अप्लीकेंट्स करते हैं गलती, विभाग को होती है दिक्कत

भेजनी पड़ती है नोटिस, जिसमें रुपया और वक्त होता है जाया

>BAREILLY:

पासपोर्ट के लिए अप्लाई करने के वाले अप्लीकेंट्स के फार्म में एरर ने पासपोर्ट विभाग के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। दरअसल अप्लीकेंट्स फार्म भरते वक्त गलती कर देते हैं। जब विभाग पासपोर्ट बनाने की प्रोसेस को आगे बढ़ता है तो अप्लीकेशन में मिलने वाले एरर के चलते प्रक्रिया वहीं रुक जाती है। इसके बाद विभाग को फॉरेन मिनिस्ट्री के निर्देश के मुताबिक अप्लीकेंट्स को डाक के माध्यम से वर्ष में तीन से चार बार एरर और डिटेल मांगनी पड़ती है। इसके चलते जहां विभाग का आर्थिक नुकसान होता है। साथ ही वक्त भी जाया होता है।

हर महीने बंद हो रही फाइल

एक वर्ष पूरा होने पर जब अप्लीकेंट्स नोटिस के बावजूद एरर या फिर फार्म में कमियों को पूरा करने नहीं आते हैं तो उनकी फाइल साफ्टवेयर ऑटोमेटिक बंद कर देता है। अधिकारियों के मुताबिक हर महीने 30-40 फाइल बंद हो रही हैं। फाइल बंद होने से पहले प्रक्रिया पूरी करने में विभाग का समय नष्ट होता है। यदि अप्लीकेंट्स वकत पर आ जाए तो विभाग का समय भी बचे और उन्हें डाक के जरिए अप्लीकेंट्स को भेजने वाली नोटिस होने वाला अर्थिक नुकसान भी न उठाना पड़े। दरअसल फॉरेन मिनिस्ट्री के निर्देश के मुताबिक जिन अप्लीकेंट्स के आवेदन में कोई कमी या एरर है, तो पासपोर्ट विभाग उन्हें वर्ष में तीन से चार बार नोटिस भेजना पड़ता है। एक अप्लीकेंट को एक बार नोटिस भेजने में 40 रुपए खर्च आता है। इस हिसाब से हजारों रुपए का विभाग को नुकसान हाेता है।

साल गुजरने के बाद आई याद

ऐसे ही एक मामले में ट्यूजडे एक लेडीज अप्लीकेंट फाइल बंद होने पर अधिकारियों से भिड़ गई। अप्लीकेंट का कहना था कि एक वर्ष पहले पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया था लेकिन पासपोर्ट नहीं बना है। जबकि अधिकारियों के मुताबिक लेडीज अप्लीकेंट ने जब अप्लाई किया था तो उनके फार्म में कई एरर थे। नोटिस भेजने के बाद भी लेडी अप्लीकेंट विभाग नहीं पहुंची। असिस्टेंट पासपोर्ट अधिकारी नवीन वंद्र विष्ट का कहना है कि हर महीने फाइल क्लोज हो रही है और अप्लीकेंट्स द्वारा पूरा डॉक्यूमेंट न जमा करने से हो रहा है।