- एसआरएन हॉस्पिटल में सामने आई डॉक्टरों की अमानवीयता

ALLAHABAD: परिजन के

जब किसी की जान संकट में पड़ती है तो डॉक्टर उसकी जिंदगी बचाकर इस संकट से उबारते हैं। इसीलिए डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है। लेकिन आज समाज का सबसे पवित्र डॉक्टरी पेशा भी पैसे की चाहत में व्यवसाय बन गया है। मरीजों की जिंदगी बचाने वाले कुछ तथाकथित धरती के भगवान इंसानों जैसा भी व्यवहार नहीं कर रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों की बात छोडि़ए सरकारी अस्पतालों में भी मरीजों की जिंदगी से ज्यादा पैसे को अहमियत दी जाने लगी है। रविवार को जिले के सबसे बड़े अस्पताल एसआरएन में ऐसी ही अमानवीयता सामने आई। परिजनों के पास दवा खरीदने के पैसे नहीं होने पर डॉक्टर ने मरीज को बीच ऑपरेशन से भगा दिया।

पेट में भा फोड़ा

भदोही के उंझ थाने के रहने वाली गंगा ने अपने पति चालीस वर्षीय रमेश हरिजन को पेट में फोड़े के आपरेशन के लिए एसआरएन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। यहां पर डॉक्टर ने आपरेशन शुरू करने के बाद महिला को दवा की पर्ची थमा दी। जब गंगा ने पैसे नहीं होने की बात कही तो डॉक्टर ने आपरेशन बीच में रोक कर उसे हॉस्पिटल से भगा दिया। इस पर परेशान महिला अपने पति को लेकर भदोही वापस लौटने लगी लेकिन बीच रास्ते में मरीज की हालत खराब हो जाने पर उसे हंडिया के भीटी स्टेशन पर उतारकर रोने लगी।

अनजानों ने की मदद

आसपास से गुजरने वालों ने जब मामले की जानकारी ली तो गंगा ने आपबीती सुना दी। इस पर लोगों ने उसे रविवार शाम 108 एंबुलेंस से शहर के बेली हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। हालांकि इस मामले से एसआरएन हॉस्पिटल ने किसी प्रकार की जानकारी होने से इंकार किया है।