प्रयागराज ब्यूरो ।प्रयागराज के लिए लोकल लेवल पर नामांकन की प्रक्रिया भले ही अभी तक लागू नहीं हुई है लेकिन लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। इस बाद पोलिंग के दिन प्रत्याशियों के साथ ही मतदाताओं के लिए गाइड लाइन तय कर दी गयी है। इसके अनुसार बूथ के अंदर केंद्र अथवा राज्य सरकार के मंत्री, सांसद-विधायक को वोटर नहीं है तो इंट्री नहीं मिलेगी। वोटर होने की स्थिति में उन्हें इंट्री तो मिल जायेगी लेकिन अपने साथ गनर को लेकर बूथ तक जाने की अनुमति किसी को नहीं होगी। सभी को अपना मोबाइल मतदान केन्द्र के बाहर ही छोडऩा होगा।
तो पीठासीन अधिकारी देेंगे अनुमति
मंत्री या अन्य कोई जनप्रतिनिधि प्रत्याशी हैं तो वे पीठासीन अधिकारी की अनुमति पर जा सकते हैं। हां, मतदान करने के लिए बूथ के अंदर जा सकते हैं। सबसे खास बात यह कि मतदान के दिन कोई भी व्यक्ति जिसे सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है और इसलिए उसे आधिकारिक सुरक्षा दी गई है, वह अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ मतदान केंद्र परिसर के आसपास 100 मीटर के भीतर, प्रवेश नहीं करेगा। इसके अलावा मतदान के दिन ऐसा कोई भी व्यक्ति अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ निर्वाचन क्षेत्र में नहीं घूमेगा। यदि आधिकारिक सुरक्षा प्रदान किया गया व्यक्ति मतदाता भी है तो वह सुरक्षा कर्मियों के साथ अपनी आवाजाही को केवल मतदान तक ही सीमित रखेगा।
धर्मस्थल पर सभा की अनुमति नहीं
सरकारी और प्राइवेट सुरक्षा कर्मी दोनों में यह निर्देश लागू होंगे। मंदिर, मस्जिदों, चर्चों, गुरुद्वारों या किसी भी पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के स्थानों के रूप में नहीं किया जाएगा, जिसमें चुनाव प्रचार पर भाषण, पोस्टर, संगीत आदि शामिल हैं। धर्म स्थलों में सभा भी नहीं हो सकेगी। कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, परिसर की दीवार, वाहन आदि का उपयोग मालिक की विशिष्ट अनुमति के बिना ध्वज दंड लगाने, बैनर लगाने, नोटिस चिपकाने या नारे लिखने आदि के लिए नहीं कर सकता है। लाउडस्पीकर चाहे स्थिर हों या चलते वाहनों पर लगे हों, उनका उपयोग सुबह छह बजे से पहले या रात 10 बजे के बाद नहीं किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बिना।
गंभीर रोगियों को मिलेगा सहायक
गंभीर रोगियों को मिल सकेगी चिकित्सा सुविधाएं-असाध्य या गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नकद या चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना उचित अनुमोदन के साथ जारी रखा जा सकेगा। बाढ़, सूखा, महामारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के लिए राहत एवं पुनर्वास शुरू तथा जारी रह सकते हैं। चल रहे कार्य, जो वास्तव में चुनाव की घोषणा से पहले क्षेत्र में शुरू हुए थे, जारी रहेंगे।

सभी दल इस्तेमाल कर सकेंगे हेलीपैड
मैदान जैसे सार्वजनिक स्थान सभी दलों, चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों को चुनावी बैठकें, सभाएं आयोजित करने के लिए निष्पक्ष रूप से उपलब्ध कराए जाने चाहिए। इसी प्रकार समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए हेलीपैड का उपयोग सभी दलों, उम्मीदवारों के लिए निष्पक्ष रूप से मुहैय्या कराया जाना चाहिए।

आचार संहिता का कड़ाई से अनुपालन कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। दलों के प्रतिनिधियों को आचार संहिता की गाइडलाइन दे दी गई है। आचार संहिता के उल्लंघन पर आयोग की गाइडलाइन के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
नवनीत ङ्क्षसह चहल, जिला निर्वाचन अधिकारी


मंत्रियों को सुरक्षा मिलेगी मगर वाहन नहीं
लोकसभा चुनाव को लेकर आयोग की ओर से आचार संहिता के ²ष्टिगत जारी गाइडलाइन के अनुसार मंत्रियों को अनुमन्य सुरक्षा तो मिलेगी मगर उनके सुरक्षा कर्मियों के लिए वाहन जिला प्रशासन नहीं देगा। उन्हें खुद किराए के वाहन सुरक्षा कर्मियों के लिए लेने होंगे। पहले जिला प्रशासन की ओर से यह व्यवस्था दी जाती रही कि जब भी केंद्र अथवा राज्य सरकार के मंत्री ट्रेन अथवा प्लेन से आते थे तो परिवहन विभाग उन्हें तथा उनके सुरक्षा कर्मियों के लिए वाहनों की व्यवस्था कराता है, जिसका भुगतान राज्य सरकार की ओर से होता रहा है। चुनाव आचार संहिता लागू होने तक यह सुविधा अब नहीं मिल सकेगी। इसी तरह मंत्रियों के प्रोटोकाल में न तो मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई जाएगी और न ही उन्हें सर्किट हाउस अथवा अन्य कोई गेस्ट हाउस ही दिया जा सकेगा। उन्हें अपने पैसे से होटल में रहना होगा। यदि सर्किट हाउस अथवा गेस्ट हाउस में रहना चाहेंगे तो उसका फुल पेमेंट उन्हें एडवांस में पे करना होगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी व एडीएम प्रशासन पूजा मिश्रा ने बताया कि इस बाबत निर्देश आ गए हैं, जो भी मंत्री आएंगे तो उन्हें इस संबंध में पहले ही जानकारी दे दी जाएगी।