Example one

पानी टंकी चौराहा, कानपुर हाइवे को खुल्दाबाद और पुराने शहर की ओर से आने वाले ट्रैफिक को कनेक्ट करता है। बेसिकली इसका शेप तिराहे जैसा है, इससे अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति होती है। पहले मैं के चक्कर में यहां दो कारों की भिड़त हो गई। एक कार मिलिट्री वाले की थी तो दूसरी पूर्व विधायक के रिलेटिव की। हालांकि गाड़ी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा था, इसके बाद भी दोनों गाडि़यों के लोग भिड़ गए। मारपीट शुरू हो गई। मौके पर पहुंची सिविल लाइंस पुलिस ने उन्हें शांत कराया और कैंट थाने भेज दिया। जहां पालीटिकल प्रेशर के बाद समझौता करा दिया गया।

<पानी टंकी चौराहा, कानपुर हाइवे को खुल्दाबाद और पुराने शहर की ओर से आने वाले ट्रैफिक को कनेक्ट करता है। बेसिकली इसका शेप तिराहे जैसा है, इससे अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति होती है। पहले मैं के चक्कर में यहां दो कारों की भिड़त हो गई। एक कार मिलिट्री वाले की थी तो दूसरी पूर्व विधायक के रिलेटिव की। हालांकि गाड़ी को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा था, इसके बाद भी दोनों गाडि़यों के लोग भिड़ गए। मारपीट शुरू हो गई। मौके पर पहुंची सिविल लाइंस पुलिस ने उन्हें शांत कराया और कैंट थाने भेज दिया। जहां पालीटिकल प्रेशर के बाद समझौता करा दिया गया।

Example two

Example two

अतरसुइया का रहने वाला शशांक बाइक से गिरजाघर की तरफ जा रहा था। सुभाष चौराहे पर उसकी बाइक एक कार वाले से टकरा गई। इस पर कार में बैठे चार-पांच युवकों ने शशांक की पिटाई शुरू कर दी। बीच बचाव में स्थानीय लड़के पहुंचे तो उन्हें भी पीटा गया। इससे बवाल बढ़ता चला गया। बाद में सिविल लाइंस थाने में समझौता हुआ।

<अतरसुइया का रहने वाला शशांक बाइक से गिरजाघर की तरफ जा रहा था। सुभाष चौराहे पर उसकी बाइक एक कार वाले से टकरा गई। इस पर कार में बैठे चार-पांच युवकों ने शशांक की पिटाई शुरू कर दी। बीच बचाव में स्थानीय लड़के पहुंचे तो उन्हें भी पीटा गया। इससे बवाल बढ़ता चला गया। बाद में सिविल लाइंस थाने में समझौता हुआ।

Example three

Example three

पैलेस सिनेमा के सामने दो बाइकें आपस में भिड़ गई। इसके बाद दोनों बाइक सवारों ने गाडि़यों को किनारे लगा दिया और आपस में भिड़ गए। लोगों ने उन्हें शांत कराया तो वह एक दूसरे पर पत्थर फेंकने लगे। इससे वहां हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों पक्ष वहां से भाग निकले।

-नजरअंदाज की जा सकने वाली घटनाएं बन रही हैं बड़ी घटना का कारण

-बढ़ते पारा ने लोगों के दिमाग का भी बढ़ा दिया है पारा

<पैलेस सिनेमा के सामने दो बाइकें आपस में भिड़ गई। इसके बाद दोनों बाइक सवारों ने गाडि़यों को किनारे लगा दिया और आपस में भिड़ गए। लोगों ने उन्हें शांत कराया तो वह एक दूसरे पर पत्थर फेंकने लगे। इससे वहां हड़कंप मच गया। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों पक्ष वहां से भाग निकले।

-नजरअंदाज की जा सकने वाली घटनाएं बन रही हैं बड़ी घटना का कारण

-बढ़ते पारा ने लोगों के दिमाग का भी बढ़ा दिया है पारा

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: तापमान ने धूप में निकलने वाली पब्लिक का पारा भी गरम कर रखा है। ब्म् से ब्8 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहे तापमान के बीच नजरअंदाज की जा सकने वाली बातों पर पब्लिक का आपस में भिड़ जाना कॉमन हो गया है। हाथापाई तो बेहद कॉमन है, ईट-पत्थर चल जाएं तो भी कोई बड़ी बात नहीं है। दोपहर में इन मामलों में कॉल आने पर पुलिस स्पॉट पर तो पहुंचती है। पारा गरम होने के बाद भी ऑफिसर्स कूल होते हैं और समझौता कराकर अच्छी बात यही है कि पुलिस पुलिस का जो छोटे मामलों में समझौता करा दे रही हैं नहीं तो इस गर्मी में पुलिस का पारा भी कम गरम नहीं है।

नहीं कर पाते बर्दाश्त

खबर में हमने सिर्फ सिविल लाइंस एरिया की। पॉश एरिया में सुबह से लेकर शाम पर लोगों की गाडि़यां आपस में टकराती रहती हैं। पारा के चक्कर में दिमाग इतना गरम है कि कोई भी बर्दाश्त करना नहीं चाहता। हर कोई एक दूसरे की गलती बता कर भिड़ने पर उतारू हो जा रहा है। पुलिस एक्टिव होती है तो कहानी बदल जाती है।

साहब माफ कर दो

छोटे बच्चों की बात हो या बड़ों की, कोई भी अपनी गलती स्वीकार करना नहीं चाहता। पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले जाती है तो माफी मांगने के अलावा कोई आप्शन नहीं होता। बच्चों की गलती के लिए पैरेंट्स पुलिस से माफी मांगते हैं। कई बार घर वाले ऐसे मामलों में समझौते के लिए वकीलों की पूरी फौज थाने में भेज देते हैं ताकि उनका बेटा जेल न जाए।

यू आर अंडर सर्विलांस

एसएसपी वीरेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि अगर कोई यह सोचता है कि चौराहे पर पुलिस नहीं है और वह खुद हिसाब कर लेंगे तो उनकी गलतफहमी है। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं और उनकी रेंज भ्00 मीटर हर तरफ है। सभी की वीडियो रिकार्डिग हो रही है। ऐसे में कोई मारपीट या बवाल करते पकड़ा गया तो वीडियो रिकार्डिग के आधार पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जरा सी बात पर पारा चढ़ा लेने वालों को पुलिस जेल भेजेगी तो अपने से यह नार्मल हो जाएगा।

रोड रेज को लेकर बवाल करने वालों से पुलिस सख्ती से निबटेगी। तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ संगीन धाराओं में रिपेार्ट दर्ज होगी।

वीरेन्द्र श्रीवास्तव

एसएसपी

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गुस्से को करें कंट्रोल

-चौराहों पर ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें

-न नियम तोड़ें और न ही यहां-वहां गाड़ी पार्क करें

-सामने वाला उग्र है तो अपने गुस्से पर कंट्रोल करें

-बर्दाश्त करने की स्थिति नहीं है तो खुद लड़ने की जगह पुलिस की मदद लें

-याद रखें हर चौराहे पर लग चुका है सीसीटीवी कैमरा, हर किसी पर रखती है पुलिस नजर

-एक्सीडेंट के बाद भाग निकलने के चक्कर में दूसरी गलती न करें

-एक्सीडेंट के बाद बदसलूकी करता है तो उसकी गाड़ी का नंबर नोट करें

-क्00 नंबर पर तत्काल पुलिस को फोन करें