हजारों की संख्या में पेंडिंग पड़े हैं खाद्य सुरक्षा अधिनियम के आवेदन

कई महीनों से नहीं आया नंबर, सूची के सत्यापन का नहीं निकला कोई हल

ALLAHABAD: राजापुर की रहने वाली रेशमा, सबीना और कोमल देवी ने दो महीने पहले खाद्य सुरक्षा अधिनियम पात्रता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन, अभी तक उनका नाम सूची में शामिल नहीं हुआ है। उन्होंने कई बार इसके बारे में जिला पूर्ति कार्यालय से जानकारी हासिल की, साथ ही ग्राहक सुविधा केंद्र के भी चक्कर काटे हैं। फिर भी कोई हल नहीं निकला। हालात यह हैं कि जिले में लाखों की संख्या में आवेदन पेंडिंग पड़े हैं, जबकि अपात्र मजे से सस्ता सरकारी राशन डकार रहे हैं।

डेढ़ लाख तक पहुंची पेंडेंसी

जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्रता सूची का लक्ष्य हासिल कर प्रशासन पहले ही अपनी पीठ थपथपा चुका है लेकिन अभी भी लाखों की संख्या में पात्र विभागों के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। उन्होंने कई महीने पहले राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन अभी तक सूची में नाम शामिल नहीं हो सका। फिलहाल, पेंडिंग आवेदन की संख्या डेढ़ लाख की संख्या तक पहुंच चुकी है। अभी इसके बढ़ने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है।

अपात्रों को ढूंढने में छूट रहा पसीना

जिले की 42 लाख जनसंख्या को लक्ष्य के अनुरूप लाभार्थी सूची में शामिल पहले ही किया जा चुका है। इनमें तीस फीसदी के आसपास अपात्र भी शामिल हैं। ये आसानी से सूची में शामिल तो हो गए लेकिन अब इनको चिंहित करने में जिला पूर्ति विभाग के पसीने छूट रहे हैं। जानकारी के मुताबिक तीस जून से पहले विभाग को सूची का सत्यापन कर अपात्रों को बाहर करना है। लेकिन, जिस गति से काम चल रहा है, उसको देखकर नहीं लगता इतनी आसानी से अपात्र बाहर होंगे और पात्रों को सस्ते सरकारी राशन का लाभ मिल सकेगा।

अपात्र उठाएंगे सस्ती चीनी का लाभ

बता दें कि ईद के मौके पर जुलाई में शासन की ओर से अंत्योदय और पात्र गृहस्थियों को प्रति कार्ड अतिरिक्त चीनी का वितरण किया जाएगा। जिसकी कीमत बाजार के मुकाबले काफी कम 13.50 रुपए प्रतिकिलो निर्धारित की गई है। जबकि, खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत दो रुपए किलो गेहूं और तीन रुपए किलो की दर से चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसका लाभ भारी संख्या में अभी भी अपात्र उठा रहे हैं। खुद डीएम संजय कुमार ने इस मामले को चिंता जताते हुए अपात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।