आईजी आरपीएफ संग चोरी के केस को सुलझाने में जीआरपी ने लगाया जोर

सेपरेट कंपार्टमेंट में सिक्योरिटी के बावजूद चोरी पर उलझी जीआरपी की जांच

BAREILLY:

ट्रेनों में बेहद सेफ माने जाने वालेएसी कोच अब मुसाफिरों के लिए सेफ्टी की गारंटी नहीं रहे। जनरल व स्लीपर कोचेस में चोरी व लूट की वारदातों से हलकान मुसाफिर अब ऐसी कोच में भी लुट रहे। तीन दिन पहले एसी स्पेशल ट्रेन के एसी वन कोच में आरपीएफ के आईजी को चोरों ने अपना शिकार बनाकर यह साबित कर दिया। आरपीएफ के आईजी व उनकी वाइफ के पर्स से डेढ़ लाख की चोरी ने लखनऊ से बरेली तक हड़कंप मचा दिया है। जीआरपी बरेली की एक टीम सैटरडे को भी मामले की तफ्तीश में ठंड के बावजूद पसीना बहाती रही।

कैसे लगी सेफ्टी में सेंध

जीआरपी के मुताबिक शुरुआत जांच पड़ताल में निकलकर सामने आया है कि आईजी आरपीएफ व उनकी वाइफ एसी वन कोच के एच कंपार्टमेंट में थे। इस कंपार्टमेंट में आईजी व उनकी वाइफ का ही रिजर्वेशन था। उन दोनों के सिवा कंपार्टमेंट में अन्य तीसरा न था। वहीं कंपार्टमेंट अंदर से बंद बताया जा रहा है। साथ ही, आईजी के साथ उनके दो सहयोगियों के होने की भी बात सामने आ रही। ऐसे में जीआरपी पूरी तरह सेफ होने के बावजूद चोरी की घटना पर हैरान है।

काशी विश्वनाथ में भी वारदात

एसी स्पेशल ट्रेन के एसी कोच वन में आईजी आरपीएफ संग चोरी की घटना से जीआरपी उबरी भी न थी कि एक और घटना ने जीआरपी-आरपीएफ की साख पर बट्टा लगा दिया। फ्राइडे को वाराणसी से नई दिल्ली जा रही काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस ट्रेन के एसी कोच में एक महिला चोरों का निशाना बनी। फ्राइडे रात लखनऊ से दिल्ली जा रही लखनऊ के गोमती नगर निवासी संगीता सिंह व उनके पति ओपी सिंह का बैग चोरों ने उड़ा लिया। बैग में करीब 55 हजार नकद, स्मार्टफोन व अन्य सामान था।

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