प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बदन को झुलसा देने वाली गर्मी में चैत्र नवरात्रि व सन्निकट ईद को देखते हुए फलों का भाव चढ़ गया है। आसमान छूते फलों के भाव खुदरा मार्केट में गरीबों की पहुंच से काफी दूर दिखाई दे रहे हैं। कटरा लक्ष्मी टाकीज फल मार्केट के व्यापारियों की मानें तो सबसे ज्यादा केला व संतरा और अंगूर के साथ सेब पर पर्वों और गर्मी का असर पड़ा है। मुंडेरा मंण्डी में थोक व्यापारियों ने प्रति कैरेट सौ से डेढ़ सौ रुपये बढ़ा दिए हैं। ऐसी स्थिति में लोकल मार्केटों में रेट बढ़ाना उनकी मजबूरी बन गई है।

खपत देख कर रेट कर रहे फिक्स
धार्मिक पर्व नवरात्रि फलों की बिक्री काफी अधिक होती है। ऊपर से रमजान का महीना चल रहा और ईद भी सन्निकट है। इन दोनों पर्वों और गर्मी के गठजोड़ को देखते थोक से लेकर खुदरा यानी लोकल मार्केट कुछ फलों के दाम इन दिनों तेजी से बढ़े हैं। फल विक्रेताओं की माने एक तो थोक व्यापारियों ने रेट बढ़ा दिया है। ऊपर से जब उस रेट में वे थोक खरीद कर लाते हैं तो यहां लोकल मार्केट में गर्मी के कारण काफी फल खराब हो जाते हैं। ग्राहक बहुत फल का हाई रेट देखकर कतराने लगते हैं। ऐसी स्थिति में लागत से दो तीन रुपये प्रति किलो ही वह मुनाफा ले पा रहे हैं। कहते हैं कि दोनों पर्व यदि गर्मी में नहीं पड़ते तो शायद भाव इतना अधिक चढ़ता। क्योंकि तब फल गर्मी के चलते ज्यादा रेसियों में सड़ते व गलते एवं खराब नहीं होते।

इन फलों का अधिक बढ़ा है दाम
व्यापारी बताते हैं कि पिछले महीने संतरा 60 से 50 रुपये किलो फुटकर बेच रहे थे। अब गर्मी के बीच दो-दो पर्व आने पर वे इसे 90 से 100 रुपये किलो बेचने को मजबूर हैं।
केला का फुटकर भाव एक अप्रैल तक 40 से 50 रुपये दर्जन बिक रहा था। थोक में प्रति कैरेट 100 से 150 रुपये बढ़ जाने से इसी केला को वे 60 से 70 रुपये दर्जन बेच रहे हैं।
सेब का पिछले महीने तक खुदरा यानी फुटकर मार्केट में हाईएस्ट रेट 90 से 100 रुपये किला था। पर्वों के चलते थोक मण्डी में प्रति कैरेट पर 100 से दो सौ रुपये बढ़ गया। इस अब वे 120 से 150 रुपये प्रति किलो बेच रहे। मार्केट में 200 के ऊपर का भी सेब मौजूद है।
अंगूर के भाव पर भी पर्वों का रंग काफी चढ़ा है। फुटकर व्यापारी बताते हैं कि जो अंगूर दस दिन पहले तक 50 से 60 रुपये किलो वे बेच रहे थे, अब थोक भाव बढऩे के कारण 80 से 90 रुपये क्वालिटी के हिसाब से बेच रहे हैं।
फलों का राजा आम भी मार्केट में मौजूद है, हालांकि इसके दाम पर पर्वों का बहुत असर नहीं है। फुटकर मार्केट में इसका रेट व्यापारी 140 से 160 रुपये किलो बता रहे हैं।

गर्मियों में फल वैसे भी अधिक खराब होने से नुकसान ज्यादा होता है। ऊपर से थोक मण्डी में ही पर्वों को देखते हुए ज्यादा खपत होने वाले फलों के दाम बढ़ गए हैं। ऐसे में फलों का रेट बढऩा मजबूरी है।
- अरशद, फल व्यापारी

खुदरा यानी फुटकर दुकानदारों के अपने ग्राहक होते हैं। वह नहीं चाहते कि ग्राहकों को कोई सामान बहुत महंगा व खराब बेचें। जब थोक में ही महंगा मिलेगा और सड़े गले को छाटेंगे तो जो बचेगा उसी पर दो पैसा हमें भी कमाना है। महंगाई को देखते हुए रेट-दर रेट भी बेचना पड़ता है।
- मो। अनश, फल मण्डी कटरा अध्यक्ष आजाद हाकर स्ट्रीट वेंडर्स यूनियन


मुण्डेरा मंण्डी में थोक माल खरीद कर आते समय गेट पास में वजन कम होने के बावजूद ज्यादा वजन दिखा कर पैसा वसूला जा रहा है। एक यह वसूली ऊपर से थोक में भाव हाई हो गया है। हम फुटकर फल व्यापारी खुद परेशान हैं पर क्या करें, व्यापार है करना तो है ही।
एहसान अहमद, फल विक्रेता