-सीजीएल परीक्षा से जुड़ी आपत्तियों को बताया जीनियस

-एसएससी ने कहा ऑब्जेक्शन पर मोडीफाई करनी पड़ी आंसर की

-यूपीपीएससी की परीक्षाओं पर लगातार उठ रहे सवाल

-हाईकोर्ट ने किया है आयोग अध्यक्ष को तलब

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-सीजीएल परीक्षा से जुड़ी आपत्तियों को बताया जीनियस

-एसएससी ने कहा ऑब्जेक्शन पर मोडीफाई करनी पड़ी आंसर की

-यूपीपीएससी की परीक्षाओं पर लगातार उठ रहे सवाल

-हाईकोर्ट ने किया है आयोग अध्यक्ष को तलब

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) परीक्षा में पूछे गए उत्तरों को लेकर हाईकोर्ट में घिरा हुआ है। वहीं स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन <एक ओर जहां उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीपीएससी) परीक्षा में पूछे गए उत्तरों को लेकर हाईकोर्ट में घिरा हुआ है। वहीं स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन ((एसएससी<एसएससी) ) ने प्रश्नों के जवाब में परीक्षार्थियों के प्रयास को सराहनीय बताया है। यही नहीं एसएससी ने परीक्षार्थियों की आपत्तियों को काफी बेहतर बताते हुए यह तक कह दिया है कि उनकी आपत्तियों के चलते एसएससी को अपने उत्तरों को भी संशोधित करना पड़ा है।

परीक्षार्थियों ने दाखिल किया था ऑब्जेक्शन

बता दें कि एसएससी ने कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल <ने प्रश्नों के जवाब में परीक्षार्थियों के प्रयास को सराहनीय बताया है। यही नहीं एसएससी ने परीक्षार्थियों की आपत्तियों को काफी बेहतर बताते हुए यह तक कह दिया है कि उनकी आपत्तियों के चलते एसएससी को अपने उत्तरों को भी संशोधित करना पड़ा है।

परीक्षार्थियों ने दाखिल किया था ऑब्जेक्शन

बता दें कि एसएससी ने कम्बाइंड ग्रेजुएट लेवल ((सीजीएल<सीजीएल)) 2013 री एग्जाम का रिजल्ट हाल ही में जारी किया है। इससे पहले कमीशन ने परीक्षा से जुड़े प्रश्नों की आंसर की अपनी वेबसाइट पर जारी की थी। आयोग ने परीक्षार्थियों से आग्रह किया था कि वे आंसर के उत्तरों पर अगर कोई आपत्ति हो तो उसका पूरा ब्यौरा एसएससी को डाक्यूमेंट्री प्रुफ के साथ भेजें। जिसके बाद देशभर से स्टूडेंट्स की आपत्तियां दाखिल हुई थीं।

सहर्ष स्वीकार कर ली गलती

वहीं अब जब कमीशन ने सीजीएल का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है तो उसने अपनी नोटिस में परीक्षार्थियों की आपत्तियों की जमकर तारीफ की है और इसे जीनियस बताते हुए कहा है कि आपत्तियों के बेस पर आंसर की को मोडिफाई करना पड़ा है और मोडिफाइड आंसर की के आधार पर ही परीक्षार्थियों की आंसर शीट का इवैल्युएशन किया गया। कहने का मतलब एसएससी ने परोक्ष रूप से इस बात को स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं दिखलाई है कि उसके एक्सपर्ट पैनल द्वारा सुझाए गए उत्तर तथ्यों को देखते हुए गलत थे।

यहां तो कटघरे में ही खड़े हैं एक्सपर्ट

वहीं एसएससी के कम्पैरेजन में उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन को देखें तो वह करेंट में आरओ< ख्0क्फ् री एग्जाम का रिजल्ट हाल ही में जारी किया है। इससे पहले कमीशन ने परीक्षा से जुड़े प्रश्नों की आंसर की अपनी वेबसाइट पर जारी की थी। आयोग ने परीक्षार्थियों से आग्रह किया था कि वे आंसर के उत्तरों पर अगर कोई आपत्ति हो तो उसका पूरा ब्यौरा एसएससी को डाक्यूमेंट्री प्रुफ के साथ भेजें। जिसके बाद देशभर से स्टूडेंट्स की आपत्तियां दाखिल हुई थीं।

सहर्ष स्वीकार कर ली गलती

वहीं अब जब कमीशन ने सीजीएल का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है तो उसने अपनी नोटिस में परीक्षार्थियों की आपत्तियों की जमकर तारीफ की है और इसे जीनियस बताते हुए कहा है कि आपत्तियों के बेस पर आंसर की को मोडिफाई करना पड़ा है और मोडिफाइड आंसर की के आधार पर ही परीक्षार्थियों की आंसर शीट का इवैल्युएशन किया गया। कहने का मतलब एसएससी ने परोक्ष रूप से इस बात को स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं दिखलाई है कि उसके एक्सपर्ट पैनल द्वारा सुझाए गए उत्तर तथ्यों को देखते हुए गलत थे।

यहां तो कटघरे में ही खड़े हैं एक्सपर्ट

वहीं एसएससी के कम्पैरेजन में उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन को देखें तो वह करेंट में आरओ//एआरओ भर्ती परीक्षा के आंसरों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में घिरा नजर आ रहा है। हाईकोर्ट ने आयोग पर तल्ख टिप्पणी करते हुए आयोग अध्यक्ष डॉ। अनिल कुमार यादव तक को तलब कर लिया है। उन्हें आगामी पांच सितम्बर को कोर्ट में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने यूपीपीएससी के मूल्यांकन कार्य से जुड़े विषय विशेषज्ञों को भी कटघरे में खड़ा करते हुए दो सालों के अंदर बनाए गए एक्सपर्ट का भी पूरा ब्यौरा मांग लिया है।

बदलना पड़ गया था पीसीएस जे का रिजल्ट

यूपीपीएससी की परीक्षाओं से जुड़े सवालों के उत्तरों पर विवादों का दौर कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी प्रतियोगी लगातार आंसर की पर सवाल उठाते रहे हैं। जिसके बाद आरओ<एआरओ भर्ती परीक्षा के आंसरों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में घिरा नजर आ रहा है। हाईकोर्ट ने आयोग पर तल्ख टिप्पणी करते हुए आयोग अध्यक्ष डॉ। अनिल कुमार यादव तक को तलब कर लिया है। उन्हें आगामी पांच सितम्बर को कोर्ट में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने यूपीपीएससी के मूल्यांकन कार्य से जुड़े विषय विशेषज्ञों को भी कटघरे में खड़ा करते हुए दो सालों के अंदर बनाए गए एक्सपर्ट का भी पूरा ब्यौरा मांग लिया है।

बदलना पड़ गया था पीसीएस जे का रिजल्ट

यूपीपीएससी की परीक्षाओं से जुड़े सवालों के उत्तरों पर विवादों का दौर कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी प्रतियोगी लगातार आंसर की पर सवाल उठाते रहे हैं। जिसके बाद आरओ//एआरओ परीक्षा को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है। इससे पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर ही यूपीपीएससी को पीसीएस जे ख्0क्फ् प्रारम्भिक परीक्षा के कई उत्तरों को बदलकर परिणाम जारी करने को विवश होना पड़ा था।