बिना सूचना लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे टीचर्स हुए बर्खास्त

रिमाइंडर भेजने के बाद भी आख्या नहीं देने पर बीएसए ने की कार्रवाई

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन में शिथिलता और लापरवाही बरतने वाले टीचर्स के खिलाफ बड़ा एक्शन हुआ है। बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने जिले के 30 टीचर्स की सेवाएं समाप्त करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। ये टीचर्स लंबे समय से विद्यालयों में बिना किसी सूचना के गैरहाजिर चल रहे थे।

कई तो 2010 से ही गैरहाजिर

जिले के परिषदीय स्कूलों में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे टीचर्स की लिस्ट बनाते समय कई हैरान करने वाली बातें सामने आई। इसमें यह भी पता चला कि कई ऐसे टीचर्स भी हैं, जो 2010 से बिना किसी सूचना के गायब हैं। ऐसे कुल टीचर्स की संख्या 32 थी। इन सभी को सभी टीचर्स को बीएसए ऑफिस से रजिस्टर्ड डाक द्वारा पत्र भेजकर बिना सूचना के गायब रहने के लिए आख्या मांगी गई। टीचर्स को यह आख्या एक जून 2017 तक भेजनी थी। लेकिन इसके बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। बीएसए ऑफिस से फिर से रिमांइडर भेजा गया और 24 जून 2017 को आख्या मांगी गई। इस दौरान दो टीचर्स ने अपना पक्ष रखा। 30 टीचर्स ने अपना पक्ष नहीं रखा, जिसके चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

वर्जन

बिना सूचना लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे शिक्षकों से कई बार आख्या मांगी गई थी। लेकिन बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी कोई सूचना नहीं मिलने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।

- संजय कुमार कुशवाहा,

बीएसए

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फर्जीवाड़े में फंसे 15 टीचर्स

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने वाले 15 टीचर्स को भी चिन्हित किया गया। करके उनके खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की गई। इसमें बारे में बीएसए ने बताया कि बीते कुछ माह में नौकरी हासिल करने वाले अभ्यर्थियों के अंक पत्रों के सत्यापन कराने की प्रक्रिया पूरी की जा रही थी। इसी क्रम में मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा परिषद भोपाल में भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के अंक पत्र सत्यापन के लिए भेजे गए थे। उक्त सत्यापन आख्या के संदर्भ में मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग ने बताया कि प्रेषित सत्यापन आख्या असत्य एवं कूट रचित है। जवाब मिलने के बाद चिन्हित करते हुए ऐसे 15 शिक्षकों की सैलरी भुगतान की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए निर्देश जारी दिए गए है।