दोनो कैटेगिरी में मैराथन को मिले नये विजेता, सुधा सिंह ने पहली बार किया था पार्टिसिपेट
प्रयागराज के अनिल कुमार ने पुरुष वर्ग में सिक्योर किया तीसरा स्थान

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। देश की प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर मैराथन का आयोजन करने का सफर इस साल 37 साल पूरे कर गया। इंदिरा मैराथन अपने नाम करने के लिए धावकों को 42.195 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। मैराथन में शामिल होने वाले धावकों के साथ ही लोकल पब्लिक का जोश भी देखने लायक था। आनंद भवन के सामने भोर में ही बड़ी संख्या में पब्लिक जुट चुकी थी। वह धावकों का उत्साह बढ़ा रही थी। पांच बजते-बजते धावक भी पहुंच चुके थे और कुछ ही देर में पूरा माहौल बन चुका था। ठीक छह बजे खेल मंत्री ने मैराथन के धावकों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले वह आनंद भवन के भीतर पहुंचे और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। इस बार 419 धावकों ने मैराथन का हिस्सा बनने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा था। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले धावकों में खासा उत्साह व जोश देखने को मिला।

तमाम नामचीन धावकों ने लिया हिस्सा
देश के तमाम नामचीन धावक इस बार इंदिरा मैराथन में हिस्सा लेने पहुंचे थे। दो पूर्व चैंपियन ने भी हिस्सा लिया। इंदिरा मैराथन में हैदराबाद से सेना के टी गोपी प्रयागराज पहुंचे थे। 10 हजार मीटर और स्टीपल चेज की धाविका रेलवे की सुधा सिंह ने भी पहली बार हिस्सा लिया। कार्यक्रम का समापन दोपहर 2:30 बजे पंडित मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में हुआ। जहां पर इंदिरा मैराथन के विजेताओं को खेल मंत्री गिरीश चंद यादव पुरस्कृत किया गया। यहां स्कूली छात्राओं ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। इसकी सभी ने खुले मन से प्रशंसा की।

आर्मी के जवानों रहा दबदबा
37 वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन में सेना के धावकों का दबदबा रहा। 2 घंटा 20 मिनट और 11 सेकेंड में रेस कम्प्लीट करके रास्थान के शेर सिंह राणा ने पुरुष वर्ग के पहला स्थान प्राप्त किया। वह पहले आर्मी में थे। फिलहाल वह राजस्थान पुलिस का हिस्सा हैं और एशियन गेम्स की तैयारी कर रहे हैं। महाराष्ट्र के विक्रम बंगरिया दो घंटा 21 मिनट 58 सेकंड में मैराथन पूरी कर दूसरा स्थान सिक्योर किया। प्रयागराज के अनिल कुमार सिंह ने 2 घंटा 23 मिनट और 28 सेकंड की टाइमिंग के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। महाराष्ट्र के विक्रम बंगरिया वर्तमान समय में भी भारतीय सेना का हिस्सा हैं। तीसरी पोजीशन सिक्योर करने वाले प्रयागराज के अनिल कुमार सिंह भी सेना में हंै। अनिल ने 2021 में हुई इंदिरा मैराथन में दूसरा स्थान हासिल किया था।

छह बार की विजेता इस बार तीसरे नंबर पर
महिला वर्ग में ओलंपियन व पहली बार इंदिरा मैराथन में दौड़ रही रायबरेली की सुधा सिंह चैंपियन बनीं। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र के परबनी जिले की रहने वाली अश्विनी जाधव रहीं। इंदिरा मैराथन की छह बार की विजेता ज्योति शंकर गावते को इस बार तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ गया। विजेता सुधा सिंह ने 2 घंटा 51 मिनट 44 सेकंड में दौड़ पूरी की। द्वितीय स्थान पर अश्विनी जाधव ने 3 घंटा 1 मिनट और 22 सेकंड में मैराथन की दूरी तय की। ज्योति शंकर ने मैराथन की रेस कम्प्लीट करने में कुल 3 घंटा 5 मिनट और 15 सेकंड का टाइम लिया।

स्टेडियम में हुई रंगारंग प्रस्तुतियां
शनिवार को दोपहर ढाई बजे से मदन मोहन मालवीय स्टेडियम खेल मैदान पर समापन समारोह का आयोजन हुआ। वहां पर खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव खिलाडिय़ों को इनाम राशि व प्रमाण पत्र प्रदान किया। उन्होंने इंदिरा मैराथन के पुरुष व महिला वर्ब के पहले विजेताओं को दो-दो लाख रुपये दिया गया। उप विजेताओं को एक-एक लाख रुपये तथा तीसरे स्थान पर रहने वाले धावकों को 75- 75 हजार रुपये दिया गया। दोनों ही वर्गों में चौथे से 14वें स्थान तक रहने वाले 11-11 खिलाडिय़ों को सांत्वना पुरस्कार रूप में 10-10 हजार रुपये दिया गया।

पूरे शहर में लग गया जाम
इंदिरा मैराथन में दौड़ लगाने वाले धावकों को कोई परेशानी न हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्जन जारी कर दिया था। मैराथन में कुल 419 धावक हिस्सा ले रहे थे। पुरुष वर्ग में काम्पिटीशन टॅफ था क्योंकि इसमें 336 पुरुषों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। महिला वर्ग में काम्पिटीशन कमजोर रहा। कुल 83 महिला धावकों ने इंट्री करायी थी। मैराथन इंदिरा भवन से शुरू होकर स्वराज भवन, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, रेड ईगल आर्मी स्टेडियम, एजी ऑफिस, हाईकोर्ट चौराहा, सुभाष चौराहा, हनुमान मंदिर चौराहा, मेडिकल कॉलेज चौराहा, केपी कॉलेज चौराहा से होते हुए नए पुल पर प्रवेश किया। नए पुल से धावक रीवा रोड की ओर गए। दांदूपुर पेट्रोल टंकी से उन्हें वापिस शहर लौटना था। चंद्रशेखर आजाद पार्क के प्रमुख द्वार से अंदर जाकर मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में मैराथन का समापन होना था। इसके चलते जगह जगह ब्लाक लिया गया था। इसका नतीजा यह हुआ कि मैराथन रूट का हर चौराहा जाम हो गया। नैनी की तरफ से आने वाले वाहनों को एक रूट पर कर दिये जाने के चलते जाम लगा तो इसके खुलने में दोपहर के 12 बज गये। इसके चलते तमाम स्कूली बच्चे रास्ते में फंस गये। सुबह लोगों को ऑफिस पहुंचने में लेट हो गया। चौराहों के आसपास वाहनों की लम्बी कतार देखने को मिल गयी। खेल राज्यमंत्री के अलावा खेल निदेशक उत्तर प्रदेश आरपी सिंह, जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी विमला सिंह, देवी प्रसाद समेत कई लोग मौजूद रहे।