प्रयागराज (ब्‍यूरो)। भ्रष्टाचार के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) विभाग 16 नवंबर (गुरुवार) को 163 वर्ष का हो जाएगा। इतने वर्षों में कई बदलाव हो गए। पूर्व में दिए गए कई अधिकारों में कटौती हो गई। लेकिन नाम वही पुराना चला आ रहा है। अपने लंबे इतिहास को समेटे हुए विभाग के स्थापना दिवस के अवसर पर 16 से 23 नवंबर तक आडिट सप्ताह मनाया जाएगा। सप्ताह भर तक प्रयागराज स्थित महालेखाकार (एजी) कार्यालय में कई कार्यक्रम होंगे।

नाव से लाए जाते थे अभिलेख
ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत का शासन नियंत्रण ब्रिटिश के हाथों में जाने के साथ ही सीएजी के गठन की शुरुआत हो गई थी। 16 नवंबर 1860 को इसकी स्थापना हुई और पहले महालेखापरीक्षक सर एड़र्वड नियुक्ति किए गए। दो वर्ष बाद प्रयागराज (पूर्व के इलाहाबाद) में महालेखाकार कार्यालय खोला गया और जी लुशिंगटन महालेखाकार बनाए गए थे। उन दिनों रेल सुविधा नहीं थी तो अभिलेखों को नावों से लाया जाता था। सरकार के सभी तरह के खर्चों का यह विभाग लेखा और आडिट करता है। खर्चे में गड़बड़ी पाए जाने पर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को बजट रोकने का अधिकार था। आजादी के बाद यह अधिकार खत्म कर दिया है। लेकिन नाम में अब भी नियंत्रक जुड़ा है और काम लेखा व आडिट का ही है। प्रयागराज स्थित लेखा एक और दो में सभी तरह के आय व्यय का ब्यौरा और सरकारी कर्मचारियों के देनदारियों (हकदारी) का हिसाब रखा जाता है। इसके अलावा यहां पर आडिट के तीन सेक्शन है। प्रधान निदेशक सेंट्रल की टीम यूपी, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड में स्थित केंद्र सरकार के विभागों का आडिट करता है। वहीं आडिट वन प्रदेश के 58 विभागों और आडिट टू अन्य विभागों का आडिट करता है। एजी यूपी के मीडिया प्रभारी राजेश तिवारी ने बताया कि वर्ष भर आडिट की प्रक्रिया चलती है। उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस को लेकर तैयारी पूरी हो गई है। 16 नवंबर को कार्यालय के सरस्वती सभागार में रंगोली प्रतियोगिता होगी। 17 को अंतर कार्यालय प्रश्नोत्तरी और 18 को बच्चों के बीच चित्रकला प्रतियोगिता होगी। 18 और 19 नवंबर को गवर्नमेंट प्रेस के ग्राउंड पर क्रिकेट प्रतियोगिता होगी। 21 को स्वच्छता अभियान, 22 को आनलाइन निबंध प्रतियोगिता और 23 नवंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रधान महालेखाकार सम्मानित करेंगे।