प्रयागराज ब्यूरो । एक बार फिर मलेरिया का सीजन आ रहा है। मच्छरों की भरमार हो गई है। सुबह से लेकर रात तक मच्छरों के डंक से लोग परेशान हैं। ऐसे में जिन लोगों को ठंड के साथ बुखार की शिकायत है वह एहतियातन मलेरिया की जांच करा रहे हैं। इस दौरान वह परेशान हो रहे हैं। उनकी परेशानी का सबब जांच नही बल्कि जांच के नाम पर ली जाने वाली फीस है। सरकारी अस्पताल से लेकर प्राइवेट पैथोलाजी तक मलेरिया की जांच के रेट में समानता नही है। हर जगह का अलग रेट है। ऐसे में मरीज कन्फ्यूज हो जाते हैं कि वह कहां पर अपनी मलेरिया की जांच कराएं।
केवल एक जगह फ्री जांच
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मलेरिया जांच को लेकर स्टिंग शुरू किया तो सबसे पहले सरकारी बेली अस्पताल में पूछताछ की। यहां पता चला कि फ्री में जांच हो रही है। इसके बाद काल्विन अस्पताल में इस जांच के लिए १५० रुपए रेट बताया गया तो एसआरएन अस्पताल में १०० रुपए प्रति जांच की जानकारी दी गई। इसके बाद हमने प्राइवेट लैब का रुख किया। यहां पर भी अलग अलग रेट बताए गए। सबसे अहम कि एक ही रोग की जांच के रेट में कोई यूनिफार्मिटी नही है। हर लैब का अपना अलग रेट कार्ड है।
क्या प्राइवेट लैब की जांच बेहतर है?
सरकारी अस्पतालों के मुकाबले शहर की प्राइवेट पैथोलाजी में मलेरिया जांच के एवज में अधिक रेट वसूले जा रहे हैं। इसके बारे में जब रिपोर्टर ने लैब संचालकों से पूछा तो उन्होंने कहा कि सरकारी के मुकाबले प्राइवेट लैब में जांच बेहतर होती है। इसी बात का पैसा लिया जाता है। कुछ लैब संचालकों ने कहा कि हम जांच रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध करा देंगे। वहीं सरकार अस्पतालों में चौबीस घंटे बाद रिपोर्ट देने की बात कही गई।
कहां बताया कितना रेट
बेली अस्पताल- निशुल्क
काल्विन अस्पताल- १५० रुपए
एसआरएन अस्पताल- १०० रुपए
अनूप पैथोलाजी- ३५० रुपए
प्राइम पैथोलाजी- २५० रुपए
कृति स्कैनिंग- २०० रुपए
पैथकाइंड- ७०० रुपए (ऑनलाइन रेट)
पैथलैब - ५२० रुपए (ऑनलाइन रेट)


केवल १३ रुपए की है किट
जिस मलेरिया जांच के नाम पर प्राइवेट पैथोलाजी सेंटर २०० से ७०० रुपए तक ले रहे हैं, असल में उसकी जांच किट महज १३ रुपए की आती है। जब रिपोर्टर ने इस बारे में किट विक्रेताओं से बात की तो उन्होंने बताया कि अलग अलग कंपनी की किट आती हैं। इनके रेट भी डिफरेँट होते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे जिस कंपनी की किट है वह १३ रुपए की है और यह सबसे ज्यादा सेल होती है। नाम नही छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि बाजार में किट के मुकाबले जांच के रेट अधिक हैं। इस पर सरकार को कदम उठाना चाहिए।
सबसे अच्छी होती है स्लाइड जांच
एक्सपट्र्स का कहना है कि मलेरिया की सबसे अच्छी जांच स्लाइड होती है। लेकिन यह जांच पैथोलाजी में कम ही होती है और यह सस्ती पड़ती है। इसकी जगह किट जांच की जाती है। जो महंगी होती है। हालांकि इसकी रिपोर्ट ततकाल आती है। लेकिन, कई बार किट से मलेरिया की एंटीजन जांच कराने के बाद भी स्लाइड बनाकर उसकी पुष्टि की जाती है। इसलिए सबसे अथेंटिक जांच स्लाइड की ही होती है।


सरकार ने सरकारी अस्पतालों मलेरिया की जांच के रेट निर्धारित किए हैं। उसी के हिसाब से चार्ज लिया जाता है। प्राइवेट लैब वाले क्या रेट ले रहे हैं यह उन पर निर्भर करता है। लेकिन, सरकारी अस्पतालों में कहीं यह जांच फ्री भी की जाती है।
डॉ। वत्सला मिश्रा, एचओडी पैथोलाजी विभाग व प्रिंसिपल एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

बेली अस्पताल में मलेरिया की जांच फ्री होती है और इसमें हम किट और स्लाइड दोनों से जांच करते हैं। सबसे अथेंटिक जांच स्लाइड की मानी जाती है। हम किट से एंटीजन जांच करने के बाद भी स्लाइड से एक बार कंफर्म भी करते हैं।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज