग्रवाल ने बताया कि सुबह जब उठे तो मोबाइल उठाया, लेकिन उसमें इंटरनेट नहीं चलने के कारण समझ में नहीं आया कि क्या करें। स्कूल में एनुअल फंक्शन था। वहां की डिटेल भी लोगों को भेजने में काफी दिक्कत हुई। नीतू त्रिपाठी ने बताया कि इंटरनेट के बगैर लाइफ रुक गई। पूरे दिन कुछ खाली-खाली लग रहा था।

लोगों की लाइफ का एक बड़ा हिस्सा इंटरनेट पर निर्भर हो चुका है। शापिंग, इंटरटेनमेंट से लेकर खानपान भी पूरी तरह ई लाइफ का हिस्सा बन चुका है। लोग इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही कर पाते। किसी कारणवश एक दिन के इंटरनेट बंद हुआ तो लोगों को मानसिक रूप से खुलेपन का अहसास हुआ। उनके ब्रेन का एक बड़ा हिस्सा जो ई लाइफ के प्रभावित था उसे एक बार पुन: सोचने और कार्य करने का मौका मिला।

-डॉ। राकेश पासवान, मनोचिकित्सक, काल्विन हॉस्पिटल