- मंडे मार्निग व ईवनिंग हुई झमाझम बारिश से कई इलाकों में घरों में घुसा पानी

- नालों के चेक होने से पानी निकलने में आई परेशानी

ALLAHABAD: सावन के अंतिम सोमवार को मेघ प्रसन्न हुए तो पूरा शहर पानी पानी हो गया। इसी के साथ सत्तर लाख खर्च कर किए गए इंतजाम का दावा भी बारिश से सराबोर हो गया। नगर निगम की लापरवाही के चलते लोगों के घरों में, किचन में, बेडरूम में, स्कूल में, कॉलेज में, थानों में, गवर्नमेंट ऑफिसों में जहां पानी घुस गया। वहीं सड़कों पर भी पानी से होकर ही लोगों को गुजरना पड़ा। अब सवाल उठता है कि बारिश से पहले नगर निगम ने जब लाखों रुपया नाला-नाली सफाई पर खर्च किया। उसके बाद भी ऐसा क्यों हुआ? आइए बताते हैं मंडे को लोगों को किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा

जब दो घंटे बाद भी नहीं थमी बारिश

जब मंडे की भोर में जब बादलों ने बरसना शुरू किया तो गर्मी से परेशान सिटीजन भी झूम उठे। लेकिन लगातर तीन घंटे तक जब बादल बरसते रहे और चारों तरफ पानी ही पानी हो गया तो यह खुशी परेशानी में तब्दील हो गई। क्योंकि नाले-नालियों के चोक होने के कारण बारिश का पानी पास नहीं हो सका।

पानी-पानी होकर स्कूल पहुंचे बच्चे

मंडे की सुबह बारिश के दौरान ही बच्चों के स्कूल का टाईम हो गया। कुछ पैरेंट्स ने जहां बच्चों को स्कूल जाने नहीं दिया। वहीं कुछ बारिश बंद होते ही बच्चों को अपने बाइक या फिर कार से लेकर स्कूल पहुंचाने निकले। लेकिन शहर के हर रोड पर जलजमाव होने के कारण बच्चे भीग कर स्कूल पहुंचे। रोड पर इतना पानी था कि बाइक का पूरा पहिया डूब गया।

किचेन और कमरे में घुस गया पानी

सुबह-सुबह इतनी झमाझम बारिश हुई कि गली-मोहल्लों के साथ ही कॉलोनियों में भी पानी भर गया। पुलिस लाइन, सिविल लाइंस, मुट्ठीगंज, लीडर रोड, नवाब यूसूफ रोड के साथ ही सिटी के कई इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया। पुलिस लाइन कॉलोनी में रहने वाले पुलिस कर्मियों का परिवार पानी निकालने में जुट गया।

पानी ने पुलिस को भी नहीं छोड़ा

पुलिस वालों से पब्लिक डरती होगी। पानी पर किसी का जोर नहीं। मंडे की सुबह जब बारिश हुई तो सड़कों पर जमा पानी जॉर्ज टाउन थाने में घुस गया। पुलिस वाले थाने में रखे कागजात को बचाने में जुट गए। दिन भर जलजमाव के कारण परेशान रहे।

चकाचक होते नाले तो न आती आफत

मंडे को बारिश के बाद आफत इसलिए आई, क्योंकि शहर में पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं थी। अगर नाले चोक न होते, पानी निकलता रहता तो इस तरह की दिक्कत नहीं आती। नालों के जरिये पानी निकल जाता और पब्लिक को परेशानी का सामना न करना पड़ता।

नाला सफाई पर खर्च हुए करीब 70 लाख

शहर में करीब म्0 छोटे-बड़े नाले हैं, जो नगर निगम के फाइल में दर्ज हैं। जिनकी सफाई पर हर साल बारिश के पहले म्0-70 लाख रुपए खर्च होते हैं। इसके बाद भी हर साल शहर तालाब बनता है। इस साल भी वही हो रहा है, जो हर साल होता है। लेकिन सवाल ये उठता है कि इस लापरवाही के लिए दोषी नगर निगम और लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती।

हर रोड पर पानी ही पानी

लूकरगंज

जार्ज टाउन

कोठापार्चा

नवाबयूसूफ रोड

मेडिकल चौराहा

सीएमपी कॉलेज

पुलिस लाइन