प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सिविल लाइंस रोडवेज बस स्टैंड पर आने वाले यात्रियों के लिए बनाए गए सार्वजनिक फ्री यूरिनल बेसिन को देखने वाला कोई नहीं है। यहां पर यह यूरिनल बेसिन की कंडीशन बद से बदतर है। यूरिनल बेसिन में गंदगी ऐसी है मानों वर्षों से इसकी सफाई की ही नहीं गई। इस बात का उदाहरण बेसिन में जमी काली की मोटी परत है। कई यूरिनल बेसिन की पाइप तक टूट गई है। ऐसे में वाटर फ्लस के काम करने की कल्पना ही करना बेकार है। यूरिनल बेसिन में व्याप्त गंदगी की जो स्थिति है। उसे शायद पूरी तरह शब्दों में बयां कर पाना संभव नहीं होगा। यूरिनल बेसिन व फर्श से उठ रही दुर्गंध रोडवेज बस स्टैंड परिसर में फैल रही है। जिससे हवा चलने पर परिसर में मौजूद यात्रियों का सांस लेना दुश्वार है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आई इस समस्या को लेकर रिपोर्टर द्वारा यात्रियों से बात की गई।

अफसर मस्त सफाईकर्मी व्यस्त
रोड बस बस स्टैंड सिविल लाइंस में स्थिति है। यहां हर रोज हजारों यात्री, फतेहपुर, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्लानपुर, आयोध्या, जौनपुर, भदोही, वाराणसी जैसे अन्य तमाम शहरों के लिए दिन रात सफर करते हैं। सैकड़ों यात्रियों हमेशा इस बस स्टैंड पर बसों पकडऩे के बाद खड़े ही रहते हैं। इन यात्रियों के लिए यहां सार्वजनिक शौचालय सार्वजनिक यूरिनल बेसिक बनाया गया है। सार्वजनिक शौचालय में प्रति व्यक्ति पांच रुपये शुल्क लिया जाता है। लिहाजा इसकी कंडीशन तो ठीक है। मगर, सार्वजनिक फ्री यूरिनल बेसिन का कोई चार्ज नहीं है। लिहाजा इसकी कंडीशन बद से बदतर है। बस स्टैंड के दोनों तरफ बनाए गए इस सार्वजनिक यूरिनल बेसिन की पाइप टूट गई है और वाटर फ्लस भी काम नहीं कर रहे हैं। यात्रियों की समस्या सिर्फ इतनी ही नहीं है। कई यूरिनल बेसिन में काई की मोटी परत जम गई है। ऐसा लगता है कि की सफाई कई वर्षों से नहीं की गई है। गंदगी और दुर्गंध इतनी है कि यहां पर पांच मिनट भी खड़ा हो पाना मुश्किल हो जाता है।

नगर निगम में चिराग तले अंधेरा
यूरिनल बेसिन में गंदगी की समस्या सिर्फ सिविल लाइंस रोडवेज बस स्टैंड पर ही नहीं है। यह समस्या नगर निगम मुख्यालय परिसर के अंदर भी है। नगर आयुक्त कक्ष के ठीक सामने नई बिल्डिंग के बगल भी सार्वजनिक यूरिनल बेसिन बनाई गई है। पूरे शहर की सफाई कराने का दावा करने वाले नगर निगम के अधिकारियों को खुद के परिसर में मौजूद इस यूरिनल बेसिन गंदगी नजर नहीं आ रही है। नगर निगम में आने वाले कर्मचारी, पार्षद व आम लोगों को बेहद गंदे इस यूरिनल बेसिन का यूज करना पड़ रहा है।

बस अड्डे पर बनाए गए यूरिनल बेसिन की सफाई मानों होती ही नहीं है। उठ रही दुर्गंध से हर पुरुष यात्री परेशान है। रोडवेज प्रशासन आंख बंद करके बैठा हुआ है। यात्री बाहर के होते हैं, लिहाजा इस समस्या को लेकर शिकायत कौन करे।
आदित्य कुमार, फूलपुर

ऐसा नहीं कि यूरिनल बेसिन के गंदा होने से सिर्फ यात्री ही परेशान हैं। दुर्गंध की वजह से परेशानी हम परिचालकों व चालकों को भी होती है। यह समस्या काफी बड़ी है। मगर, इस बात को लेकर कहे कौन। यह तो सही है कि यूरिनल बेसिन की ठीक से सफाई कराया जाना जरूरी है।
एडी पाल, परिचालक

जितना गंदा व बदबूदार यूरिनल बेसिन यहां सिविल लाइंस बस स्टैंड पर देखा कहीं नहीं मिला। यहां तो लगता है कि अफसरों को यात्रियों की मूल भूत सुविधाओं से कोई मतलब ही नहीं है। कुछ मिनटों की बात है, हम बस पकड़ के चले जाएंगे कौन शिकवा शिकायत के पचड़े में वक्त बर्बाद करे।
इशरार सिद्दीकी, रेनूकोट

मैं अभी ही यूरिनल बेसिन से होकर आया हूं। इतना गंदा और दुर्गंध युक्त था कि पूरा मन खराब हो गया। थोड़ी देर के लिए ऐसा लगा मानों उल्टी हो जाएगी। प्रशासन सार्वजनिक यूरिनल बेसिन है वह भी बस स्टैंड की तो इसकी सफाई तो बेहतर होनी ही चाहिए। यात्री ज्यादा आते हैं तो सफाई सुबह, शाम और दोपहर तीनों समय किया जाना चाहिए।
आशीष पांडेय, कानपुर

सर, यात्रियों की यूरिनल बेसिन की सफाई कराने की जिम्मेदारी रोडवेज प्रशासन की है। वह जिम्मेदार अपना अपने कर्तव्य से विमुख हैं। वह बसें चल रही हैं, लोग आ जा रहे हैं, सब को वेतन मिल रहा है। फिर यात्रियों की समस्याएं व सुविधाओं के बारे में वह क्यों सोचेंगे। जितना गंदा यूरिनल बेसिन इस बस स्टैंड की है। हमारे मथुरा में किसी भी बस स्टेंड पर इतना गंदा व दुर्गंध युक्त सार्वजनिक यूरिनल बेसिन देखने को नहीं मिलेगी।
संदीप कुमार, मथुरा