साथ लाए थे पत्थर

त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर आरक्षण समर्थक स्थानीय बालसन चौराहे पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। समर्थकों ने बुधवार शाम को मोमबत्ती जुलूस निकालने की घोषणा की थी। जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद स्थानीय पुलिस प्रशासन इस जुलूस को रोकने में पूरी तरह विफल रहा। बालसन चौराहे से शुरू हुआ यह जुलूस मेडिकल चौराहा होता हुआ सिविल लाइंस स्थित सुभाष चौराहे पहुंचा। यहां पहुंचकर समर्थक हिंसक हो गए व चौराहे पर लगे होर्डिंग और पोस्टर फाडऩे लगे। बाद में यह हुजूम डेढ़ किलोमीटर दूर जागरण कार्यालय पहुंच गया। पत्थर साथ लेकर आए समर्थक जागरण कार्यालय के सामने पहुंचते ही हमलावर हो गए। बड़े- बड़े पत्थरों की मार से जागरण व आइनेक्स्ट के बोर्ड, परिसर के बाहर खड़े दर्जन भर से अधिक वाहन, अंदर खड़े दो पहिया वाहन आदि क्षतिग्र्रस्त कर दिए।

गंगा नर्सिंग होम पर भी हमला

उपद्रवियों का एक जत्था जाने के थोड़ी ही देर बाद दूसरा जत्था आ पहुंचा। इस जत्थे ने भी जमकर पत्थर बरसाए। जागरण कार्यालय से आगे निकलने के बाद समर्थकों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के आवास व गंगा नर्सिंग होम पर भी हमला किया। पुलिस लाइन के पास से गुजर रहे अपर पारिवारिक न्यायाधीश आलोक कुमार पाराशर भी उनकी चपेट में आ गए। उनके वाहन को भी आरक्षण समर्थकों ने क्षतिग्रस्त कर दिया।

देखते रहे पुलिसकर्मी

न्यायाधीश पाराशर का कहना था कि वहां मौजूद पुलिसकर्मी उन्हें वाहन छोडक़र निकल भागने की सलाह दे रहे थे। घटना के बाद जागरण कार्यालय पहुंचे आइजी आलोक शर्मा, जिलाधिकारी राजशेखर व एसएसपी उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने जुलूस का जिम्मा संभाल रहे पुलिस अधिकारी व मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। एसएसपी ने बताया कि जुलूस की अगुवाई कर रहे 16 समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।

पहले से ही था हमले का एलान

आरक्षण समर्थकों ने जागरण पर हमले का एलान पहले ही कर रखा था। 27 जुलाई को समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान समर्थकों ने पर्चा बांटा था। इसमें जागरण पर हमला करने की साफ-साफ धमकी दी गई थी। इसकी पूरी जानकारी स्थानीय जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई गई थी। इसके बावजूद जिला प्रशासन के चुनींदा अधिकारियों ने जुलूस को जागरण के सामने से गुजरने दिया और तोडफ़ोड़ व पथराव के मूकदर्शक बने रहे।