-तीन दबोचे गए, पंचायत चुनाव में करनी थी सप्लाई

-शातिर अपराधी को थमाने के लिए आया था कैरियर

-दो महीने के भीतर पकड़ में आई तीसरी खेप

ALLAHABAD: पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से शहर में सक्रिय हुए अवैध हथियारों के तस्करों की गतिविधियां नामांकन आते-आते तेज हो गई हैं। एसटीएफ ने दो महीने के भीतर खंडवा मेड पिस्टल की चौथी खेप पकड़ी। एसटीएफ ने बुधवार को सीएवी इंटर कॉलेज के पास गोबर गली से 32 बोर की छह पिस्टलों व एक तमंचे के साथ तीन युवकों को दबोच लिया। इनमें एक युवक सिविल लाइंस में कान्हा मोटर्स के कैशियर से लूट की कोशिश में पहले भी पकड़ा जा चुका है। उस पर मर्डर, मर्डर के प्रयास समेत एक दर्जन मुकदमे कई थानों में दर्ज हैं।

ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से पहुंचा

इस बार असलहे की खेप उतरांव के सलेमपुर फतूहा का अरुण कुमार भास्कर लेकर आया था। अरुण कुमार डिहवा के रामनाथपुर के असलम के लिए काम करता है। असलम का कनेक्शन एमपी के बड़वाली व खंडवा से है। बड़वाली के मयूर लॉज में जाकर वह रुकता है और वहां से एमपी के मनावर जाकर जगत के आदमियों से वेपन कलेक्ट करता है। वेपन उसे तभी मिलते हैं जब पैसे जगत के खाते में पहुंच जाते हैं। वह बुधवार को ताप्ती गंगा एक्सप्रेस से असलहा लेने के बाद असलम के घर गया। उसी के कहने पर वह बैग में 32 बोर की छह पिस्टल व एक तमंचा सीएवी के पास पहुंचा था। असलम ने ही उसको सीएवी के पास शिवकुटी के मोहित कुमार भारतीय उर्फ मोहित पासी के पास पिस्टल पहुंचाने को कहा था। वह टेंपो से सीएवी के पास उतरा। वह बैग लेकर जैसे ही सीएवी के पीछे पहुंचा, पेड़ के पीछे उसे शिवकुटी का मोहित कुमार भारतीय व सौरभ यादव उर्फ बऊवा दिखे। दोनों बाइक से आए थे। जैसे ही उसने असलहों को देना शुरू किया, एसटीएफ के एसआई श्रीनिवास राय, अतुल सिंह, अजय सिंह, कांस्टेबल प्रभंजन व इंस्पेक्टर कोतवाली कुशपाल सिंह यादव तीनों को दबोच लिया। सीओ एसटीएफ प्रवीण सिंह चौहान के मुताबिक 32 बोर की छह पिस्टल, छह मैग्जीन, तीन कारतूस, दो बाइक, चार सेलफोन व एमपी का रेलवे टिकट बरामद हुआ।

मोहित की हिस्ट्री

पुलिस के शिकंजे में आया मोहित भारतीय शातिर अपराधी है। उसने जुलाई 2014 में सिविल लाइंस में कान्हा मोटर्स के कैशियर को गोली मारकर लूट की कोशिश की थी। छीनाझपटी में एक गोली उसको भी लगी थी। खुद घायल हो जाने के कारण वह लूट में कामयाब नहीं हो सका था। 2013 में उसने सोरांव में पवन पासी का मर्डर किया था। 2010 में शिवकुटी में उत्कर्ष नाम के युवक पर जानलेवा हमला किया था। उसके ऊपर कई थानों में आ‌र्म्स एक्ट व विस्फोटक एक्ट की धाराओं में भी एफआईआर दर्ज है। उसने तेलियरगंज दधिकांदो में अंडे वाले को पीटा था व फायरिंग की थी। उसने 2013 में नैनी के हयात हॉस्पिटल में भी बमबाजी की घटना में शामिल होने की बात कुबूली है।

हो चुका है जानलेवा हमला

मोहित पर लास्ट ईयर सात सितंबर को शिवकुटी एरिया में ही जानलेवा हमला हुआ था। आरोप था कि पवन के रिश्तेदार संजय पासी, मोनू व चंचल ने उसे गोली मारी। इसमें तीनों के खिलाफ मर्डर के प्रयास की धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। मोहित का इस घटना के बाद भी अपराध से नाता नहीं टूटा। वह जेल से निकलने के बाद फिर से क्रिमिनल एक्टिविटीज में लग जाता। इधर, बीच पंचायत चुनाव के लिए वह पिस्टल व रिवाल्वर की सप्लाई के काम में जुटा हुआ था। एक डील पर उसको चार से पांच हजार रुपए तक मिल जाते थे। एसटीएफ सीओ प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि यह पता चला है कि असलम इलाहाबाद में 200 से अधिक पिस्टल बेच चुका है। एक महीने के भीतर तीसरी खेप लेने अरुण गया था। सौरभ यादव बबुआ सीएमपी डिग्री कॉलेज का फ‌र्स्ट ईयर का स्टूडेंट है।

भाई की मौत के बाद असलम के लिए काम करने लगा

अरुण का बड़ा भाई विनय भास्कर अपराधी था। उस पर कई मामले दर्ज थे। वह असलम के लिए काम करता था। विनय के मर्डर के बाद अरुण असलम के संपर्क में आया। असलम ने अरुण को को असलहों की तस्करी में लगा दिया। नया चेहरा व सेलफोन का इस्तेमाल न करने की वजह से वह खुफिया एजेंसियों व पुलिस की नजर में आने से बचा रहा।

धंधे का गणित

-32 बोर की पिस्टल 15000 रुपए में लाकर 20 से 25 हजार रुपए में बेची जाती है

-9 एमएम की पिस्टल 20 हजार रुपए तक में मिल जाती है जिसे 30 हजार रुपए तक में बेच दिया जाता है