- मामूली झगड़ों में भी दर्ज करा दी जाती है छेड़खानी की रिपोर्ट

- कानून की सख्ती का दुरुपयोग, इनवेस्टिगेशन में झूठे निकल रहे मामले

ALLAHABAD: महिलाओं की सेफ्टी के लिए छेड़खानी के कानून को कड़ा किया गया लेकिन इसका भी दहेज उत्पीड़न कानून की तरह मिसयूज होने लगा है। पति-पत्‍‌नी के बीच मामूली झगड़ों में पूरे ससुराल पक्ष को दहेज प्रताड़ना के मुकदमों में लपेटना आम बात हो गई है। दो पक्षों के बीच मामूली झगड़ों में भी छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज करा दी जा रही है। सिर्फ जुलाई में ही चार ऐसे मामले सामने आए जिसमें विवाद की वजह तो कुछ और थी लेकिन एक पक्ष ने छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। अब तक की पुलिस इनवेस्टिगेशन में छेड़खानी के आरोप सही नहीं निकले हैं।

भौतिकता की अंधी दौड़

समाज शास्त्री का हेमलता श्रीवास्तव का कहना है कि भौतिकता की अंधी दौड़ में लोग बदला लेने के लिए हर हथकंडा अपना रहे हैं। घर की महिलाओं को आगे कर विरोधियों पर छेड़खानी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाना भी इसका उदाहरण है। समाज में आए बदलाव पर गौर करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पहले असल में छेड़खानी होने पर भी लोग पुलिस के पास जाने से हिचकते थे लेकिन अब उलटा हो रहा है।

केस वन

धूमनगंज के उमरपुरनीवा में पड़ोसियों के बीच शनिवार सुबह रास्ते को लेकर विवाद हो गया। गालीगलौज के बाद मारपीट भी हुई लेकिन कुछ ही देर बाद एक पक्ष की महिला थाने पहुंची और छेड़खानी की तहरीर दी। पुलिस ने इस पर एफआईआर दर्ज कर ली है लेकिन इन्वेस्टिगेशन में आरोप सही नहीं पाया गया। पुलिस ने आरोपी युवक को अरेस्ट नहीं किया है।

केस टू

जार्जटाउन के अल्लापुर बाघंबरी हाउसिंग स्कीम में मकान मालिक व किराएदार के झगड़े में आरोप छेड़खानी का लगा। सात जुलाई को हुए विवाद के बाद किराएदार की पत्‍‌नी ने मकान मालिक, उनके दोनों बेटों के खिलाफ छेड़खानी, छिनैती की रिपोर्ट दर्ज करा दी। मकान मालिक ने भी मारपीट, धमकाने की एफआईआर दर्ज करवा दी है। छेड़खानी के एविडेंस न मिलने पर पुलिस ने किसी को अरेस्ट नहीं किया है।

केस थ्री

कीडगंज के खलासी लाइन में भी कूड़ा फेंकने को लेकर पांच जुलाई को पड़ोसियों के बीच झगड़ा हो गया। कुछ देर बाद एक पक्ष की महिला ने थाने पहुंचकर छेड़खानी, कपड़े फाड़ने और मारने पीटने का आरोप लगा दिया। एफआईआर दर्ज होने के बाद से दूसरे पक्ष के दो युवक भागे हुए हैं। हालांकि इनवेस्टिगेशन में छेड़खानी जैसी बात सामने नहीं आई है।

केस फोर

पन्नालाल रोड स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टर और मरीज के फैमिली मेंबर्स भिड़े तो छेड़खानी के आरोप भी लग गए। चार जुलाई को जौनपुर के लोगों ने दो डॉक्टरों के खिलाफ मारपीट की एफआईआर दर्ज करवा दी तो तीन दिन बाद अस्पताल की एक स्टॉफ नर्स सामने आई। उसका आरोप था कि मरीज के फैमिली मेंबर ने उसके साथ छेड़खानी की। उसने घटना की तारीख तीन जुलाई बताई। पुलिस मामले को पेशबंदी का बता रही है।

- पुलिस महिलाओं से रिलेटेड हर मामले को गंभीरता से लेती है। एसओ को आर्डर है दिया गया है कि हर शिकायत की एफआईआर दर्ज की जाए। इनवेस्टिगेशन के बाद आरोप सही नहीं पाए जाएंगे तो छेड़खानी की धाराएं हटा दी जाएंगी।

राजेश यादव, एसपी सिटी