-इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्देश, आयोग करे आपत्तियों का निस्तारण

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस-प्री-ख्0क्भ् परीक्षा में अनियमितताओं का विरोध कर रहे प्रतियोगी छात्रों ने एक लड़ाई जीत ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आयोग ने थर्सडे की शाम इस परीक्षा की फाइनल आंसर की जारी कर दी है। कोर्ट ने आयोग को निर्देशित किया था कि वह पीसीएस-प्री की संशोधित आंसर-की (प्रश्नोत्तरी) जारी करे। बता दें कि आयोग ने संशोधित आंसर-की जारी किए बिना ही परिणाम घोषित कर दिया था और ख्9 जून से मुख्य परीक्षा की तैयारी भी कर ली थी।

संशोधित आंसर-की जारी किए बिना जारी हुआ था रिजल्ट

पीसीएस-प्री ख्0क्भ् का पहला पेपर आउट हो जाने के बाद रद किया गया था। आयोग ने इसकी पुनर्परीक्षा कराई, हालांकि प्रतियोगी इसमें अनियमितता का आरोप लगाते रहे हैं। इस संबंध में दाखिल विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित भी है। इस बीच आयोग ने आंसर की जारी कर आपत्तियां मांगीं और रिजल्ट भी घोषित कर दिया। प्रतियोगी छात्र आपत्तियों के आधार पर संशोधित आंसर-की जारी करने की मांग कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। विशाल कुमार मिश्र की ओर से दाखिल इस याचिका की सुनवाई गुरुवार को न्यायमूर्ति अरुण टण्डन तथा न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल की खण्डपीठ ने की।

कोर्ट ने उठाया सवाल

कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि आखिर आयोग को संशोधित आंसर-की जारी करने में क्या आपत्ति है। इस पर आयोग के अधिवक्ता जीके सिंह ने समय मांगा। कोर्ट ने निर्देश दिया कि पीसीएस प्री। परीक्षा ख्0क्भ् की उत्तर पंजिका वेबसाइट पर ख्ख् जून तक डाल दिया जाए ताकि अभ्यर्थी अपने अंक का मिलान कर आपत्ति देना चाहे तो दे सके। जिसके बाद आयोग ने थर्सडे की शाम ही फाइनल आंसर की जारी कर दी।

अभ्यर्थियों ने जीती बाजी

याचिका में भ् जून ख्0क्भ् को घोषित पीसीएस प्री। परीक्षा परिणाम पर रोक लगाने तथा मुख्य परीक्षा में याचियों को बैठने देने की अनुमति का आदेश जारी करने की मांग की गई थी। याची का कहना था कि प्री। परीक्षा की आंसर-की प्रकाशित की जाए क्योंकि आयोग के ख्9 अगस्त ख्0क्ब् के प्रस्ताव में सभी प्रश्नोत्तर वेबसाइट पर देने का फैसला लिया गया है। आयोग अपने फैसले का पालन नहीं कर रहा है।

याची का कहना था कि म् से 7 प्रश्नों के उत्तर गलत हैं। याचीगण को ख्8ख् से ख्8भ् अंक मिले हैं। कुछ याचियों को ख्78 अंक मिले हैं जो न्यूनतम अंक पाने वाले अभ्यर्थी से मात्र एक अंक ही कम है। एक याची दोनों पेपरों में बैठा है किंतु उसे द्वितीय पेपर का अंक नहीं दिया गया है। इसी तरह से आयोग के परिणाम में तमाम खामियां हैं। कोर्ट ने आयोग द्वारा उत्तर कुंजिका वेबसाइट पर देने के बाद याचियों को आपत्ति दाखिल करने का अवसर देते हुए आयोग से नियमानुसार निर्णय लेने को कहा है।