संशोधन के बाद नगर निगम में 80 फीसदी से अधिक वोटर होने पर खड़े हुए प्रशासन के कान

नियमत: माना जाता है गलत, मांगे गए दावे और आपत्तियां

अन्य नगर पंचायतों का भी यही हाल, घटाने के बावजूद अधिक बढ़े हैं नाम

ALLAHABAD: अगले साल होने वाले नगर निकाय चुनाव की अनंतिम मतदाता सूची जारी कर दी गई है। बावजूद इसके सूची में पेंच फंस गया है। संशोधन के बाद भी सूची में नगर निगम समेत कई नगर पंचायतों में निर्धारित मानक से अधिक वोटर्स के नाम दर्ज होने पर प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि सूची में हजारों वोटरों के नाम हटाया जाना मजबूरी हो गया है, जिसके लिए दावे और आपत्तियों की मांग की गई है।

कहां-कहां मानक से अधिक हैं वोटर

नियमत: माना जाता है कि मतदाता सूची में कुल जनसंख्या का 65 फीसदी से अधिक वोटर शामिल नहीं होने चाहिए। फिर भी शहरी आबादी घनी होने के चलते 80 फीसदी तक वोटर होने की छूट दी जाती है। बावजूद इसके नगर निगम समेत नौ नगर पंचायतों की जानी अनंतिम मतदाता सूची पर सवालिया निशान लग गए हैं। नगर निगम, लालगोपाल गंज, फूलपुर और भारतगंज में 80 फीसदी से अधिक वोटर के नाम सूची में दर्ज हैं। इसको लेकर निकाय चुनाव कार्यालय में पुन: मंथन शुरू हो गया है।

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फैक्ट फाइल

निकाय का नाम कुल जनसंख्या

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वोटर संख्या वोटर प्रतिशत

1- नगर निगम 1228215 1037473 84.47

2- सिरसा 14004 10272 73.35

3- लालगोपालगंज 31231 25600 81.97

4- झूंसी 15321 8969 58.54

5- फूलपुर 25391 21605 85.09

6- शंकरगढ़ 19635 12382 63.06

7- कोरांव 16361 10180 62.22

8- हंडिया 24065 17377 72.21

9- भारतगंज 18046 15061 83.46

10- मऊआइमा 21688 14379 66.3

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कुल योग 1413957 1173298 82.98

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बढ़ने से ज्यादा घट गए वोटर

पिछले कुछ महीने चले संशोधन के दौरान मतदाताओं के बढ़ने से अधिक घटाने पर जोर दिया गया। जानकारी के मुताबिक मतदाता सूची में कुल 46915 नए वोटर बढ़े हैं, जबकि 48221 वोटर के नाम घटाए गए हैं। कुल मिलाकर वोटर लिस्ट में 1306 वोटर के नाम अंतत: कम हो गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि पहले से ही निर्धारित मानक से अधिक वोटर नगर निकाय में दर्ज हैं। ऐसे में दावे और आपत्तियां आने के बाद पुन: कई फर्जी नाम काटे जाने हैं। इसके लिए वार्डो में सर्वे कराया जा रहा है। प्रशासन ने 25 अगस्त तक दावे और आपत्तियां आमंत्रित की हैं, इसके अलावा सोमवार को डीएम संजय कुमार ने संबंधित अधिकारियों की बैठक भी बुलाई है।

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जिन नगर पंचायतों में वोटरों की संख्या 80 फीसदी से अधिक है, वहां पर फिर से वोटर लिस्ट का संशोधन किया जाना है। मानक से अधिक वोटरों की संख्या आना चिंता का विषय है। यही कारण है कि अपमार्जन पर अधिक जोर दिया जा रहा है।

दिनेश तिवारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी, नगर निकाय