- सहालग के सीजन में भी दुकानों पर नहीं दिख रहे ग्राहक
- लगातार बढ़ते तापमान से लोग घरों में कैद, गिरा बिक्री का ग्राफ
ALLAHABAD: शहर के जिन मार्केटों में सुबह से शाम तक चहल-पहल रहती थी वहां कफ्र्यू सा सन्नाटा पसरा हुआ है। सेलिंग का ग्राफ धड़ाम हो चुका है। जिस तरह से तापमान चरम पर पहुंचा है, उससे मार्केट को जबरदस्त नुकसान हो रहा है। ग्राहक चाहकर भी घर से निकल नहीं पा रहे हैं। छोटी बाजारों से लेकर मॉल्स तक इसका असर दिखने लगा है। दुकानदारों की मानें तो मिड जून तक यही हालात रहेंगे। तापमान में कमी आने के बाद ही बाजारों की रौनक वापस लौट सकेगी।
सहालग के सीजन में पड़ी गर्मी की मार
मार्केट को गर्मियों की सहालग का इंतजार रहता है। ज्वैलरी से लेकर रेडीमेट गारमेंट तक की बाजारें इस सीजन में सेलिंग के टारगेट तय करती हैं लेकिन इस बार पड़ रही ताबड़तोड़ गर्मी ने सारे सपने बिखेर दिए हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार तापमान चार से पांच डिग्री बढ़ा हुआ है जिससे मार्केट में सन्नाटा पसर गया है। दुकानें टाइम से खुल जाती हैं लेकिन ग्राहक के आने का कोई भरोसा नहीं रहता है। दुकानदारों को गर्मी के चलते बिक्री में ब्0 से भ्0 फीसदी का नुकसान हो रहा है।
ज्वैलरी और गारमेंट्स को अधिक नुकसान
इस सीजन में सर्वाधिक बिक्री ज्वैलरी और गारमेंट की दुकानों पर होती है। बता दें कि सोने का भाव भी इस समय नीचे आ गया है। वर्तमान में सोना ख्म्700 से घटकर ख्म्फ्00 रुपए प्रति दस ग्राम पर आ गया है। बावजूद इसके खरीदार नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं सिविल लाइंस स्थित एक गारमेंट व्यापारी का कहना है कि हमने सात लाख रुपए की बिक्री का टारगेट फिक्स किया था, जो गर्मी की वजह से भ्0 फीसदी तक घटता नजर आ रहा है।
लाइट पूरी कर रही है रही-सही कसर
दिन में जबरदस्त गर्मी तो रात में लाइट की आंख-मिचौनी ने मार्केट का खेल बिगाड़ कर रख दिया है। कटरा, चौक, मुट्ठीगंज, सिविल लाइंस, तेलियरगंज आदि एरियाज में लोड शेडिंग के चलते बार-बार होने वाली कटौती से भी दुकानदारी प्रभावित हो रही है। दुकानदारों का कहना है कि सुबह से तेज धूप हो जाने के बाद शाम छह बजे के बाद ग्राहक घर से निकलते हैं लेकिन बिजली कटौती ने इस पर भी पानी फेर दिया है।
वीकेंड पर भी नहीं दिखे ग्राहक
शनिवार को वीकेंड के मौके पर मार्केट का हालचाल लेने के लिए आई नेक्स्ट ने जब पड़ताल की तो नजारा कफ्र्यू सा नजर आया। आग बरसाते मौसम में शहर के बिग बाजार, विशाल मेगा मार्ट, विनायक सिटी सेंटर आदि मॉल्स में भी गिनती के लोग नजर आ रहे थे। इनमें से कई लोग केवल मॉल्स में एसी की हवा का मजा लेने आए थे। शॉपिंग करने वाले तो गिनती के ही निकले। दुकानदारों का कहना था कि गर्मी की वजह से वीकेंड पर भी सेलिंग में बूम नजर नहीं आ रहा है।
किसानों से हाथ लग रही निराशा
आमतौर पर गर्मियों की सहालग किसानों की होती है। फसल कटने के बाद आने वाली रकम से किसान शादी-ब्याह की खरीदारी करते हैं। लेकिन, तेज गर्मी के चलते वह शहर की मार्केट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका फायदा ग्रामीण एरिया के मार्केट को ज्यादा हो रहा है। यहां की बिक्री का ग्राफ बढ़ा है। शॉप ओनर्स कहते हैं कि किसान, शहरियों की तरह ज्यादा मोलभाव नहीं करते हैं, चीज पसंद आने के बाद उनसे बेहतर फायदा कमाया जा सकता है
फैक्ट फाइल
- मार्च की अपेक्षा मई में महज म्0 फीसदी हुई है बिक्री।
- गर्मी के चलते ब्0 से भ्0 फीसदी डाउन हुआ है बिक्री का ग्राफ।
- ज्वैलरी शॉप गर्मियों की सहालग में एक करोड़ से अधिक सेलिंग करती हैं जो इस बार भ्0 फीसदी तक होना मुश्किल दिखाई दे रहा है।
- शुक्रवार को तापमान ब्भ् डिग्री सेल्सियस क्रॉस कर गया, जिससे दिन में घर से निकलना दूभर हो रहा है।
- गर्मियों की सहालग में गारमेंट शॉप्स भ्0 से म्0 लाख का टारगेट फिक्स करती हैं जो ब्0 फीसदी तक भी नहीं पहुंच सका।
- सोने के भाव गिर गए हैं फिर भी खरीदार नजर नहीं आ रहे। गर्मी के चलते ज्वैलरी की मार्केट डाउन हो रही है। लोग घर से निकलने की हिम्मत नहंीं कर पा रहे।
अभिषेक, ओनर, राजपूत ज्वैलर्स
सहालग का सीजन चल रहा है। शॉप में एक से बढ़कर स्टाइलिश गारमेंट वैरायटी मंगवाई लेकिन फिर भी ग्राहक नहीं मिल रहे। सेलिंग ब्0 फीसदी तक आ गई है।
जैनू अब्बास, ओनर, फैशन स्ट्रीट
वीकेंड पर गिफ्ट आइटम्स की बिक्री बढ़ जाती है लेकिन इस बार पारा इतना ज्यादा चढ़ गया है लेकिन लोग आ ही नहीं रहे हैं। सुबह से शाम तक सन्नाटा पसरा है।
विजय कुमार, मैनेजर, आर्चीज गैलरी
पिछली बार सहालग पर हमारी एवरेज सेलिंग सात लाख रुपए थी। इस बार इसकी आधी हो गई है। दिनभर में गिनती के ग्राहक ही आ रहे हैं। शहरी के लोग घर से नहीं निकल रहे।
संदीप तिवारी, ओनर, टर्टल शॉप
एक तो किसानों की फसल खराब हो गई। जो बचे थे वह गर्मी की वजह से शॉप तक नहीं आ रहे हैं। इसकी वजह से पूरा सीजन ऑफ हो गया है। गर्मी कम हो तो मार्केट में रौनक लौटेगी।
समीर सेन, ओनर, मान्यवर
गर्मी बहुत ज्यादा पड़ रही है। घर से निकलने की हिम्मत नहीं हो रही है। इमरजेंसी शॉपिंग करनी थी इसलिए मॉल में आया हूं। यहां भी काफी कम लोग नजर आ रहे हैं।
अशफाक, कस्टमर
पारा ब्भ् डिग्री के पार चला गया है। घर से बाहर निकलो तो चक्कर आने लगते हैं। यही कारण है कि लोग मौसम के ठंडे होने का इंतजार कर रहे हैं। मैं भी काफी मुश्किल से शॉप तक आया हूं।
इम्दाज सिद्दीकी, कस्टमर
शादी के कपड़ों की खरीदारी करनी थी सो चित्रकूट से सिविल लाइंस तक आए हैं। गर्मी की वजह से यहां तक आने में हालत खराब हो गई। हमलोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
विनोद शुक्ल, कस्टमर
कई दिनों से खरीदारी करने का प्लान बना रहे थे। भीषण गर्मी की वजह से हिम्मत नहीं पड़ रही थी। मजबूरी में घर से निकलना पड़ा। गर्मी है कि कम होने का नाम नहीं ले रही।
विनय, कस्टमर
इस मौसम में कौन घर से निकलेगा। बीमार होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। शहर की मार्केट में सन्नाटा पसरा है। शाम के समय मार्केट में लाइट की दिक्कत होने से लोग नहीं निकल रहे हैं।
सुरेंद्र, कस्टमर
मूवी देखने का प्लान बनाया था। इसलिए पीवीआर तक आए हैं। यहां बहुत ज्यादा गर्मी है। शो शुरू होने में देर है इसलिए इंतजार करना पड़ रहा है।
प्रतिभा मिश्रा
मॉल के अंदर और बाहर दोनों ओर गर्मी लग रही है। राहत के लिए सोचा थोड़ा आइसक्रीम खा लिया जाए।
रूबी