प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लोक सभा चुनाव में यूथ की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी आ गया है। आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'टर्निंग 18Ó और Óयू आर द वनÓ जैसे अनूठे अभियानों के माध्यम से नागरिकों को जोडऩे की पहल की जा रही है। दोनो कैंपेन को 'चुनाव का पर्व, देश का गर्वÓ थीम के साथ प्रमोट किया जा रहा है। वर्तमान में निर्वाचन आयोग की फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब सहित प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर उपस्थिति है। हाल ही में आयोग ने व्हाट्सएप चैनल और लिंक्डइन पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। आयोग का उद्देश्य रचनात्मक रणनीतियों और सोशल मीडिया के माध्यम से देश भर में नागरिकों के साथ जुडऩा, उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने और भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार में योगदान करने के लिए सशक्त बनाना है।

पहली बार वोट करने वालों पर फोकस
निर्वाचन आयोग की तरफ से मिले निर्देश के आधार पर स्वीप अभियान के तहत लोकल लेवल पर मतादाताओं का रुझान बढ़ाने के लिए अॅवेयरनेस कैंपेन चलाई जा रही है। इसका फोस आन ग्राउंड होने वाली एक्टिविटीज हैं। आयोग ने वर्तमान समय में यूथ में सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज को देखते हुए लोकप्रिय प्लेटफॉर्म पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। 18वीं लोकसभा के लिए चल रही चुनाव प्रक्रिया के बीच आयोग ने 'टर्निंग 18Óअभियान की शुरुआत की है, जो विशेष रूप से युवाओं और पहली बार वोट करने जा रहे मतदाताओं को टारगेट करता है। इसका उद्देश्य उन्हें लोकसभा चुनाव के साथ आगामी चुनावों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। जिससे कि पिछले चुनावों में शहरी और युवा मतदाताओं में देखी गई उदासीनता को दूर किया जा सके। इसके अतिरिक्त, अभियान के माध्यम से पिछले आम चुनावों और हाल ही में सम्पन्न हुए चुनावों की तुलना को 'तब बनाम अबÓ के रूप में चित्रित किया जा रहा है। इस अभियान में 18 साल की उम्र होते ही तुरंत मतदान के महत्व पर जोर देकर, युवा मतदाताओं के बीच नागरिक जिम्मेदारी की भावना को प्रेरित किया जा रहा है।

एज को किया जा रहा हाईलाइट
कैंपेन में 18-30 आयु समूह में महिला मतदाताओं की बढ़ती हुई भागीदारी को हाइलाइट करते हुए, भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की समावेशीता को दर्शाया गया है। 'टर्निंग 18Ó अभियान के आधार पर 'यू आर द वनÓ अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों के अमूल्य योगदान को पहचानना है। मतदाताओं और राजनीतिक दलों से लेकर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ), ग्राउंड स्टाफ, पोलिंग पार्टियां, प्रशासनिक कर्मी, मीडिया प्रोफेशनल्स, केंद्रीय बल और सुरक्षा कर्मी, प्रत्येक हितधारक चुनावी प्रक्रिया की अखंडता और दक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अभियान आकर्षक कहानी और मनोरम दृश्यों के माध्यम से इन व्यक्तियों के समर्पण और प्रतिबद्धता को उजागर करता है। इसमें प्रमुख हितधारकों, दिलचस्प वाकयों और अतीत के चुनावों की कहानियों और वीडियो/रीलों के माध्यम से पर्दे के पीछे काम करने वाली मतदान टीमों के अथक प्रयासों को उजागर किया गया है, जो चुनौतीपूर्ण इलाकों को चिह्नित करते हुए यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक मतदाता तक पहुंचा जा सके।

यू आर द वन की खासियत
अद्वितीय और दिलचस्प चुनावी कहानियों, वर्ग पहेली, चुनाव शब्दकोश के साथ भी मतदाताओं को आकर्षित किया जा रहा है।
अभियान की कई अन्य दिलचस्प विशेषताएं हैं जैसे 'चुनावी किस्सेÓ, पिछले चुनावों से दिलचस्प चुनावी कहानियों को साझा करना
भारतीय चुनाव श्रृंखला की संपूर्ण चुनाव संबंधी नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में सूचित करता है।
चुनावी प्रक्रिया से संबंधित सबसे प्रासंगिकसवालों के जवाब देने के लिए 'सवाल जवाबÓ सीरीज, पोल और पिक्सल सीरीज के माध्यम से, भारतीय चुनावों की एक दृश्य यात्रा साझा की गई है।
इसके अतिरिक्त 'पोस्ट से पहले पुष्टिÓ पहल भी शुरू की गई है, जिसमें ऑनलाइन फर्जी खबरों और गलत सूचनाओं का खंडन किया जाता है।
लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जानकारी साझा करने से पहले सावधानी और तथ्यों को परखने का आग्रह किया जाता है।
इस पहल का उद्देश्य सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त सामग्री को किसी अन्य को फारवर्ड करने से पहले उसकी सटीकता और प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाना है

रिश्वत लेने, डराने/धमकाने की सूचना दें
लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 के दृष्टिगत उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171ख के अनुसार कोई व्यक्ति निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान किसी व्यक्ति को उसके निर्वाचक अधिकार का प्रयोग करने के लिये उत्प्रेरित करने के उद्दश्य से नकद यावस्तु रूप से कोई परितोष देता है या लेता है वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डनीय होगा। इसके अतिरिक्त भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171ग के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी अभ्यर्थी या निर्वाचक, या किसी अन्य व्यक्ति को किसी प्रकार की चोट लगाने की धकमी देता है वह एक वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनो से दण्डनीय है। उडऩ दस्ते रिश्वत देने वालों और लेने वालों दोनो के विरूद्ध मामले दर्ज करने के लिये और ऐसे लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिये गठित किये गये है जो निर्वाचकों को डराने और धमकाने में लिप्त है। उन्होने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे कोई रिश्वत लेने से परहेज करें और यदि कोई व्यक्ति कोई रिश्वत की पेशकश करता है या उसे रिश्वत और निर्वाचकों को डराने/धमकाने के मामलों की जानकारी है तो उन्हें शिकायत प्राप्त करने के प्रकोष्ठ के टोल फ्र नम्बर 1950 पर सूचित करें।