तीन कैटेगरी में बांटा गया

गैस एजेंसियों द्वारा की जाने वाली अनियमितताओं को तीन कैटेगरी में बांटा गया है क्रिटिकल, माइनर और मेजर। एजेंसी को इन तीन कैटेगरी में बांटकर सजा का निर्धारण किया जाएगा। नए नियम के मुताबिक गैस एजेंसियों द्वारा आमतौर पर बनाए जाने वाले बहानों को अनियमितता को फेहरिस्त में शामिल कर लिया गया है। यानी एसेंजी जैसा बहाना करेगी उसको उस आधार पर क्रिटिकल, मेजर और माइनर कैटेगरी में शामिल किया जाएगा।

लैंडलाइन होना जरूरी

एलपीजी कंपनियों की मानें तो डिस्ट्रीŽयूटर को एजेंसी पर लैंडलाइन फोन लगाना जरूरी है। ताकि जो कंज्यूमर्स ऑनलाइन या एसएमएस से गैस की बुकिंग नहीं कर पाते थे, वे आईवीआरएस के जरिए गैस सिलेंडर की बुकिंग कर सकें। हर एजेंसी को प्रति माह 4,000 सिलेंडर रिफिल करने पर एक टेलीफोन लगाना अनिवार्य है। इसी तहत यदि कोई एजेंसी हर माह 12,000 सिलेंडर रिफिल करती है तो तीन फोन होने जरूरी होंगे।

कर सकते हैं कंप्लेंट्स

ऑफिसर्स की मानें तो पूरी कंट्री में 13,000 से ज्यादा डिस्ट्रीŽयूटर हैं। सिटी में इंडेन, भारत और एचपी तीनों एलपीजी कंपनियों के टोटल 21 डिस्ट्रीŽयूटर हैं। सभी एजेंसियों के लिए उपभोक्ताओं की संख्या को ध्यान में रखकर नियम बनाए गए है। जिनका पालन एजेंसी ओनर्स के लिए अनिवार्य किया गया है। नियमों में एजेंसी शोरूम स्टॉफ को यूनिफॉर्म पहनना। आईडेंटी कार्ड लगाना। ऑफिस बंद व खुलने का समय लिखना। कंपनी अधिकारी का मोबाइल नंबर व नाम लिखना। फस्र्ट एंड बॉक्स रखना। सेफ्टी इक्विपमेंट्स रखना शामिल है। अगर किसी भी एजेंसी पर इन नियमों का पालन नहीं होता है तो रिलेटेड एलपीजी कंपनी के अधिकारी से कंप्लेंट्स की जा सकती है।

31 जनवरी से स्ट्राइक

नए नियम का प्रेशर झेल रही एजेंसी संचालकों ने स्ट्राइक करने की चेतावनी दी है। एजेंसी संचालकों का कहना है कि अगर एक वीक के अंदर नियम व शर्तो को वापस नहीं लिया जाता है तो बरेली सहित पूरी कंट्री की एजेंसी ओनर्स 31 जनवरी से स्ट्राइक करेंगे। यह स्ट्राइक तब तक जारी रहेगी जब तक इनकी बातों को मान नहीं लिया जाता है। बता दे कि बरेली में इंडेन, एचपी और भारत की टोटल 21 एजेंसियां है।

नए एजेंसी का विरोध भी

बरेली डिस्ट्रिक में 43 और सिटी में 21 नई एसेंजी खोली जानी है, जिनमें इंडेन की 16, एचपी की 3 और भारत की 2 एजेंसियां है। मगर एजेंसी संचालकों ने इसका सख्त विरोध किया है। एजेंसी ओनर्स की मानें तो फिलहाल सिटी में जितनी भी एजेंसी वर्क कर रही हैं, वह कंज्यूमर्स के हिसाब से पर्याप्त है। अगर एजेंसी ओनर्स के आगे एलपीजी कंपनियां घुटने टेक देती है तो कंज्यूमर्स का सपना नए एजेंसी से जुडऩे का टूट सकता है।

लाखों कंज्यूमर्स प्रभावित

एजेंसियों के स्ट्राइक के चलते लाखों कंज्यूमर्स इफेक्टेड होंगे। बरेली डिस्ट्रिक्ट में तीनों एलपीजी कंपनियों से 4,65,000 कंज्यूमर्स जुड़े हुए हैं, जिनमें से इंडेन के 3,00,000, भारत के 1,00,000 और एचपी से 65,000 कंज्यूमर्स शामिल हैं। एजेंसियों ने अनिश्चित कालीन स्ट्राइक करने की बात कही है।

जुर्माने के साथ टर्मिनेट होगी एजेंसी

अगर एजेंसियां अपनी मनमानियों पर लगाम नहीं लगाती है तो एजेंसी ओनर्स पर जुर्माने के साथ एजेंसी को टर्मिनेट भी किया जा सकता है। ऑफिसर्स की मानें तो मेजर अनियमितता दोहराए जाने पर एक माह का पूरा कमीशन जुर्माने के रूप में जमा कराया जाएगा। तीसरी बार ऐसा होने पर एजेंसी टर्मिनेट करने का अधिकार एलपीजी कंपनी के पास सुरक्षित होगा। एजेंसियों पर मिनिमम 50,000 जुर्माना लगाया जाएगा।

'जो भी एजेंसी नियमों का उल्लंघन करती पाई जाएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कंज्यूमर्स कोई प्रॉŽलम्स होने पर कंप्लेन कर सकते है। कंपनी की ओर से मामले की प्रॉपर जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.'

पीवी सिंह, सीनियर एरिया मैनेजर, इंडियन ऑयल

'हम लोगों ने एक वीक का टाइम दिया है। एजेंसियों की स्ट्राइक 15 जनवरी से ही होनी थी। लेकिन कंपनीज व गवर्नमेंट को कुछ दिन का और टाइम दिया गया है। अगर हमारी बातों को नहीं माना जाता है तो हम लोग कांटीन्यू जारी रखेंगे।

राजेश गुप्ता, प्रोपराइटर, गैस एजेंसी