-मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो शहर के नशे का सैंपल लेकर आया शख्स भी शिकंजे में

-इसके जरिए नशे की मंडी के सौदागरों व पूरे जखीरे तक पहुंचने की कोशिश जारी

PRAYAGRAJ: नशे के सौदागरों को सर्च करने में जुटी टीम के हाथ कई बड़े सुराग लगे हैं। मुंबई, दिल्ली जैसे शहरों में प्रचलित हैश नामक सबसे महंगे स्मैक की बिक्री जिले में हो रही है। इस हैश को सौदागरों की दुनिया में हशीश के नाम से भी जाना जाता है। जिले में इसकी सप्लाई करने वाले एक शख्स को टीम ने उठा लिया है। उठाया गया शख्स काफी शातिर किस्म का है। हालांकि टीम उससे सारे राज निकालने में जुट गई है। माना जा रहा है कि यही वह कड़ी है जिसके जरिए टीम कई सौदागरों व स्मैक के जखीरे तक पहुंच सकेगी।

हशीश के नाम भी जानते हैं नशेड़ी

नशे को लेकर दैनिक-जागरण-आई नेक्स्ट द्वारा चलाई गई मुहिम में सामने आई तस्वीर चौंकाने वाली रही। मामले को संज्ञान लेते हुए एडीजी प्रेम प्रकाश व एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी एक्शन मोड में हैं। एसएसपी द्वारा गठित की गई टीम भी पूरी शिद्दत से सौदागरों तक पहुंचने की जुगत में है। दो दिन से कवायद कर रही टीम के कदम नशे के सौदागरों की मंडी तक पहुंच चुके हैं। सूत्र बता रहे हैं कि कारपेंट्री चौराहे के पास से एक शातिर भी टीम के हाथ लगा है। इसके पास से हैश नामक स्मैक भी मिली है। जानकारों की मानें तो हैश यानी हशीश नामक इस स्मैक का नशा ज्यादातर मुंबई व दिल्ली, एवं नोएडा और गुजरात सहित अन्य बड़े प्रांतों एवं प्रदेशों में किया जाता है। शातिर यहां इसका सैंपल लेकर किसी सौदागर से डील करने पहुंचा था। नगर गड़ाए बैठी टीम के कान तक बात पहुंची तो हाथ सौदागर के गर्दन तक पहुंचने में देर नहीं लगी।

हैश की कीमत है काफी ज्यादा

जानकार बताते हैं कि हैश नामक स्मैक सबसे महंगी वैरायटी की मानी जाती है।

एक तोला यानी दस ग्राम हैश की कीमत आठ से दस हजार रुपये बताई जाती है।

इस स्मैक को लेने का तरीका भी अलहदा है। कहते हैं कि इसे सिल्वर वर्क पर रखकर लिया जाता है।

कुछ नशेड़ी से इसे नाक से खींचते हैं तो कुछ मुंह से।

एक बार इसे लेने के बाद 14 से 15 घंटे तक इसका असर बना रहता है।

एक बार इसकी लत लगने के बाद नशेड़ी आजीवन कोई दूसरा नशा नहीं कर सकता