-त्योहार से पहले ई-लाला लांच करने की तैयारी, करोड़ों रुपए के कारोबार पर है नजर
-ई-कंपनियों से मार्केट की सीधी टक्कर, केंद्र सरकार से की प्रतिबंधित करने की मांग
<-त्योहार से पहले ई-लाला लांच करने की तैयारी, करोड़ों रुपए के कारोबार पर है नजर
-ई-कंपनियों से मार्केट की सीधी टक्कर, केंद्र सरकार से की प्रतिबंधित करने की मांग
ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in
ALLAHABAD: ऑनलाइन मार्केटिंग कराने वाली ई-कंपनियों से इलाहाबाद की लोकल मार्केट की इस बार दीपावली पर सीधी टक्कर होगी। दोनों की नजर करोड़ों रुपए के कारोबार पर है। ऑनलाइन कारोबार पर कब्जा जमाने के लिए व्यापारी संगठन कैट ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट लांच करने जा रहा है। उम्मीद है यह त्योहार से पहले शॉपिंग के लिए उपलब्ध हो जाएगा। हालांकि, इंटरनेशनल ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले हैवी डिस्काउंट को देखते हुए व्यापारियों के होश उड़े हुए हैं।
दो सौ करोड़ का कारोबार
इस दीपावली पर इलाहाबाद में कम से कम दो सौ करोड़ रुपए के ऑनलाइन व्यापार की उम्मीद की जा रही है। इनमें कपड़े, होम अप्लायंसेज, पटाखे, मिठाइयां, गिफ्ट्स, इलेक्ट्रानिक आइटम्स, मोबाइल फोन आदि शामिल हैं। जिस पर लोकल व्यापारियों की भी नजरें गड़ी हुई हैं। उधर, स्नैपडील, अमेजोन, फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन कंपनियों की ओर से ग्राहकों को लुभाने के लिए हैवी डिस्काउंट दिया जा रहा है। कई कंपनियां अलग-अलग प्रोडक्ट्स पर सत्तर से अस्सी फीसदी तक डिसकाउंट मुहैया करा रही हैं जो लोकल व्यापारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
कैट की वेबसाइट
इंटरनेशनल ऑनलाइन कंपनियों से दो-दो हाथ करने के लिए व्यापारिक संगठन कैट (कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स)<ऑनलाइन मार्केटिंग कराने वाली ई-कंपनियों से इलाहाबाद की लोकल मार्केट की इस बार दीपावली पर सीधी टक्कर होगी। दोनों की नजर करोड़ों रुपए के कारोबार पर है। ऑनलाइन कारोबार पर कब्जा जमाने के लिए व्यापारी संगठन कैट ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट लांच करने जा रहा है। उम्मीद है यह त्योहार से पहले शॉपिंग के लिए उपलब्ध हो जाएगा। हालांकि, इंटरनेशनल ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से दिए जाने वाले हैवी डिस्काउंट को देखते हुए व्यापारियों के होश उड़े हुए हैं।
दो सौ करोड़ का कारोबार
इस दीपावली पर इलाहाबाद में कम से कम दो सौ करोड़ रुपए के ऑनलाइन व्यापार की उम्मीद की जा रही है। इनमें कपड़े, होम अप्लायंसेज, पटाखे, मिठाइयां, गिफ्ट्स, इलेक्ट्रानिक आइटम्स, मोबाइल फोन आदि शामिल हैं। जिस पर लोकल व्यापारियों की भी नजरें गड़ी हुई हैं। उधर, स्नैपडील, अमेजोन, फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन कंपनियों की ओर से ग्राहकों को लुभाने के लिए हैवी डिस्काउंट दिया जा रहा है। कई कंपनियां अलग-अलग प्रोडक्ट्स पर सत्तर से अस्सी फीसदी तक डिसकाउंट मुहैया करा रही हैं जो लोकल व्यापारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
कैट की वेबसाइट
इंटरनेशनल ऑनलाइन कंपनियों से दो-दो हाथ करने के लिए व्यापारिक संगठन कैट (कंफडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स) ऑनलाइन वेबसाइट ई-लाला लांच करने जा रहा है। जिसकी शुरुआत नागपुर से होनी है। इसके बाद यह यूपी के शहरों में भी लांच होगा। संगठन के पूर्वी उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष महेंद्र गोयल बताते हैं कि यह वेबसाइट ऑनलाइन ई-कंपनियों को सीधी टक्कर देगा। जिसके जरिए ग्राहक घर बैठे शॉपिंग कर सकेंगे। डेस्टिनेशन बेस वेबसाइट ई-लाला में शहर के व्यापारियों के प्रतिष्ठानों का जिक्र होगा। इसमें पारदर्शी व्यापार के लिए होलसेलर और रिटेलर की डिटेल भी मौजूद होगी।
लंबे समय से चल रही लड़ाई
व्यापारिक संगठनों ने ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाली कंपनियों के खिलाफ लंबे समय से लड़ाई छेड़ रखी है। व्यापारियों का कहना है कि ये कंपनियां इंडिया में अवैध तरीके से व्यापार कर रही हैं। इससे गवर्नमेंट को करोड़ों रुपए के वैट का नुकसान हो रहा है। केवल दीपावली में कम से कम पंद्रह से सोलह करोड़ का टैक्स मारा जाएगा। कैट के महेंद्र गोयल का कहना है कि इन कंपनियों को रिटेल व्यवसाय का अधिकार कैसे मिला है। केंद्र सरकार से ऑनलाइन व्यापार को प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।
लोगों में बढ़ रहा क्रेज
ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर लोगों में तेजी से क्रेज बढ़ रहा है। हैवी डिस्काउंट और घर बैठे इंटरनेट पर प्रोडक्ट वैरायटी उपलब्ध होने से लोग इसका अधिक से अधिक फायदा उठाने से चूक नहीं रहे हैं। इससे लोकल मार्केट को भारी-भरकम नुकसान होने की आशंका है। यही कारण है कि व्यापारिक संगठनों ने आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है।