-डॉक्टर्स डे स्पेशल

-समाजसेवा है इनका जुनून, सोसायटी वेलफेयर के लिए हमेशा रहते हैं तैयार

-डॉक्टर्स की पहचान से इतर जिंदगी को आई नेक्स्ट ने टटोला

<-डॉक्टर्स डे स्पेशल

-समाजसेवा है इनका जुनून, सोसायटी वेलफेयर के लिए हमेशा रहते हैं तैयार

-डॉक्टर्स की पहचान से इतर जिंदगी को आई नेक्स्ट ने टटोला

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: आए दिन होने वाली घटनाएं नि:संदेह डॉक्टर्स के मनी माइंडेड होने की इमेज बिल्ड करती हैं। लेकिन, सिर्फ यही सच नहीं है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ डॉक्टर्स पेशे में आते वक्त ली गई शपथ भूल चुके हैं लेकिन, कुछ लोगों के ऐसा करने का मतलब यह नहीं है कि सबको एक ही तराजू पर तौला जाय। आज मिलते हैं कुछ ऐसे डॉक्टर्स से जिनका इस प्रोफेशन से इतर भी एक चेहरा है। जो पूरी तरह से समाज को समर्पित है।

कैंसर से लड़ाई में सदा आपके साथ

स्कूल डेज में ही बच्चों को तंबाकू और सिगरेट से होने वाले जानलेवा कैंसर के बारे में बता दिया जाए तो इलाज की जरूरत कमजोर पड़ जाएगी। इसी थॉट पर काम कर रहे हैं कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ। बीके मिश्रा। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉ। मिश्रा पिछले कैंसर से बचने की फ्री एडवाइज देने की कैंपेन चला रहे हैं। उन्होंने लाखों रुपए खर्च करके दो हजार से अधिक किताबें भी छपवाई हैं। डॉ। मिश्रा कहते हैं कि कैंसर के मरीजों का इलाज मुश्किल होता है, ऐसे में हमारा ध्यान स्कूलों और माघ व कुंभ मेलों के कैंप में केंद्रित रहता है। यहां पर कैंप ऑर्गनाइज कर हम स्टेप वाइज कैंसर से लड़ने और बचने की नॉलेज देते हैं। वह कहते हैं कि सीएमएल कैंसर ज्यादा खतरनाक होता है। इसका इलाज भी महंगा। हमारी कोशिश है गरीब मरीजों को फ्री इलाज मिले। इसके लिए इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन मैक्स फाउंडेशन से हाथ मिलाकर हम आगे बढ़ रहे हैं। संस्था के जरिए ख्0 मरीजों को हर साल एक लाख तक की फ्री दवाएं दी जाती हैं।

एक जिद सूनी गोद भरने की

बच्चेदानी का कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियों में से एक है। अर्ली स्टेज में जांच हो जाए तो यूट्रस यानी बच्चेदानी को खराब होने से बचाया जा सकता है। कुछ इसी सोच के साथ गायनेकोलॉजिस्ट डॉ। एस नौटियाल ने कुछ साल पहले मुहिम शुरू की थी। बेली हॉस्पिटल में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने यूपी का पहला काल्पोस्कोपी सेंटर चालू कराया। जहां महिलाओं की फ्री पैपस्मीयर जांच आज भी होती है। यह जांच बच्चेदानी में कैंसर के लक्षणों का पता लगाने के लिए काफी है। हाल ही में वह यूपी मेडिकल एंड हेल्थ सर्विसेज डायरेक्टर पोस्ट से रिटायर हुई हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने जील रेमेडीज संस्था की नींद रखी। इसका उद्देश्य महिलाओं की फ्री पैपस्मीयर जांच की जाती है। स्पेशली रूरल एरिया की महिलाओं की ताकि वे मां बनने के सुख से वंचित न रह जाएं। डॉ। नौटियाल कहती हैं कि आज भी महिलाओं को डाइट के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है। इस फील्ड में भी वह काम करना चाहती हैं।

बच्चों को पढ़ाना बना लिया उद्देश्य

करेली के रहने वाले डॉ। टीयू सिद्दीकी ने अलग ही मिशन चला रखा है। उनका मानना है कि एजुकेशन रोजगार ही नहीं दिलाता, जीने की कला भी सिखाता है। हर बच्चे को एजुकेट करने का लक्ष्य लेकर पांच साल पहले कर्मा बाजार में उन्होंने एक मदरसे की स्थापना की। यहां पर समाज के निचले तबके से आने वाले बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाती है। यह वे बच्चे हैं जो स्कूल नहीं जा पाते और दुकानों व कारखानों में काम करते हैं। इन बच्चों को मदरसे में उर्दू तालीम के अलावा हिंदी, इंग्लिश और गणित भी पढ़ाया जाता है। गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों के लिए डॉ। सिद्दीकी फ्री मेडिकल चेकअप कैंप ऑर्गनाइज कर उन्हें दवाएं भी देते हैं। वह कहते हैं कि कुछ बच्चे लंच के नाम पर स्कूल छोड़कर चले जाते हैं, उनके लिए स्कूल में ही लाई-चना या दूसरे नाश्ते का प्रबंध किया जाता है। ताकि वह पढ़ाई पर ध्यान दें।

देखा नहीं जाता बुजुर्गो का दर्द

बदलते परिवेश में सीनियर सिटीजंस के प्रति लोगों की संवेदनशीलता कम होती जा रही है। इससे बुजुर्गो के जीवन के अंतिम दिन बेहद तकलीफदेह होते हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट से सीएमओ पद से रिटायर हुए डॉ। पीके सिनहा अपना बाकी जीवन इन्हीं लोगों की सेवा और मदद में गुजारने की ख्वाहिश रखते हैं। उन्होंने सिविल लाइंस में डे केयर सेंटर की स्थापना की। अकेले रहने वाले बुजुर्ग की सेंटर के कर्मचारी हर संभव मदद करते हैं। डॉ। सिन्हा ने अंदावां में एक शेल्टर भी खोल रखा है। जहां बुजुर्गो को रखकर उन्हें कंपनी दी जाती है ताकि वे अपनो की कमी महसूस न करें। इससे मिला एक्सपीरिएंस वह आठ इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शेयर कर चुके हैं। वह कहते हैं कि जल्द ही वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्गो के लिए प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं। जहां उन्हें इलाज के साथ अपनेपन का एहसास भी दिया जाएगा।