रुपए के लिए रिश्ते का खून हेडिंग, गोरखपुर का रहने वाला था, इसी साल लिया था एडमिशन

दो दिन पहले पिता से मांगी गई थी फिरौती, बॉडी बरामद, तीन गिरफ्तार

महाभारत में शकुनी मामा ने भांजे को उकसाया था। सपने दिखाए थे। उन्हें खतरे का अंदेशा था फिर भी वह अपने भांजे के साथ अंत तक रहे। लेकिन, कलयुग के मामा ने भांजे को झांसा देकर बुलाया। भरोसे का खून करके अपहृत कर लिया। अपनी कामना की पूर्ति के लिए अपने ही जीजा से फिरौती मांगी और फंसने का अंदेशा होने पर भांजे को निमर्मता से मौत के घाट उतार दिया। लाश को ऐसे स्थान पर फेंक आए जहां से बॉडी भी मिलना मुश्किल था। लेकिन, भांजे के लिए यह कहानी लिखने वाले मामा की किस्मत ने इसके बाद साथ छोड़ दिया। फोन कॉल डिटेल से पुलिस के लम्बे हाथ उस तक पहुंच और पुलिस को बॉडी भी मिल गए और मामा भी पकड़ में आ गए। सकुनी को सहदेव ने युद्ध के मैदान में मारा तो यहां के शकुनी को पुलिस अंजाम तक पहुंचाएगी।

एक महीना पहले आया था इलाहाबाद

यह कहानी है मूल रूप से गोरखपुर जिले के खोराबाद थाना क्षेत्र के फुलवरिया के रहने वाले अस्मित कुमार की है। उनके पिता बिहारी लाल बीएसएनएल के इम्प्लाई हैं। बड़ा भाई अभिषेक गोरखपुर में ही पढ़ाई कर रहा है। मां गिरजा देवी हाउस वाइफ हैं। अस्मित ने इसी साल आईईआरटी में मैकेनिकल (आटोमोबाइलल) प्रवेश लिया था। 18 अगस्त से क्लासेज शुरू हो गई तो वह इलाहाबाद आ गया। पिता ने सिक्योरिटी के चलते उसे हॉस्टल में दाखिला दिला दिया तो वह आईईआरटी प्रिमाइस में बने अयोध्या हॉस्टल में कमरा नंबर 215 रहने लगा।

20 को हुआ था गायब

अस्मित 20 सितंबर की शाम 7 बजे अपने रूम पार्टनर को यह बताकर निकला था कि वह अपने मामा की ससुराल नया पुरवा जा रहा है। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया और वह मामा के यहां भी नहीं पहुंचा। इसकी सूचना मिलने पर परिवार के सदस्य परेशान हो उठे। उन्होंने अस्मित के दोस्तों से बात की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आईईआरटी के चीफ प्रॉक्टर से बात करने पर भी कुछ पता नहीं चला। संयोग से दूसरे दिन 21 सितंबर को दिन में साढ़े 12 बजे मामा के मोबाइल नंबर पर बात हुई। बात करने वाले ने अपना नाम हिमांशु सिंह बताया और कहा कि उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया है। इसके बाद मोबाइल बंद हो गया। दोपहर में सवा तीन बजे उनकी बहन के मोबाइल पर कॉल आई और छुड़ा लेने की गुहार लगाई गई। इसके बाद अस्मित के मौसा सुनील कुमार निवासी प्रसिद्धी का पुरा फाफामऊ ने पूरी जानकारी लिखित रूप से कर्नलगंज थाने की पुलिस को दे दी। इस पर पुलिस भादवि की धारा 363 के तहत मामला दर्ज किया और छानबीन शुरू कर दी।

मोबाइल की लोकेशन से मिला सुराग

पुलिस ने छानबीन शुरू की तो कथित मामा गुड्डू से बातचीज का सुराग मिला। पुलिस ने ट्रेस किया तो पता चला कि वह भदोही जिले का रहने वाला है। अस्मित के मोबाइल की लोकेशन भी भदोही के आसपास ही मिली तो पुलिस ने गुड्डू को उठा लिया। इसके पहले ही अस्मित के पिता के पास फिरौती के लिए कॉल पहुंच चुकी थी। इससे पुलिस का गुड्डू पर शक गहरा गया। पुलिस ने पहले गुड्डू और फिर उसके भाई राकेश को उठा लिया। शुक्रवार को दिन में हुई पूछताछ में वे पुलिस की पूछताछ में टूट गए और पूरा घटनाक्रम बयां कर दिया। देर शाम पुलिस उनके साथ पुलिस सोरांव थाना क्षेत्र के लहरा तिवारीपुर पहुंची और झाडि़यों में पड़ी अस्मित की बॉडी को कब्जे में लिया।

मुंह में भर दिया था फेवीकोल

बॉडी की दशा देखकर पुलिस वाले भी दंग थे। उसके हाथ बांध दिए गए थे। मुंह में फेवीकोल जैसा कोई पदार्थ भर दिया गया था ताकि वह सांस भी न ले सके। आंखों में मिर्ची झोंक दी गई थी। निमर्मता का यह सीन देखकर स्पॉट पर पहुंचा कर कोई सन्नाटे में आ गया था। सूचना पाकर अस्मित के पिता भी पहुंच चुके थे। पुलिस ने इस मामले में एक अन्य रवि को भी उठाया है लेकिन देर रात तक उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई। अभी पुलिस अस्मित का मोबाइल पर्स आदि भी बरामद नहीं कर सकी है। माना जा रहा है कि इसकी बरामदगी सुनिश्चित करने के लिए ही पुलिस ने रवि की गिरफ्तारी छिपाई है।