प्रयागराज (ब्‍यूरो)। रुदापुर के खुर्शीद अहमद और अतीक के बेटे मुदस्सिर के बीच जमीन के साथ रसूख की भी लड़ाई थी। बताते हैं कि दोनों पक्ष एक दूसरे से खुद को कम नहीं आंकता था। व्याज के पैसे से धनवान बन चुके खुर्शीद अहमद पक्ष के जैद की छवि आपराधिक है। पुलिस के मुताबिक जैद अहमद ज्यादातर बाहर ही रहता था। पिछले कई महीने पूर्व भदोही में हत्या हुई थी। हत्या की इस घटना में जैद भदोही जेल में बंद था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि कुछ ही दिन पहले ही जैद भदोही जेल से छूट कर रुदापुर घर आया था। उसके खिलाफ जिले के भी कई थानों में आपराधिक मुकदमें बताए गए हैं। माना जा रहा है कि यदि जेल से जैद बाहर आने के बाद ही शनिवार को हुई दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने का प्लान सेट किया गया। जिस तरह से मुदस्सिर व उसके भाई मोबस्सिर को घर कर उनकी स्कार्पियो पर गोलियां बरसाई गई, उससे यह बात साफ है कि हमलावर दोनों भाइयों की हत्या के फुल प्लान में थे। क्राइम सीन को देखते हुए पुलिस और लोगों का मानना यह भी है कि घटना में नामजद चारों के अलावा बाहरी शूटर भी रहे होंगे। सारी गोलियां स्कार्पियो के शीशे पर ही बरसाई गईं। एक भी गोली स्कार्पियो की बॉडी पर नहीं चलाई गई। एक्सपर्ट मानते हैं कि शीशे पर गोली चलाने के पीछे हमलावरों का मकसद दोनों की हत्या कंफर्म करने का था। वह जानते थे कि स्कार्पियो की बॉडी पर गोली चलाने से उसमें सवार लोगों के बचने की संभावना रहेगा। मुदस्सिर के मामा का बेटा व अदनान तो साथ रहने की वजह से फंस गए। हमलावरों का टारगेट अदनान या आकिब नहीं था।

मारे गए मोबस्सिर पर भी है मुकदमा
फाफामऊ थाने में खुर्शीद की तरफ से दो महीने पूर्व दर्ज कराए गए मुकदमे में
शनिवार को मारा गया मोबस्सिर भी नामजद था। थाना पुलिस के मुताबिक खुर्शीद पक्ष की ओर से पूर्व में हुई मारपीट का केस दर्ज कराया गया था। दर्ज किए गए इस कस का मुकदमा अपराध संख्या 106/22 है। इस केस में मोबस्सिर नामजद था। मतलब यह कि दोनों पक्षों में चल रही अदावत की गंभीरता से फाफामऊ पुलिस पूरी तरह वाकिफ थी। जैद के जेल से छूट कर आने की भी भनक पुलिस को थी। बावजूद इसके पुलिस द्वारा इस मामले में गंभीरता और संजीदगी नहीं दिखाई दिखाई गई।

मोबस्सिर मर्डर केस में नामजद चार में शामिल जैद शातिर अपराधी है। वह भदोही जेल से हाल ही में छूट कर आया था। जमीन के विवाद में हुई मारपीट के बाद खुर्शीद अहमद पक्ष से मोबस्सिर को नामजद किया गया था।
आशीष सिंह, प्रभारी निरीक्षक फाफामऊ