- दो स्टेट्स के शातिर अपराधी के झूंसी में मिलने और लखनऊ में आशीष के मर्डर में यहां रची गई साजिश से उड़ी नींद

- वेरिफिकेशन के थ्रू पता चलेगा कौन यहां पर है छिपा

<- दो स्टेट्स के शातिर अपराधी के झूंसी में मिलने और लखनऊ में आशीष के मर्डर में यहां रची गई साजिश से उड़ी नींद

- वेरिफिकेशन के थ्रू पता चलेगा कौन यहां पर है छिपा

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ब्भ् वारदातों में वांटेड रमाशंकर झूंसी में रेंट पर रहते मिला। लखनऊ में छोटा राजन के शार्प शूटर आशीष की हत्या की साजिश भी यहीं से रची गई। इन सनसनीखेज मामलों ने साबित कर दिया कि इलाहाबाद बाहरी बदमाशों का शेल्टरहोम बन गया है। ऐसे में पुलिस ने किरायेदारों के वेरिफिकेशन को सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। किरायेदार रखने वाले जो मकान मालिक इसमें इंट्रेस्ट नहीं लेंगे फ्यूचर में उनको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

शुरू हुआ अभियान

एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने शहर में रहने वाले सभी किराएदारों का वेरिफिकेशन कराने की प्लानिंग है। फ‌र्स्ट पेज में किराएदारों का वेरिफिकेशन कराने के लिए ख्000 फार्म एवेलेबल कराए गए हैं। यह फार्म इलाहाबाद पुलिस कंट्रोल रूम कचहरी के सामने स्थित आफिस में एवेलेबल हैं। पुलिस कंट्रोल रूम के आफिसर ने बताया कि शहर के सभी पुलिस स्टेशन को किराएदार का वेरिफिकेशन फार्म भेज दिया है। कोई भी व्यक्ति यह फार्म संबंधित पुलिस स्टेशन या पुलिस कंट्रोल रूम से फ्री में ले सकता है।

क्भ् दिन में मिलेगी रिपोर्ट

एसपी सिटी राजेश यादव ने बताया कि पुलिस स्टेशन में यह फार्म भर कर जमा करना है। स्थानीय पुलिस को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह क्भ् दिन के अंदर किराएदार व्यक्ति के बारे में पुलिस डिटेल पता लगाकर रिपोर्ट दे। पुलिस इस मामले में उस व्यक्ति के मूल निवास के बारे में पता लगाएगी। फिर वहां की पुलिस से संपर्क करेगी कि उसका कोई आपराधिक रिकार्ड तो नहीं है। अगर कोई रिकार्ड मिलता है तो संबंधित व्यक्ति की मॉनिटरिंग भी शुरू हो जाएगी।

तो मकान मालिक पर होगी कार्रवाई

अब पुलिस भी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। अगर कोई बाहरी व्यक्ति आकर यहां छिपा है और शहर में कोई सनसनीखेज घटना को अंजाम देकर भाग निकलता है। फिर पुलिस को जांच के बाद पता चलता है कि वह यहां छिपा था तो पुलिस इस केस में मकान मालिक के खिलाफ भी कार्रवाई करने से परहेज नहीं करेगी। अपराधियों को शरण देने का मामला भी उनके खिलाफ दर्ज होगा।

मनोवैज्ञानिक फायदा भी

इस वेरिफिकेशन के कई फायदे हैं। एक तो यह आसानी से उस व्यक्ति के बारे में पता चल जाएगा कि वह कौन है। दूसरा अगर कोई अपराधी नहीं है और उसके बाद भी उसकी पिक्चर और पूरी डिटेल पुलिस के पास रहेगी तो सामने वाले के ऊपर मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है। उसे इस बार डर हमेशा बना रहेगा कि अगर कोई गलती वह करता है तो सिर्फ रूम छोड़कर भाग जाने से वह नहीं बचेगा। यही नहीं वह कभी अपने रूम में ऐसे किसी शख्स की एंट्री नहीं होने देगा जिसके कारण उसे पुलिस स्टेशन के चक्कर के लगाने पड़े।

-अगर कोई अपने यहां किराएदार रखता है तो उसे यह जानकारी होना जरूरी है कि वह शक्स कौन है। कहीं ऐसा तो नहीं कि स्टूडेंट के नाम पर कोई शातिर अपराधी हो। इसकी जानकारी के लिए वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। यह फार्म फ्री में एवेलेबल है। क्भ् दिन के अंदर स्थानीय पुलिस उसका रिकार्ड पता लगा लेगी।

राजेश यादव

एसपी सिटी