- गुस्से और गम के बीच मायूस लौटना पड़ा घर

-इलाहाबाद, कौशांबी और चित्रकूट के थे छात्र

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KAUSHAMBI: ट्रेनों के चक्कर में लेखपाल की परीक्षा में शामिल होने निकले एक हजार से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा छूट गई। छात्र गुस्सा और गम के बीच मायूस होकर वापस लौट गए। परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर पुरजोर विरोध किया लेकिन उनकी एक नहीं चली। सभी के जुबान पर एक ही सवाल था कि इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन ?

सारी मेहनत पर फिरा पानी

इलाहाबाद के दारागंज से आए रमेश कुमार का पुलिस की लाठी पड़ने से सिर फट गया है। खून से लथपथ रमेश बार-बार बेहोश हो जा रहा था। होश आने पर रमेश का सिर्फ यहीं कहना था कि सारी मेहनत पर पानी फिर गया। कौशांबी तिल्हापुर मोड़ निवासी अजीत यादव का सेंटर फतेहपुर था। सुबह उसने भरवारी से तूफान एक्सप्रेस पकड़ी थी। इलाहाबाद के सुमित दुबे की माने तो महीने भर से वह परीक्षा की तैयारी कर रहा था। रेलवे की बदौलत वह परीक्षा से वंचित हो गया। सोरांव के मर्फाकला के राकेश कुमार ने भी परीक्षा से वंचित होने का सारा ठीकरा रेल प्रशासन पर फोड़ा। चित्रकूट के बरगढ़ से आए कृतिमान का कहना था कि रेलवे चाहता तो यात्री ट्रेनों को खड़ा कराने के बजाय मालगाड़ी को खड़ा कराता। लेकिन रेल प्रशासन ने ऐसा नहीं किया। इसी वजह से वह लोग परीक्षा से वंचित हो गए।