-लास्ट ईयर स्कूलों में पार्किंग को लेकर की गई कवायद साबित हुई महज खानापूर्ति
-आज भी स्कूलों के सामने सड़कों पर खड़े किए जा रहे व्हीकल्स
-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आई हकीकत
500
रुपए जुर्माना है नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने पर
16
गाडि़यां पुलिस ने लिफ्ट की थीं बीतें दिसंबर में
-----------
mukesh.chaturvedi@inext.co.in
PRAYAGRAJ:
सीन-1
पिछले साल सितंबर-अक्टूबर की बात है। स्कूलों के बाहर पार्किंग और वहां लगने वाले जाम को लेकर एडमिनिस्ट्रेशन खासा एक्टिव था। स्कूलों और प्रशासन के बीच मीटिंग्स पर मीटिंग हुई। स्कूलों में पार्किंग बनाने से लेकर छुट्टी की टाइमिंग तक चेंज की गई। कुछ दिनों के लिए लगा कि अब सबकुछ सुधर जाएगा।
सीन-2
27 जनवरी 2020 का दिन। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर रियलिटी चेक करने निकलता है। जानना है कि स्कूलों की छुट्टी के वक्त क्या हालात रहते हैं। यकीन मानिए, नतीजे चौंकाने वाले मिले। स्कूलों के बाहर व्हीकल्स पार्क करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। साथ ही जारी है स्कूलों के सामने भीषण जाम।
नहीं हुआ इंप्लीमेंटेशन
यह दो साल नहीं, सिर्फ पांच महीने का अंतर है। जो दिखाता है कि प्रशासनिक स्तर पर योजनाएं किस कदर खूंटी पर टांगकर भुला दी जाती हैं। शहर में खराब पार्किंग व्यवस्था को सुधारने के लिए हाई कोर्ट से लेकर सरकार तक सख्त हैं। लेकिन ग्राउंड लेवल पर इसका कोई इंप्लीमेंटेशन नहीं नजर आ रहा है। न तो किसी स्कूल में पार्किंग बनी और न ही अन्य जरूरी कदम उठाए गए। इसका नतीजा यह हुआ कि सारी समस्या जस की तस बनी हुई है। पिछले साल के तमाम इंतजाम शुरुआती नूरा-कुश्ती के बाद ठप पड़ चुके हैं।
जाम का जिम्मेदार कौन
सख्ती को देखते हुए पिछले साल अफसरों, स्कूल मैनेजर्स व प्रिंसिपल्स के साथ एक दो नहीं कई मीटिंग्स हुई। सभी को अपने-अपने स्कूलों में पार्किंग के इंतजाम करने की नसीहत दिए। अफसरों की मानें तो सभी ने इसके लिए टाइम मांगा था। वक्त बीता तो स्कूलों के जिम्मेदार ही नहीं अफसर भी मामले को भूल गए। बीएचएस, जीएचएस, सेंट मेरिट, बिशप जानसन, बिशप जार्ज स्कूल एण्ड कॉलेज जैसे स्कूलों आज तक पार्किंग का इंतजाम नहीं कर सके। अवकाश के समय इन स्कूलों के सामने कुछ गाड़ी पटरी पर तो ज्यादातर गाडि़यां सड़क पर नजर आई। जबकि इन स्कूलों के पास पर्याप्त जगह है जहां पर वे गाडि़यों को सड़क से हटवा कर पार्क करवा सकते हैं। ऐसा न होने से अभिभावक ही नहीं स्कूलों की गाडि़यां भी सड़कों को घेरकर खड़ी की जा रही हैं इससे लगने वाले जाम में अक्सर एम्बुलेंस व न्यायाधीश की गाडि़यां भी फंस जाया करती हैं
दबाव में दब गई की गई पहल!
-अफसरों द्वारा पार्किंग को लेकर की गई बैठक के कुछ दिनों तक कागजी घोड़े दौड़ाए गए।
-पार्किंग को लेकर स्कूलों पर दबाव बना तो कुछ दिनों तक अफसर काफी कड़क मिजाज अपनाए रहे
-अचानक न जाने क्या ऐसी बात हुई कि अधिकारी स्कूलों में पार्किंग के इंतजाम करवाने की बात भूल गए
-माना जा रहा है कि दबाव में आकर अफसरों ने पार्किंग न करने वाले स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
माह वार नो पार्किंग में हुए चालान
माह वाहन
जनवरी 17
फरवरी 09
मार्च 29
अप्रैल 270
मई 619
जून 1787
जुलाई 4454
अगस्त 4110
सितंबर 2757
अक्टूबर 3251
नवंबर 5333
दिसंबर 3589
उस वक्त एसपी ट्रैफिक की तरफ से सभी स्कूलों को नोटिस दी गई थी। कहा गया था कि वह पार्किंग के इंतजाम करें। इसके बाद स्कूल के बाहर गाड़ी पार्किंग के लिए बोर्ड लगवा दिए गए थे। अब क्या कंडीशन हैं माघ मेला बाद चेक किया जाएगा।
-राकेश सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज