-खेलते समय फांसी का फंदा बन गया गले में बंधा दुपट्टा

- दम घुटने से हालत बिगड़ी, अस्पताल में हो गई मौत

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PRATAPGARH (12 March): प्रकृति जब कोई अनहोनी सोचती है तो थोड़ी से बेपरवाही भी मौत का सबब बन जाती है। ऐसा ही कहर बरपा शहर के मीराभवन निवासी कवि व पत्रकार राजन शुक्ला के घर। खिड़की के सहारे गले में दुपट्टा बांधकर खेल रहे उनके सात वर्षीय एकलौते बेटे की राजदीप की जिंदगी से मौत खेल गई। पैर फिसल जाने के कारण खिड़की से नीचे गिरे राजदीप के गले में बंधा दुपट्टा उसके गले में ऐसा कसा कि मौत का सबब बन गया। इससे परिजनों में कोहराम मच गया है।

इकलौता बेटा

राजनारायण शुक्ला राजन जिले के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में वरिष्ठ पत्रकार और कवि भी हैं। उनकी दो संतानों में राजदीप इकलौता बेटा था। शनिवार की सुबह सात वर्षीय राजदीप कमरे में खेल रहा था। राजन व उनकी पत्‍‌नी घर में दैनिक कार्य में व्यस्त थे। खेलते-खेलते न जाने कब राजदीप ने खिड़की के सहारे गले में दपट्टा बांध लिया। इसी बीच वह अचानक खिड़की से गिर गया और दुपट्टा उसके गले में कस गया। बच्चे के गिरने की आवाज सुनकर जब तक परिजन कमरे में पहुंचते राजदीप की हालत बिगड़ चुकी थी। यह देख परिजनों के होश उड़ गए। आनन फानन में राजदीप को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे परिजनों में कोहराम मच गया। इस दुखद हादसे की खबर मिलते ही मीडिया के साथ ही साहित्यकार भी स्तब्ध रह गए।