- शहर में बने किसी अपार्टमेंट में 5 मीटर स्पेस का सेट बैक एरिया ही नहीं
- फायर फाइटिंग सिस्टम भी नदारद, कई जगह एक्सपायर्ड सिस्टम बने शो पीस
BAREILLY:
शहर के बिल्डर्स अपार्टमेंट्स में रह रहे रेजिडेंट्स की मूलभूत सुविधाओं का ही हनन नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनकी जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। शहर के विभिन्न एरिया में बने ज्यादातर जी प्लस फोर अपार्टमेंट्स में सेटबैक एरिया नहीं है। यहीं नहीं अपार्टमेंट्स में आग लगने की स्थिति में बचाव के सिस्टम भी नदारद है। बिल्डर्स की यह लापरवाही रेजिडेंट्स पर कभी भी जानलेवा साबित हो सकती है।
आग लगी तो, होगी दहशत
शहर के अपार्टमेंट्स की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने संडे को सोसायटी अपार्टमेंट, फ्रेंड्स अपार्टमेंट, दिव्य अपार्टमेंट और फ्रेंडस टॉवर सहित कई अपार्टमेंट्स का रियलिटी चेक किया। इन अपार्टमेंट में कहीं भी 5 मीटर चौड़ाई स्पेस का सेट बैक एरिया नहीं दिया गया। फ्रेंड्स टॉवर की स्थिति तो और भी खतरनाक दिखी। यहां पर लगे फायर एक्सटिंगुशर की मैनुफैक्चरिंग डेट 2008 है। इस तारीख के बाद से इसकी गैस ही नहीं बदली गई है। जबकि हर साल गैस चेक कर आवश्यक होने पर किट को बदलना जरूरी होता है। फायर एक्सटिंगुशर में गैस के प्रेशर को दर्शाने वाली सुईयां शून्य अवस्था में पड़ी हुई थी। वहीं फ्रेंड्स अपार्टमेंट में फायर एक्सटिंगुशर तो लगे हुए है, लेकिन किसी हादसे के समय ऊपरी तल पर पानी सप्लाई करने के लिए हाइड्रेंट किट नहीं लगी है, जिसके सहारे फायर डिपार्टमेंट वॉटर टैंक से पानी ऊपर ले जाकर आग बुझा सके। दो दिन पहले अपार्टमेंट में बिजली के पैनल में आग भी लग चुकी है।
देख परख कर लें फ्लैट
यदि आप फ्लैट खरीदने जा रहे हैं तो देखिए कि बिल्डर को निर्माण शुरू करने की स्वीकृति मिली भी है या नहीं। इसके लिए संबंधित विभागों से संपर्क कर सकते हैं। संतोषजनक उत्तर न मिले तो सूचना के अधिकार का सहारा ले सकते हैं। यह भी जांच लें कि सम्पत्ति पर कोई कर्ज तो नहीं लिया गया है। यदि ऐसा है तो उसके भुगतान की जिम्मेदारी आप पर ही होगी। कई बिल्डर्स ने अपने निवेशकों को इस तरह से काफी चपत लगाया है। वे सम्पत्ति को गिरवी रख कर कर्ज ले लेते हैं और उसे आगे बेच देते हैं। बाद में निवेशक को वह कर्ज चुकाना पड़ता है। नामी-गिरामी बिल्डर्स से फ्लैट खरीदने पर यही फायदा है कि वहां बहुत बड़ी गड़बडि़यों की आशंका नहीं होती।
धोखेबाज विज्ञापनों से बचें
बिल्डर्स कई बार फ्लैट बिकवाने के लिए लुभावने विज्ञापन का सहारा लेते हैं। विज्ञापन में ऐसी सुविधाएं भी दिखाई जाती हैं, जो दरअसल होती ही नहीं हैं। विज्ञापन में बताए गए घरों में जितनी फिटिंग व फिनिशिंग दिखाई जाती है, वह आपको मिलेंगी या नहीं, यह जानकारी जरूर लें। कई बार विज्ञापन में इस तरह की सुविधाएं लिखी होती हैं, जो बिल्डर के अधिकार क्षेत्र से बाहर होती हैं। मसलन, इमारत से कई साल बाद किसी हाइवे का गुजरना या मेट्रो रेल का आना। इस तरह की लुभावनी योजनाएं दिखाकर बिल्डर्स ग्राहकों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। वहीं सैंपल फ्लैट की चमक-दमक और बेहतरीन फिटिंग और जगह का भी सही इस्तेमाल दिखाकर भी ग्राहक फंसाए जाते हैं। बिल्डर बहुत चालाकी से वहां फिटिंग लगाते हैं और बेहतरीन कम्पनियों के सामान दिखाते हैं जबकि फ्लैट देते समय ऐसी सुविधाएं नजर नहीं आती।
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ऐसा है तो समझे खतरे की घंटी
- यदि बिल्डर फ्लैट का पूरा पैसा नकद मांग रहा हो।
- सम्पत्ति के मूल दस्तावेज मौजूद न हो।
- दस्तावेजों में किए गए दस्तखत में फर्क नजर आए।
- सम्पत्ति के दस्तावेज सादे कागज पर हो।
- सौदे के समय बिल्डर या उसका प्रतिनिधि मौजूद न हो।
- सम्पत्ति गिरवी रखी गई हो या उस पर कोई मुकदमा चल रहा हो।
- सम्पत्ति कर, बिजली का बिल, पानी का बिल जैसी चीजों का भुगतान रुका हो।
- सम्पत्ति पर बिल्डर के अलावा किसी और का कब्जा हो।
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बॉक्स
- अपार्टमेंट 18 मीटर से कम चौड़ी रोड पर नहीं बनता है।
- बीडीए से कम्पलीशन सर्टिफिकेट होना चाहिए।
- रिलेटेड अपार्टमेंट के साइट प्लान का कुल एरिया कितना है और कितने एरिया में अपार्टमेंट निर्मित है या उसका निर्माण प्रस्तावित है।
- सक्षम अधिकारी से नक्शा संबंधित लैंड के लिए ही पारित हो।
- इमारत का निर्माण पारित नक्शा के अनुरूप हो।
- फ्लैट की रजिस्ट्री के अपार्टमेंट एक्ट के प्रावधानों का पालन हुआ है या नहीं।
- फायर डिपार्टमेंट की एनओसी आवश्यक।
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सेट बैक एरिया और फायर एक्सटिंगुशर अपार्टमेंट में होना आवश्यक है। यदि, ऐसा नहीं है तो गलत है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
केएन रावत, सीएफओ