शहर के कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी, मचा हाहाकार--फ्लैग
खतरे का निशान छूने को बेकरार नदियां, तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
हजारों की आबादी बाढ़ से घिरी, कई परिवारों ने किया पलायन
ALLAHABAD: वर्ष 2013 का इतिहास दोहराने को है। बाढ़ की गंगा विनाशलीला करने के मूड में है। नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को छूने को आतुर है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से गुरुवार को शहर के आधा दर्जन तटवर्ती इलाकों में पानी घुस गया। इससे यहां खलबली मच गयी है। हजारों की आबादी बाढ़ में फंस गयी है। कई परिवार पलायन कर चुके हैं और कई इसकी तैयारी में हैं।
24 घंटे में बढ़ा 1.16 सेमी
बुधवार शाम चार बजे से गुरुवार तक चौबीस घंटे में गंगा-यमुना में प्रति घंटे चार सेमी की अधिक की रफ्तार से वृद्धि दर्ज की गई। गंगा में कुल एक मीटर 16 सेमी तो यमुना में एक मीटर आठ सेमी की बढ़ोतरी हुई। इसका असर यह हुआ कि नदियों का पानी तटवर्ती इलाकों में तेजी से घुसने लगा। इसके चलते हजारों की संख्या में लोग पलायन को मजबूर हो गए हैं। इनकी वर्षो की गृहस्थी बाढ़ की भेंट चढ़ गयी।
आज अनहोनी की गुंजाइश
गुरुवार शाम तक छह बजे तक गंगा के बढ़ने की रफ्तार घटकर दो सेमी प्रति घंटे हो गई थी। लेकिन इस रफ्तार से भी नदियां शुक्रवार सुबह तक खतरे का निशान पर कर जाएंगी। इसके बाद शहर के कई और इलाकों के मुसीबत खड़ी होने के आसार हैं। विडंबना यह कि गंगा-यमुना के साथ ससुर खदेरी भी उफान पर है। नदी का पानी करेली के गौस नगर और आजाद नगर में प्रवेश कर जाने से हाहाकार मचा है।
चोरी के डर से छत पर बसेरा
गंगा के दर्जन भर तटवर्ती इलाकों के बाढ़ में डूब जाने से स्थिति नाजुक हो चली है। हालात यह है कि एक मंजिला घरों में रहना नामुमकिन हो गया है जबकि दो मंजिला मकान मालिक छतों पर प्लास्टिक का टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं। बघाड़ा के रहने वाले श्यामू, राजकली, किशोरी, नगमा, मीना और आशीष ने बताया कि वह गुरुवार रात तक कीमती सामान लेकर शहर के दूसरे इलाकों में रहने वाले रिश्तेदारों के यहां शिफ्ट हो जाएंगे। वहीं, अजायब सिंह, प्रीति, दौलत लाल आदि चोरी के डर से छत पर ही रात बिताने की तैयारियों में जुट गए हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाके
बघाड़ा, सलोरी, ओम गायत्री नगर, दारागंज, बलुआघाट बारादरी, नेवादा, राजापुर, मऊसरैया, रसूलाबाद, अशोक नगर, करेली गौस नगर, गड्ढा कालोनी, आजाद नगर, आशियाना नगर, महुआ कालोनी, हड्डी गोदाम
यहां मांगें मदद
दूरभाष नंबर 05322641577
टोलफ्री नंबर 1077
प्रशासन ने बनाया कंट्रोल रूम
निचले इलाकों को प्रशासन ने
तटवर्ती इलाकों में रहने वालों को सतर्क रहने व जरूरत पड़ने पर घर छोड़ने को कहा गया है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों को नाव से बाहर निकाला जा रहा है। प्रशासन ने राहत के लिए दस शिविर भी बनाए हैं।
- जिला प्रशासन
जलस्तर पर नजर
खतरे का निशान- 84.73 मीटर
फाफामऊ- 84.48 मीटर (बढ़ोतरी-1.16 मीटरर)
छतनाग- 83.78 मीटर
नैनी- 84.33 मीटर (बढ़ोतरी- 1.08 मीटरर)